लखनऊ। प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा है कि प्रदेश में स्वच्छ भारत अभियान को गति देने के लिए जन सहभागिता को प्रमुखता दी जायगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने सभी चिकित्सालयों की साफ-सफाई के लिए एक विशेष अभियान चला रखा है, ताकि अस्पताल में आने वाले मरीजों को बेहतर वातावरण मिल सके।
स्वच्छता अभियान में इटावा का जिला अस्पताल अव्वल
प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आज स्थानीय इन्दिरा गंाधी प्रतिष्ठान में स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत कायाकल्प अवार्ड योजना में उत्कष्ट प्रदर्शन करने वाले चिकित्सालयों को पुरस्कृत करने के उपरान्त आयोजित सामारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अभियान के तहत इटावा के जिला चिकित्सालय को प्रथम पुरस्कार मिला है, दूसरे स्थान पर ललितपुर का जिला महिला चिकित्सालय तथा तीसरे स्थान पर लखनऊ का डफरिन महिला अस्पताल रहा। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारियों को चिकित्सालयों के स्वच्छ प्रबंधन के लिए अवार्ड प्राप्त होने की बधाई देते हुए कहा कि इनसे सभी चिकित्सालयों के अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने स्वच्छता कार्यक्रम को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। सरकार का सतत प्रयास है कि देश-प्रदेश के शहरों एवं गांवों के साथ ही सभी स्थान स्वच्छ रहें। उन्होंने कहा कि यह कार्य जन सहभागिता के बिना संभव नहीं है। इसी लिए लोगों को इसके लिए जागरुक करना पड़ेगा। उन्होंने चिकित्सालय के अधिकरियों एवं चिकित्सकों से कहा कि अस्पताल की व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाए।
डॉक्टर खुद पीकर देखें पानी पीने लायक है या नहीं
उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि कुछ अस्पतालों में पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं रहती है, कुछ अस्पतालों में पीने का पानी पीने योग्य नहीं रहता है, जबकि अस्पताल के चिकित्सक और अधिकारी आरओ का पानी घर से लेकर आतें हैं। चिकित्सक स्वयं अस्पताल के पानी को पी कर देखें कि ये आम जन के लिए उपयोगी है या नहीं।
सुधार हुआ है लेकिन अभी और चाहिये : रीता बहुगुणा जोशी
इस अवसर पर परिवार कल्याण मंत्री प्रो. रीता बहुगुणा जोशी ने अस्पतालों में सफाई व्यवस्था और चिकित्सकों द्वारा कर्तव्यों के निर्वहन पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन एक बहुत बड़ी मुहिम है। हमारे सरकारी अस्पतालों में यद्यपि बहुत सुधार हुआ है तथापि व्यवस्था में सुधार किए जाने हेतु आज भी बड़े स्तर पर प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों कीं संख्या को देखते हुए पुरस्कार के लिए चयनित अस्पतालों की संख्या बेहद कम है, इसलिए यह आवश्यक है कि स्वच्छता मिशन को इस स्तर पर लाया जाय कि अवार्ड के लिए चयन किया जाना आसान न रहे। उन्होंने अपने संबोधन में अस्पतालों में शौचालयों को स्वच्छ रखने पर जोर दिया। चिकित्सकों के कर्तव्य पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि चिकित्सक वेतन के बदले सेवा नहीं देते अपितु वे सेवा की अपनी शपथ से बंधे होते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी चिकित्सा व्यवस्था इनती बेहतर होनी चाहिए कि चिकित्सा के लिए विदेश की ओर देखना ही न पड़े।
अस्पतालों का कायाकल्प करना जरूरी
चिकित्सा स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह ने कायाकल्प की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि वर्तमान परिवेश में अस्पतालों का कायाकल्प करना आवश्यक हो गया है। राज्य सरकार द्वारा अस्पतालों की व्यवस्था को उत्कृष्ट बनाने पर विशेष बल दिया जा रहा है।
