चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने दिया था आदेश
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मेडिकल कॉलेजो में डॉक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोश टण्डन द्वारा उपस्थिति हेतु बायोमैट्रिक प्रणाली लागू करने के संदर्भ में निर्देश दिये गये थे। श्री टण्डन केे निर्देशों के क्रम में बायोमैट्रिक प्रणाली लागू होने तक प्रत्येक दिन सुबह 9.30 बजे तक उपस्थिति की सूचना संबधित प्रधानाचार्य से प्रेषित करने की व्यवस्था प्रारम्भ कर दी गयी है।
डॉ. अनिता भटनागर जैन, अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि शासन स्तर पर प्रारूप निर्धारित कर नियमित व संविदा के भरे पद के सापेक्ष अलग-अलग अनुपस्थिति की सूचना, अवकाश पर होने की सूचना, प्रत्येक दिन संकलित कर प्राप्त करना प्रारम्भ कर दिया गया है। ग्रीष्म अवकाश में निर्धारित नियमानसुार 50 प्रतिशत चिकित्सा शिक्षक अवकाश ले सकते हैं। अत: वर्तमान में अवकाश के कारण अनुपस्थित चिकित्सा शिक्षकों की संख्या कुछ अधिक होती है।
राजकीय मेडिकल कॉलेज/ संस्थान यथा कानपुर, इलाहाबाद, मेरठ, आगरा, झांसी, गोरखपुर, अम्बेडकरनगर, कन्नौज, जालौन, आजमगढ़, सहारनपुर, बांदा, बदांयू, जेके कैंसर संस्थान कानपुर तथा ह्रदय रोग संस्थान कानपुर में कुल 1399 चिकित्सा शिक्षकों में से नियमित शिक्षकों में 451 व संविदा में 354 उपस्थित हैं अर्थात कुल 805 चिकित्सा शिक्षक उपस्थित पाये गये। कुल 247 चिकित्सा शिक्षक अनुपस्थित पाये गये, जो कि कुल उपस्थिति का 17.65 प्रतिशत है। राजकीय मेडिकल कॉलेज इलाहाबाद में कोई अनुपस्थित नहीं पाया गया। राजकीय मेडिकल कॉलेज मेरठ में 4, जेके कैंसर संस्थान में 4, ह्रदय रोग संस्थान, कानपुर में 3, अम्बेडकरनगर में 7, कानपुर में 8, झांसी में 9, गोरखपुर में 7 चिकित्सा शिक्षक अनुपस्थित पाये गये। 6 मेडिकल कॉलेजों कन्नौज में 44, बांदा में 37, बदांयू में 32, जालौन में 29, सहारनपुर में 26, आजमगढ़ में 21 अर्थात कुल 189 चिकित्सा शिक्षक अनुपस्थित पाये गये, जो कि बहुत अधिक है तथा अत्यन्त ही गंभीर बात है। सभी प्रधानाचार्यों से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित चिकित्सा शिक्षकों के संबंध में प्रभावी कार्यवाही करने हेतु निर्देश दिये गये हैं व संविदा के चिकित्सा शिक्षकों को उनकी वास्तविक उपस्थिति के आधार पर ही उनका भुगतान देय होगा।