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नये-नवेले डॉक्टरों को ईमानदारी और सेवा के साथ मानवीय संवेदना रखने की सीख दी कुलाधिपति ने

-केजीएमयू के 21वें दीक्षांत समारोह में टॉपर तनुश्री सहित सभी मेधावियों को दिये मेडल व अन्य पुरस्कार

-केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और भाजपा के नये प्रदेश अध्यक्ष केंद्रीय राज्यमंत्री पंकज चौधरी भी मौजूद रहे

 

सेहत टाइम्स

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल, कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के 21वें दीक्षांत समारोह में पासआउट चिकित्सकों का आह्वान किया है कि यहां से पास होकर निकलना एक बड़ी उपलब्धि है, अब आपको मानवीय संवेदना रखते हुए देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को ईमानदारी और सेवाभाव के साथ निर्वहन करना है। कुलाधिपति ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आपको यह समझना होगा कि चिकित्सा एक व्यवसाय नहीं बल्कि सेवा है, जिससे आप जरूरतमंद लोगों की मदद कर सकते हैं।

20 दिसम्बर को आयोजित दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए आनंदी बेन पटेल ने अपने सम्बोधन में कहा कि मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि अब बहुत बदलाव आ रहा है पहले समाज में महिलाएं बहुत पीछे थीं. उनकी पढ़ने की इच्छा होने के बावजूद पढ़ने नहीं दिया जाता था लेकिन अब जब महिलाओं को मौका मिला है तो उन्होेंने दिखा दिया कि हमें सिर्फ मौका चाहिये। प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में लगभग 80 प्रतिशत अवॉर्ड महिलाओं ने अपने नाम किये हैं। केजीएमयू की एमबीबीएस की छात्रा तनुश्री सिंह ने प्रतिष्ठित हीवेट मेडल सहित 6 स्वर्ण, दो रजत पदक व बुक प्राइज हासिल करके टॉप किया है जबकि एमबीबीएस के मयंक सुहाग ने प्रतिष्ठित चांसलर मेडल सहित चार गोल्ड मेडल व बुक प्राइज हासिल कर दूसरा स्थान हासिल किया है।

समारोह में विभिन्न पाठ्यक्रमों से उत्तीर्ण 2,441 छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गईं, जिनमें MBBS, BDS, MD/MS, DM/M.Ch, MDS, नर्सिंग, डेंटल, पीएचडी तथा सुपर स्पेशियलिटी पाठ्यक्रम शामिल थे। इस अवसर पर 81 छात्र-छात्राओं एवं एक संकाय सदस्य को उनकी उत्कृष्ट शैक्षणिक, चिकित्सकीय एवं शोध उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया।​ पुरस्कारों में स्वर्ण एवं रजत पदक, प्रशस्ति पत्र, पुस्तक पुरस्कार, नकद पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ शोध-प्रबंध एवं सर्वश्रेष्ठ रेज़िडेंट पुरस्कार शामिल रहे। समारोह में प्रो. अजय कुमार सूद, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, भारत सरकार, नई दिल्ली को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि (Honoris Causa) प्रदान की गई। प्रो. सूद ने दीक्षांत भाषण देकर चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान एवं नवाचार की बदलती दिशा पर अपने विचार साझा किए।​

स्वास्थ्य के क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व कर रहा है भारत : जेपी नड्डा

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि भारत स्वास्थ्य के क्षेत्र में आज विश्व का नेतृत्व कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व मे भारत वैश्विक स्वास्थय समस्याओं का हल इसलिये सफलतापूर्वक निकाल रहा है क्योंकि भारत के पास विश्व स्तर का इन्फ्रास्ट्रक्चर, संस्थायें और सुविधायें मौजूद है। उन्होंने कहा कि नए भारत में बुनियादी सुविधाओं के अभाव में डाक्टरों ने भारत छोड़ना बंद कर दिया है।श्री नड्डा ने कहा कि आज-देश की जनता को ये समझने की जरूरत है कि भारत सिर्फ देश की नहीं बल्कि विदेश की भी स्वास्थ्य सुविधाओं को केटर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारी ताकत बनी है और इसको हमको आगे बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि आज कोविड के वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट अमेरिका कागज पर देता है और भारत कोविन पर आपके मोबाइल पर आपको सर्टिफिकेट देता है। यह बदलता भारत है। यही है डिजिटल इंडिया।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत में शुरु की गई प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा देश के 62 करोड़ लोगों आयुष्मान भारत योजना के तहत ₹5 लाख का हेल्थ कवरेज दिया जा रहा है जो कि कोई मामूली बात नहीं है।केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा देश के नीति निर्धारकों में इतनी क्षमता होती है कि वे परिवर्तन ला सकते है । उन्होंने कहा कि बीसवीं शताब्दी के अंत तक भारत के पास सिर्फ एक ही ऑल इंडिया इन्स्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) था लेकिन आज भारत के पास कुल 23 ऑल इंडिया इन्स्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एक समय था जब हमारे पास सिर्फ 387 मेडिकल कॉलेज थे लेकिन आज 819 मेडिकल कॉलेज हैं। उन्होंने कहा कि पहले 51 हजार अंडरग्रेजुएट सीट्स थी और अब 1 लाख 19 हजार मेडिकल अंडरग्रेजुएट सीट्स हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पहले सिर्फ 31 हजार पीजी सीट्स थी, अब 80 हजार पीजी सीट्स हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के विज़न के अनुरुप 2029 तक हमारे पास और 75 हजार एडिशन मेडिकल सीट्स होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मेडिकल एजुकेशन में आज कितना बड़ा परिवर्तन आ रहा है इसको हमको समझना पड़ेगा।

मंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा 70 वर्ष से ऊपर के लोग जो चाहे किसी भी वर्ग , जाति, मजहब या वित्तीय स्तर के हों सबको आखिरी सांस तक भारत सरकार द्वार ₹5 लाख का हेल्थ कवर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरीके की व्यवस्था तो प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनियां भी नहीं देती। उन्होंने कहा कि देश के बुजुर्गों को प्राईवेट कंपनियां 60-70वर्ष की उम्र के बाद इंश्योरेंस देना बंद कर देती है लेकिन भारत सरकार एश्योरेंस ही 70 साल से शुरू करते हैं और अंतिम सांस तक सेवा करने के लिए तैयार रहती है।

इंस्टीट्यूट ऑफ़ नेशनल इम्पोर्टेंस का दर्जा दिया जाये केजीएमयू को : पंकज चौधरी

वित्त राज्यमंत्री व भाजपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पंकज चौधरी ने केंद्रीय स्वास्थ मंत्री जेपी नड्डा से निवेदन किया कि के.जी.एम.यू. को इंस्टीट्यूट ऑफ़ नेशनल इम्पोर्टेंस का दर्जा दिया जाए। उन्होंने छात्रों को सम्बोधित करते हूए कहा कि पहले एंट्रेंस परीक्षा फिर डिग्री हासिल करने में आप सभी ने कड़ी मेहनत की है, इसके लिए बधाई के पात्र हैं, उन्होंने कहा कि केजीएमयू उपलब्धियों के कारण देश के सम्मानित मेडिकल संस्थानों में शामिल है, लाखों मरीजों का यहां इलाज किया जाता है. आपको मानवीय संवेदनाएं कभी समाप्त नहीं होने देना है। देश की चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर करने में आपको अपना योगदान देना है।

रविवार को भी ओपीडी की तरह डॉक्टर को दिखाने की सुविधा : ब्रजेश पाठक

ब्रजेश पाठक ने कहा कि आज से आपका जीवन और चुनौतीपूर्ण हो रहा है, आपने बहुत उतार-चढ़ाव इस राह में देखें होंगे. आपकी कड़ी मेहनत का नतीजा है, कि आज आप सभी को सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि केजीएमयू का गौरवशाली इतिहास रहा है। शैक्षणिक ही नहीं, उपचार के दृष्टिकोण से भी केजीएमयू ने उपलब्धियां हासिल की हैंं, यहां लाखों की संख्या में मरीज इलाज कराने आते हैं। रोजाना 10 हजार मरीज ओपीडी पहुंचते हैं. ट्रॉमा सेंटर में 500 से अधिक गंभीर मरीजों का इलाज होता है। उन्होंने कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश में 81 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सरकार द्वारा बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। यहां एनएचएम द्वारा छोटे-छोटे आयुष्मान केंद्र, हेल्थ सेंटर खोले गए है, इससे ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को वहीं इलाज मिल जाता है। उपचार की उपलब्धता के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि रविवार को सभी अस्पतालों की ओपीडी बंद रहती है, तो हर रविवार को आरोग्य मंदिर कार्यक्रम आयोजित होता है, ताकि मरीज को रविवार को भी इलाज मिल सके।  समारोह में विशिष्ट अतिथि के तौर पर चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह भी शामिल हुए।

इससे पूर्व केजीएमयू की कुलपति पद्मश्री डॉ. सोनिया नित्यानंद ने संस्थान की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि 2025 में कुल 18 हजार 900 ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुए हैं। यहां कुल 62 विभाग हैं इनमें 53 मेडिकल तथा 9 डेंटल के विभाग हैं। यूजी की 540 तथा पीजी की 677 सीटें यहां उपलब्ध हैं, जबकि रोगियों की भर्ती करने के लिए 4250 बेड उपलब्ध हैं।

 

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