केजीएमयू में आयोजित अतिथि व्याख्यान में आह्वïन किया पूर्व कुलपति ने
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय केजीएमयू के पूर्व कुलपति व वर्तमान में डेट्रायट स्थित वट्टी कुटी यूरोलॉजी इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो महेन्द्र भंडारी शनिवार को केजीएमयू में अतिथि व्याख्यान दिया। अपने व्याख्यान में उन्होंने मशहूर अर्थशास्त्री एडमस्मिथ के प्रसंगों के माध्यम से आह्वïान किया कि धन को अधिक महत्व न देकर गरीबों की आवश्यकता के अनुरूप उपचार के नये-नये तरीके विकसित करें।
केजीएमयू के कलाम सेंटर में संकाय सदस्यों, रेेजीडेंट डॉक्टरों के साथ ही छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए प्रो.भंडारी ने कहा कि ऐसा करने से आपको जो आत्मसंतुष्टि प्राप्त होगी, वह अविस्मरणीय होगी। उन्होंने बताया किस प्रकार एक डॉक्टर अपने मरीज की आवश्यकता के अनुसार उपचार को विकसित कर उसे लाभ पहुंचा सकता है। लगातार एक ही प्रकार की सर्जरी करना निपुणता की श्रेणी में नहीं आता।
प्रो0 भण्डारी ने एयरबस 369 का उदाहरण देते हुए यह बताया कि किस प्रकार 100 से अधिक देशों से निर्मित उपकरणों के माध्यम से उक्त एयरबस का निर्माण किया गया है। यह आपसी सहयोग का एक बेहतर उदाहरण है। इससे प्रेरणा लेकर मेडिकल साइंस के विभिन्न विभाग संयुक्त प्रयास कर असम्भव को सम्भव बना सकते हैं।
इस अवसर पर चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 एम0एल0बी0 भट्ट ने पद्मश्री प्रो0 महेन्द्र भण्डारी को एक स्मृति चिन्ह भेंट किया तथा उन्होंने उनका धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि वह इस तरह आगे भी विश्वविद्यालय में संकाय सदस्यों एवं छात्रों का मार्गदर्शन करते रहेंगे।