Sunday , November 24 2024

नशे से दूर रखने के लिए युवाओं के साथ संवाद जरूरी

राघवेन्दु सेवा समिति के सेमिनार में न्यायमूर्ति अरविन्द त्रिपाठी का आह्वïन

लखनऊ। युवा पीढ़ी को नशे से बचाने के लिए उन्हें संस्कार देने के साथ ही उनके साथ संवाद करना जरूरी है। इसके लिए आवश्यक है कि पारिवारिक माहौल अच्छा रखा जाये। यह उद्गार न्यायमूति अरविन्द त्रिपाठी ने बुधवार को यहां राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में राघवेन्दु सेवा समिति द्वारा आयोजित सम्मान समारोह व सेमिनार में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि नशा एक सामाजिक अभिशाप है। यह युवाओं में जहर की तरह फैल रहा है।

हर वर्ग का सहयोग जरूरी : परवीन तलहा

वर्ष 2000 से नशे के खिलाफ काम कर रही राघवेन्दु सेवा समिति द्वारा युवाओं में बढ़ती नशा की लत-ङ्क्षचता और चुनौतियां विषय पर आयोजित कार्यक्रम में न्यायमूर्ति अरविन्द त्रिपाठी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे तथा पद्मश्री परवीन तलहा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। परवीन तलहा ने कहा कि नशा रोकने की जिम्मेदारी अकेले सरकार की नहीं है इसमें हर वर्ग के लोगों के सहयोग की जरूरत है।

सेल्फी लेना भी एक नशा

इस मौके पर राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान एनबीआरआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ सुदर्शन कुमार ने नशे के बारे में बोलते हुए कहा कि सेल्फी लेना भी बहुत लोगों के लिए नशा है और इसकी परिणीत कई बार दुर्घटनाओं के रूप में सामने आती है। उन्होंने कहा कि घर से ही संस्कार दिये जाते है उन्होंने अपना जिक्र करते हुए कहा कि मैंने 55 देशों की यात्रा की है लेकिन कभी पान तक नहीं खाया।

बच्चों को समय जरूर दें

तारिक सिद्दीकी ने कहा कि माता-पिता को चाहिये कि वे अपने बच्चों को समय जरूर दें। उन्होंने कहा कि उनकी तीन साल की बेटी की यू ट्यूब देखने की आदत पड़ गयी थी लेकिन जैसे ही हम लोगों को अहसास हुआ तो उस पर ध्यान दिया उसको दूसरी बातों से बहलाया नतीजा यह कि उसकी आदत छूट गयी।

बैन होने चाहिये नशीले पदार्थ

डॉ. श्रीकांत शुक्ला ने कहा कि आजकल एकल परिवार का चलन हो गया है, पहले संयुक्त परिवार थे तो कोई न कोई बड़ा बच्चों पर नजर रखे रहता था अब बच्चों को टोकने वालों की कमी हो गयी है। उन्होंने कहा कि बच्चों की पहली पाठशाला घर होती है। उन्होंने यह भी कहा कि नशीले पदार्थों पर बैन करने की मांग होनी चाहिये।
संस्था के संयुक्त सचिव व कार्यक्रम के संयोजक जितेन्द्र पाठक ने नशे से होने वाली आर्थिक और सामाजिक हानियों के बारे में बताया जबकि समिति के प्रबंधक प्रदीप तिवारी ने बताया कि युवाओं को जागरूक करके ही नशामुक्त भारत की परिकल्पना की जा सकती है। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मद्यनिषेध विभाग द्वारा प्रदर्शनी भी लगायी गयी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.