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यूपी में अब घर बैठे मुफ्त में मिलेंगी केजीएमयू की गुणवत्ता वाली चिकित्सीय सेवाएं

-ई संजीवनी के तहत वीडियो कॉलिंग व चैट के माध्यम से हो रहे उपचार पर नजर रखेगा केजीएमयू

-उत्तर प्रदेश सरकार ने दी केजीएमयू में टेलीमेडिसिन सेवाओं के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना को मंजूरी

प्रो सोनिया नित्यानंद, कुलपति
डॉ शीतल वर्मा, नोडल इंचार्ज 

सेहत टाइम्स

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU), लखनऊ में “टेलीमेडिसिन सेवाओं के उत्कृष्टता केंद्र (Center of Excellence – COE)” की स्थापना को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस सेंटर की स्थापना के बाद ई संजीवनी ऐप के माध्यम से घर बैठे वीडियो कॉल या चेट के माध्यम से दी जा रही चिकित्सीय सेवाओं की गुणवत्ता पर केजीएमयू के विशेषज्ञों की नजर रहेगी, वहीं चिकित्सीय परामर्श देने वाले चिकित्सक भी केजीएमयू के विशेषज्ञों से राय-मशविरा कर सकेंगे, मोटे तौर पर देखा जाये तो प्रदेश के ​किसी भी कोने में रह रहे मरीज को घर बैठे ही चिकित्सीय परामर्श की क्वालिटी वही मिलेगी जो केजीएमयू में आकर दिखाने पर मिलती है।

टेलीमेडिसिन सेवाओं के इस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का प्रस्ताव केजीएमयू की टेलीमेडिसिन यूनिट की नोडल इंचार्ज डॉ शीतल वर्मा ने कुलपति प्रो सोनिया नित्यानंद के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश सरकार को भेजा था, जहां से इसे स्वीकृति प्राप्त हुई है, इस परियोजना को बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (BMGF) से अनुदान सहायता भी प्राप्त हुई है, जो परियोजना के संचालन में सहयोग प्रदान करेगा। राज्यभर में ई-संजीवनी प्लेटफॉर्म 2.0 के माध्यम से टेली-परामर्श सेवाओं की गुणवत्ता को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से की गयी यह पहल उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच, गुणवत्ता एवं समानता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। उम्मीद है कि वर्ष 2026 की शुरुआत में यह सेंटर मूर्त रूप लेकर लखनऊ और आसपास के जिलों से शुरुआत करेगा, जो कि बाद में प्रदेश के सभी जिलों में इसका विस्तार करेगा।

ज्ञात हो ई-संजीवनी ऐप भारत सरकार की एक राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा है जो नागरिकों को घर बैठे वीडियो कॉल या चैट के माध्यम से डॉक्टरों और विशेषज्ञों से मुफ्त ऑनलाइन परामर्श (टेली-परामर्श) की सुविधा देती है, ई संजीवनी योजना में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा पीएचसी, सीएचसी और तृतीयक लेवल के अस्पतालों के चिकित्सकों को जोड़ा गया है। इन चिकित्सकों से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लोग आसानी से स्वास्थ्य सलाह, दवाएं और नुस्खे प्राप्त कर सकते हैं, यह ऐप “डॉक्टर से मरीज़” (eSanjeevani OPD) और “डॉक्टर से डॉक्टर” (eSanjeevani AB-HWC) दोनों तरह के परामर्श प्रदान करता है और डिजिटल स्वास्थ्य कवरेज बढ़ाने में मदद करता है।

टेलीहेल्थ ने विशेष रूप से दूरदराज़ और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ई-संजीवनी प्लेटफॉर्म इस परिवर्तन की अग्रिम पंक्ति में रहा है। टेली-परामर्श की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के महत्व को समझते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार ने केजीएमयू द्वारा प्रस्तुत इस व्यापक और दूरदर्शी प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है।

मिली जानकारी के अनुसार प्रमुख हितधारकों और विशेषज्ञों के परामर्श से तैयार इस प्रस्ताव में राज्य में टेलीमेडिसिन सेवाओं से जुड़ी मौजूदा चुनौतियों के समाधान तथा गुणवत्ता सुधार के लिए बहुआयामी रणनीति प्रस्तुत की गई है। स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना करते हुए जो कार्य किये जायेंगे उनमें टेली-परामर्श की गुणवत्ता की निगरानी के लिए मेंटर्स एवं ग्रुप प्रैक्टिस मैनेजर्स (GPMs) की तैनाती करना, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए प्रशिक्षण सामग्री एवं विभिन्न प्रकार के रोगों के उपचार की एक स्टैंडर्ड गाइडलाइन तैयार करते हुए संचालन प्रक्रियाओं (SOPs) का विकास करना होगा, नैदानिक एवं प्रलेखन गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए गुणवत्ता ऑडिट एवं मूल्यांकन की व्यवस्था करना, विशेषज्ञ सेवाओं का विस्तार एवं नवीन टेलीमेडिसिन नवाचारों की खोज करना तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) एवं सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (C-DAC) जैसे सहयोगी संस्थानों के साथ समन्वय स्थापित किया जाना शामिल है।

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की स्वीकृति पर कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह ऐतिहासिक पहल स्वास्थ्य सेवा वितरण में तकनीक के प्रभावी उपयोग के प्रति उत्तर प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। टेली-परामर्श की गुणवत्ता में सुधार के माध्यम से राज्य का उद्देश्य रोगी देखभाल को बेहतर बनाना, संसाधनों का प्रभावी उपयोग करना तथा शहरी–ग्रामीण स्वास्थ्य असमानताओं को कम करना है।

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का प्रस्ताव तैयार करने वाली केजीएमयू टेलीमेडिसिन यूनिट की नोडल इंचार्ज डॉ. शीतल वर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि इस परिवर्तनकारी प्रस्ताव की स्वीकृति की घोषणा करते हुए हमें अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। यह उत्तर प्रदेश में टेलीमेडिसिन उत्कृष्टता के एक नए युग की शुरुआत है। रणनीतिक सहयोग और समन्वित प्रयासों के माध्यम से हम स्वास्थ्य सेवाओं के मानकों को ऊँचा उठाने और राज्य के प्रत्येक नागरिक तक समान रूप से गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

स्वीकृत प्रस्ताव का क्रियान्वयन शीघ्र ही चरणबद्ध तरीके से प्रारंभ किया जाएगा, ताकि दीर्घकालिक और सतत प्रभाव सुनिश्चित किया जा सके। स्वास्थ्य नवाचार और समावेशी सेवाओं की दिशा में आगे बढ़ते हुए, ई-संजीवनी प्लेटफॉर्म 2.0 उत्तर प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण एवं सुलभ टेलीमेडिसिन सेवाओं का एक सशक्त माध्यम बनेगा। उनहोंने कहा कि इस परियोजना के संचालन में Jhpiego तथा बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा सहयोग प्रदान किया जाएगा।

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