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केजीएमयू के दीक्षांत समारोह में भी दिखा कोलकाता रेप-मर्डर कांड के विरोध का असर

-मेधावी छात्रों ने काला रिबन बांधकर ली डिग्री और मेडल

-डॉ राजीव बहल और प्रो आशुतोष तिवारी को प्रदान की गयी डीएससी की उपाधि

सेहत टाइम्स

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय केजीएमयू के 20वें दीक्षांत समारोह में डिग्री पाने वाले मेधावियों को कुलाधिपति राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने डिग्री और मेडल प्रदान किये। दीक्षांत समारोह कोलकाता में महिला रेजीडेंट डॉक्टर की हैवानियत के साथ रेप के बाद की गयी हत्या को लेकर पूरे देश भर के चिकित्सा समुदाय में चल रहे विरोध प्रदर्शन से अछूता नहीं रहा। डिग्री लेने वाले छात्रों ने काला फीता बांधकर अपनी डिग्री और मेडल प्राप्त किये। डॉ मामचंद्रा को लाइफ टाइम एचीवमेंट पुरस्कार मिला है। कुलपति प्रो सोनिया नित्यानंद ने आये हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए केजीएमयू की प्रगति रिपोर्ट के बारे में बताया। इस मौके पर प्रति कुलपति प्रो अपजित कौर सहित सभी फैकल्टी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। दीक्षांत समारोह में डॉ राजीव बहल और मिल्टन एंड कैरॉल पैट्री डिपार्टमेंट ऑफ यूरोलॉजी ऐट मेडिसिन माउंट सिनाई न्यूयॉर्क यूएसए के एमडी, चेयरमैन प्रो आशुतोष तिवारी को डीएससी की उपाधि से विभूूषित किया गया।

टॉपर देवांशी को मिले सर्वाधिक प्रतिष्ठित हीवेट व चांसलर मेडल

एमबीबीएस की टॉपर देवांशी कटियार को हीवेट और चांसलर सहित 14 गोल्ड मेडल मिले, आकांक्षा को 6 गोल्ड मेडल व एक ब्रॉन्ज मेडल, बीडीएस की मोनिका चौधरी को तीन गोल्ड, दो सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल, बीडीएस के सौभाग्य अग्निहोत्री को 6 गोल्ड मेडल और 3 सिल्वर मेडल मिले।

डीएम-एमसीएच के टॉपर्स में डॉ बी गौतम रेड्डी, डॉ अभिषेक कुमार वर्मा, डॉ कीर्तिराज डीबी, डॉ नितेश देव, डॉ पूजा त्रिपाठी, डॉ सायन मुखर्जी, डॉ सौम्या गुप्ता और डॉ हेमन्त कुमार शामिल हैं। इनके अलावा एमएससी नर्सिंग में अंजू शुक्ला, पीजी थीसिस के लिए सरिता कुमार को अवॉर्ड मिला है। कुलाधिपति ने 1152 डिग्रियों को डिजीलॉकर में अपलोड किया।

डॉक्टरी को करियर नहीं, बल्कि जीवन जीने के एक तरीके के रूप में सोचें : डॉ राजीव बहल

दीक्षांत भाषण देते हुए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ राजीव बहल ने छात्र-छात्राओें को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप एक डॉक्टर या पोस्ट ग्रेजुएट या पीएचडी के रूप में जीवन की इस शानदार शुरुआत कर रहे हैं, मेरा पहला विचार यह है कि कृपया चिकित्सा को केवल जीविकोपार्जन के लिए एक करियर के रूप में न सोचें बल्कि जीवन जीने के एक तरीके के रूप में सोचें, मैं यह भी कहना चाहता हूं कि इस यात्रा में मानवीय मूल्य कभी भी फैशन से बाहर नहीं हो सकते चाहे दुनिया कितनी भी व्यावसायिक क्यों न हो जाए, मानवता और अपने रोगियों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए ईमानदारी की सेवा के मूल्य सबसे महत्वपूर्ण हैं, जिन्हें ध्यान में रखना है चिकित्सा भी जीवन भर सीखने का एक हिस्सा है, लगभग दैनिक आधार पर परिवर्तन होता है।उन्होंने कहा कि आपके प्रयासों से भारत स्वास्थ्य सेवा में एक वैश्विक नेता के रूप में उभरेगा, मैं आपसे यह कहना चाहता हूं कि आप अपने जुनून का पालन करें, जोखिम उठाएं और अपनी भूमिका का पालन करें, वास्तव में उत्कृष्टता की खोज में अपना हिस्सा बनाएं।