42 चिकित्सालयों को मिला पुरस्कार
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत चिकित्सालयों की स्वच्छता सुदृढ़ किए जाने के उद्देश्य से कायाकल्प-अवार्ड स्कीम के अंतर्गत राज्य स्तरीय कायाकल्प अवार्ड समिति उप्र द्वारा जिला चिकित्सालय-इटावा को प्रथम स्थान हेतु रु0 50.00 लाख, जिला महिला चिकित्सालय को ललितपुर को द्वितीय स्थान हेतु रु0 20.00 लाख तथा वीरांगना अवन्ती बाई महिला चिकित्सालय, लखनऊ को तृतीय स्थान हेतु रु0 10.00 लाख धनराधि की औपचारिक घोषणा की गई। इसके अतिरिक्त डॉ. राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय लखनऊ, डॉ. श्यामा प्रसाद चिकित्सालय लखनऊ, पं. दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय वाराणसी, वीरांगना झलकारी बाई महिला चिकित्सालय लखनऊ, जिला चिकित्सालय झांसी, जिला महिला चिकित्सालय मुजफ्फरनगर, बलरामपुर चिकित्सालय लखनऊ, जिला संयुक्त चिकित्सालय गाजियाबाद, जिला महिला चिकित्सालय मेरठ एवं तेग बहादुर सपू्र चिकित्सालय इलाहाबाद को सांत्वना पुरस्कार के रूप में रु 3.00 लाख प्रति चिकित्सालय की दर से प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की गई।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र श्रेणी में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मुरादाबाद, गाजियाबाद को प्रथम स्थान हेतु 15 लाख तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सिधौली को द्वितीय स्थान हेतु रु 10 लाख की प्रोत्साहन धनराशि दी जाएगी। इसके अतिरिक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र-पिपराइच, गोरखपुर, चोलापुर, वाराणसी, चिनहट, लखनऊ, बक्शी का तालाब लखनऊ, मलिहाबाद लखनऊ, गढ़मुक्तेश्वर, हापुड़, फतेहपुर, सहारनपुर संडीला, हरदोई, गोसाईगंज लखनऊ को सांत्वना पुरस्कार रु 1.00 लाख प्रति चिकित्सा इकाई की दर से प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की गई।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र श्रेणी के अंतर्गत सकरार-झांसी, सरवनखेड़ा-कानपुर देहात, ब्रह्मपुर-गोरखपुर, निगोहा-लखनऊ , मरुवाटिया-बस्ती, बिछिया-उन्नाव, बिठूर-कानपुर नगर, धानूपुर-इलाहाबाद, बूढ़बराल-मेरठ, झकोरा-ललितपुर,कमलापुर-सीतापुर, हरचन्दपुर- रायबरेली, डकोर-जालौन, कुआंटाड़ा- बरेली, को जनपद में प्रथम स्थान हेतु 2 लाख रुपये प्रति चिकित्सा इकाई की दर से प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त बरुआसागर-झांसी, बामौर-झांसी , अम्बाबे-झांसी, सरोजनी नगर-लखनऊ को सांत्वना पुरस्कार के रूप में रु 50 हजार प्रति चिकित्सा इकाई की प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की गई।
प्रभारियों को मिला स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र
अवार्ड हेतु चयनित चिकित्सा इकाइयों के प्रभारियों को स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। साथ ही कायाकल्प अवार्ड योजना में अभूपूर्व योगदान देने वाले एक्सटर्नल असेसर्स तथा क्वालिटी एश्योरंस कार्यक्रम के परामर्शदाताओं एवं हास्पिटल क्वालिटी मैनेजरों को भी प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अरुण कुमार सिन्हा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक आलोक कुमार, चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ. पद्माकर सिंह सहित स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी तथा कायाकल्प अवार्ड योजना में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले चिकित्सालयों के पुरस्कृत अधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।