केजीएमयू इंस्टिट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेस ने विश्व स्वास्थ्य दिवस पर आयोजित किये कार्यक्रम
पैरामेडिकल छात्रों के लिए नौकरी के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराने की मांग मंत्री से उठायी गयी
लखनऊ। स्वस्थ जीवन शैली एवं स्वच्छता को अपनाकर वैश्विक स्वास्थ्य को पाया जा सकता है भारत एक उष्णकटिबंधीय देश है इसलिए हम लोगों के लिए यह जरूरी है कि हम पानी का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें जिससे कि गुर्दे की बीमारी से बचा जा सके।
यह सुझाव किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय केजीएमयू के कुलपति प्रोफ़ेसर एमएलबी भट्ट ने आज विश्व स्वास्थ्य दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इस बार दी गई थीम हेल्थ फॉर ऑल पर अपने विचार प्रकट करते हुए दिये। केजीएमयू इंस्टिट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेस द्वारा विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसी क्रम में आयोजित संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रोफेसर भट्ट ने कहा कि हमारे देश में होने वाले कैंसर में एक तिहाई कैंसर रोगी तंबाकू जनित कैंसर के होते हैं इसलिए यह जरूरी है कि तंबाकू, शराब, सिगरेट का सेवन नहीं किया जाए। इसी प्रकार प्रोसेस्ड फूड और फास्ट फूड का सेवन कम से कम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे देश की करीब 3% आबादी प्रतिवर्ष स्वास्थ्य पर खर्च के कारण गरीबी रेखा के नीचे चली जाती है, उत्तर प्रदेश में यह स्थिति और भी भयावह है। यहां पर प्रत्येक वर्ष करीब 6% लोग स्वास्थ्य पर खर्च की वजह से गरीबी की रेखा से नीचे चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि 70 वर्ष की आजादी के बाद भारत सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में अब बड़ा कदम उठाया गया है, जिसके तहत आयुष्मान योजना में 10 करोड़ परिवारों के लगभग 50 करोड़ लोगों के लिए 5 लाख् का बीमा किया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य की दिशा में यह पहला कदम है।
कुलपति ने कहा कि पूरे देश के चिकित्सा संस्थानों में केजीएमयू को पांचवां स्थान प्राप्त हुआ है, यह भी गर्व की बात है क्योंकि हमको प्रति मरीज के हिसाब से मात्र 550 रुपये प्राप्त होते हैं जबकि AIIMS को 3700 और PGI को 1200 रुपये प्रति मरीज प्राप्त होते हैं। उन्होंने बताया अभी हाल ही में भारत सरकार के परिवार कल्याण मंत्रालय के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा विश्वविद्यालय के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग का निरीक्षण किया गया था, दल के सदस्यों ने विभाग द्वारा किए जा रहे है कार्यों की प्रशंसा की, उनका कहना था अपनी क्षमताओं से ज्यादा मरीज के उपचार पर खर्च करना एक बहुत अनुकरणीय कार्य है क्योंकि बेड फुल होने पर एक बेड पर दो-दो मरीजों का इलाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया विभाग में प्रत्येक वर्ष करीब 12000 बच्चों का जन्म होता है इनमें से 9000 बच्चों का जन्म तो दूसरे अस्पतालों से गंभीर अवस्था में रेफर प्रसूताओं के बच्चों का कराया जाता है।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक ने कहा पैरामेडिकल स्टाफ के बिना मेडिकल साइंस संभव नहीं है उन्होंने उपस्थित छात्रों से कहा क्या कि आप लोग बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य के लिए चुने गए हैं, उन्होंने आश्वासन दिया कि हम आप लोगों की नौकरी की आवश्यकता को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। इसके पहले सरकार पैथोलॉजी के निदेशक पद्मश्री डॉक्टर एस एस सरकार द्वारा केजीएमयू के विद्यार्थियों को प्रदान करने के लिए विभिन्न शैक्षणिक पुरस्कारों के लिए 10 लाख रुपए का चेक दिया गया। कुलपति ने कहा कि डॉक्टर सरकार द्वारा दिए गए इस आर्थिक सहयोग से विद्यार्थियों को चार गोल्ड मेडल प्रदान किए जाएंगे।
इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ अधिष्ठाता पैरामेडिकल संकाय प्रोफेसर विनोद जैन के स्वागत संबोधन से हुआ। उन्होंने अपने सम्बोधन में बताया कि केजीएमयू इंस्टिट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज का शुभारंभ 9 सितंबर 2015 को हुआ था, उस समय संस्थान में कुल 400 सीटों पर 12 विभिन्न डिप्लोमा पाठ्यक्रमों का संचालन किया जा रहा था, अब यह बढ़कर 13 हो गया है। उन्होंने समारोह में उपस्थित मंत्री से स्वास्थ्य के क्षेत्र में तकनीशियनों को नौकरी का अवसर उपलब्ध कराने के लिए पद सृजित कराने का अनुरोध किया। इसी प्रकार अधिष्ठाता नर्सिंग संकाय प्रोफ़ेसर मधुमती गोयल ने मंत्री से मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टाफ की दिक्कतों को शासन एवं सरकार तक पहुंचाने का अनुरोध किया। प्रो गोयल ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में विभिन्न तरह के रोगियों को जो निशुल्क उपचार दिया जाता है उसके लिए भी एक नीति बनाने की जरूरत है। डा अनिता परिहार ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस मौके पर विभागाध्यक्ष न्यूरोलॉजी प्रो आरके गर्ग, प्रो जीपी सिंह सहित कई विभाग के संकाय सदस्य उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम से पूर्व सुबह 9:00 बजे एक स्वास्थ्य जागरूकता रैली भी निकाली गई, इसमें कुलपति प्रोफ़ेसर भट्ट के साथ प्रोफेसर विनोद जैन, प्रोफेसर आरएएस कुशवाहा के साथ ही पैरामेडिकल संकाय के संकाय सदस्यों एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया। यह रैली प्रशासनिक भवन से प्रारंभ होकर ओपीडी होते हुए कलाम सेंटर तक गई।