सरकारी अस्पतालों के ब्लड बैंक में प्रोसेसिंग फीस सरकार ने की खत्म, अस्पतालों को इस मद की धनराशि मिलेगी एनएचएम से
लखनऊ। सरकारी अस्पताल हो या अन्य सरकारी संस्थान, इन जगहों पर इलाज कराना हुआ और आसान, क्योंकि खून की कमी हो या सर्जरी करानी हो, मरीजों को खून की आवश्यकता पड़ती है। अब मरीजों को सरकारी ब्लड बैंकों में खून प्राप्त करने के लिए प्रोसेसिंग शुल्क नहीं देना पडेग़ा। इतना ही नहीं, सरकार के इस कदम से अस्पताल को भले ही सरकारी बजट इंतजार करना पडे़, मगर मरीजों को आर्थिक लाभ मिलने के साथ ही, खून के लिए होने वाली दलाली पर भी रोक लग सकेगी। लोहिया अस्पताल प्रशासन ने शासनादेश जारी होने के तुरन्त बाद ही अमल भी शुरू कर दिया है, जबकि सिविल व बलरामपुर आदि अन्य अस्पतालों में क्रियान्वयन का इंतजार हो रहा है।
आपको बता दें कि स्टेट गवर्मेन्ट ने, नेशनल हेल्थ मिशन के तहत में सरकारी ब्लड बैंको में मरीजों से खून के बदलने के लिए लिया जाने वाला प्रोसेसिंग शुल्क को खत्म कर दिया गया है। इसका लाभ सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाले समस्त मरीजों को होगा, खून की कमी से जूझ रहें गरीब मरीजों को खून के अभाव में इलाज नहीं छोड़ा पड़ेगा। क्योंकि अब उन्हें खून के लिए रूपये नहीं देने पड़ेंगे।
लोहिया अस्पताल के ब्लड बैंक प्रभारी डॉ.वीके शर्मा का कहना है कि बहुत ही सराहनीय कदम है, मरीजों को आर्थिक लाभ मिलने के साथ ही, खून में होने वाली दलाली पर भी प्रभाव पडेग़ा। खून निशुल्क मिलने लगा है इसकी जागरूकता होनी चाहिये ताकि लोग दलालों के भटकावे में न आये। खून के बदले मोटी रकम जमा करने की बात पर अत्यधिक शोषण करते हैं। मरीज को पता होगा कि खून फ्री है तो परिवारीजन खुद भी सीधे ब्लड बैंक पहुंचेंगे।
उन्होंने बताया कि उनके अस्पताल में प्रति दिन लगभग 80 यूनिट अर्थात माह में 2400 से 2500 कंपोनेंट सप्लाई होते हैं। उन्होंने बताया कि प्रतिमाह 8 से 9 लाख रूपये की इनकम होती थी, इस बजट को अब एनएचएम द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा। डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल के ब्लड बैंक प्रभारी डॉ.जावेद अहमद खान ने सरकार के निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि मरीजों के साथ सरकारी ब्लड बैंकों को भी लाभ होगा। अब बेहतर सेवाएं देने के लिए ब्लड बैंक द्वारा संसाधनों की मांग पर शासन को आसानी से उपलब्ध कराना होगा, साथ ही ब्लड बैंक को मिलने वाला बजट ब्लड बैंक पर ही खर्च होगा, अन्यत्र नहीं खर्च होगा। खून की दलाली बंद होगी, बशर्ते जागरूकता बढ़नी चाहिये।