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दवा लाइसेंस प्रक्रिया में जानबूझकर किये जा रहे विलम्ब पर हस्तक्षेप की मांग की केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स ने

-दो माह पूर्व भी की थी शिकायत, पूरी तरह से अब भी नहीं हो पाया परेशानियों का निराकरण

सुरेश गुप्ता

सेहत टाइम्स

लखनऊ। केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स फेडरेशन उत्तर प्रदेश ने दवा लाइसेंस प्रक्रिया में जानबूझकर किये जा रहे विलम्ब पर नाखुशी जाहिर करते हुए इस पर तत्काल विचार करते हुए कार्यवाही की मांग की है।

फेडरेशन के महामंत्री सुरेश गुप्ता ने फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन उत्तर प्रदेश के कमिश्नर राजेश कुमार को आज 14 अप्रैल, 2025 को पत्र लिखकर इस विषय में दो माह पूर्व किये गये अनुरोध पर कमिश्नर द्वारा तुरंत संज्ञान लेने के लिए आभार प्रकट करते हुए कहा है कि यद्यपि दवाओं के थोक एवं फुटकर लाइसेंस के रिटेंशन मामलों पर अब ध्यान दिया जा रहा है, लेकिन दो महीने बाद भी, राज्य में औषधि लाइसेंसिंग प्राधिकरण (डीएलए) और औषधि निरीक्षक के स्तर पर एफएसडीए अधिकारियों द्वारा अब भी कई मामले लंबित हैं, जहां सिस्टम की गलती के कारण जारी करने की तारीख, समाप्ति आदि गलत छपी हुई हैं।

पत्र में लिखा है कि दवा व्यापार से खुदरा और थोक विक्रेताओं को अभी भी प्रतिधारण/नवीनीकरण और नए औषधि लाइसेंस जारी करने के नाम पर डीएलए और डीआई द्वारा शोषण किया जा रहा है। ये समस्याएं अधिक गंभीर होती जा रही हैं और इस पर आपके तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। पत्र में अनुरोध किया गया है कि इन प्रशासनिक/तकनीकी समस्याओं पर व्यक्तिगत रूप से विचार करें तथा राज्य के असंख्य औषधि लाइसेंस धारकों को राहत प्रदान करें, ताकि वे स्वतंत्र रूप से काम कर सकें तथा राज्य के मरीजों को औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।

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