रास्ते भले ही अलग हों, लेकिन उद्देश्य हम सबका एक : ब्रजेश पाठक

चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी का नाम पूरी दुनिया में मशहूर है किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज अपने गठन काल से ही चिकित्सा के साथ-साथ चिकित्सा शिक्षा के अध्ययन के लिए उच्च कोटि का चिकित्सा संस्थान माना जाता रहा है। आज मुझे बताने में प्रसन्नता है कि आपकी मेहनत का ही नतीजा है कि यहां की ओपीडी में 7000 से 9000 की बड़ी संख्या में मरीज आते हैं जितने कई अस्पताल मिला दें तब भी वे पूरा नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि यहां के स्टूडेंट्स को मैं इसलिए बधाइयां देना चाहता हूं कि आपको एक अवसर दिया है आपके माता-पिता ने आपकी मेहनत ने कि आपके यहां प्रवेश करने के बाद आज एक डिग्री मिल रही है। आप नए जीवन में प्रवेश लेने वाले हो क्योंकि हम सब का उद्देश्य एक है रास्ता अलग-अलग हो सकता है मानव मात्र के कल्याण के लिए समाज के अंतिम व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए हम सब काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि हम सब मरीज को भगवान मानकर सेवा करें। यह मानें कि सामने जो मरीज हमारे आया है वह हमारे माता-पिता की तरह, हमारी बहन की तरह है। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है यहां से निकले स्टूडेंट यहां से निकले हमारे फैकल्टी मेंबर्स अपनी मेहनत के बदौलत देश दुनिया में नाम कमाएंगे मैं आप सबको उज्ज्वल भविष्य की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। सरकार से आपको जो सहयोग चाहिये, वह मिलेगा।

स्वास्थ्य को सम्पत्ति समझने की सलाह दी कुलाधिपति ने

समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलाधिपति राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों एवं भविष्य के चिकित्सकों को उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हूं। उन्होंने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति विश्व का कल्याण चाहने वाले एवं संपूर्ण विश्व को कुटुम्ब मानने वाली है इसलिए सभी के स्वास्थ्य एवं सुख की कामना हमारे देश में की जाती है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी कहते थे सोना-चांदी नहीं बल्कि स्वास्थ्य ही वास्तविक संपत्ति है लेकिन हम सोने-चांदी के पीछे पड़े हैं स्वास्थ्य संपत्ति के लिए हमें जो करना चाहिए वह नहीं करते हैं। इस प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान ने अनगिनत कुशल चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में वैज्ञानिक एवं अनुसंधानकर्ता देश और दुनिया को दिए जो यहां अर्जित अपने ज्ञान से प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से रोगियों का उपचार कर मानवता की सेवा कर रहे हैं। अनेक चिकित्सक तो ऐसे हैं जो देश और दुनिया के विशिष्ट सम्मान और पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं यहां के चिकित्सकों द्वारा अपने अद्भुत ज्ञान और विलक्षण प्रतिभा से अनेक बार असंभव दिखने वाला कार्य को संभव करके दिखाया है। उन्होंने कहा कि आपने चिकित्सा के नोबेल पेशे को चुना है यदि आप धन एवं प्रतिष्ठा मात्र ही अर्जित करना चाहते हैं, तो आप अन्य कोई व्यवसाय का चयन कर सकते थे परंतु आपके मन में मानवता की सेवा का भाव भी रहा होगा। उन्होंने कहा कि किसी के प्राण की रक्षा करने में जो संतोष मिलता है उसे केवल एक चिकित्सक की समझ सकता है।

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