-आईएमए के तत्वावधान में आयोजित सीएमई में पीडियाट्रिक सर्जन डॉ जेडी रावत की सलाह

सेहत टाइम्स
लखनऊ। बच्चे के पेट में अगर दर्द हो डॉक्टरों को चाहिये कि पेटदर्द के कारणों की जांच करें क्योंकि अगर पेट दर्द का कारण मेडिकली है या सर्जिकली। अगर मेडिकली है तो उसे प्रॉपर दवा दें और अगर सर्जिकली है तो बच्चे को स्टेबिल करके किसी हायर सेंटर पर रेफर करें जहां आईसीयू के साथ सर्जरी की सुविधा हो।
यह बात आईएमए के प्रेसीडेंट इलेक्ट तथा केजीएमयू के सीनियर पीडियाट्रिक सर्जन डॉ जेडी रावत ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के तत्वावधान में रविवार को आयोजित सतत शिक्षा शिक्षा कार्यक्रम (सीएमई) में अपने व्याख्यान के दौरान कही। उन्होंने कहा कि पेट दर्द की शिकायत लेकर जब बच्चे को डॉक्टर के पास लाया जाये तो डॉक्टर को चाहिये कि वह बच्चे की हिस्ट्री लेकर उसकी जांच करे और पेट दर्द के कारण का पता लगाये। कारण पता होने पर ही दवा या सर्जरी की सलाह देना ठीक रहता है।
उन्होंने कहा कि सर्जरी की स्थिति होने पर उसे किसी सुविधायुक्त बड़े सेंटर पर सर्जरी के लिए ऐसे ही रेफर नहीं करना चाहिये बल्कि पेट फूला हो तो उसकी दवा दें, पेशाब की थैली भर रही हो तो उसे खाली करें। इसके अतिरिक्त बच्चे का टेम्परेचर अवश्य मेन्टेन रखें। खासतौर पर अगर जाड़े का समय है तो शरीर पर कॉटन लपेट दें। उन्होंने कहा कि कुछ न हो तो बाजार में मिलने वाली पॉलिथीन ही पहना दें जिससे बाहर की हवा अंदर न जाये। बच्चे को अगर सांस लेने में दिक्कत हो रही हो तो ऑक्सीजन लगा दें।
डॉ रावत ने कहा कि इन बातों का अगर ध्यान रखा जायेगा तो बड़े सेंटर तक पहुंचने तक बच्चा न सिर्फ सुरक्षित रहेगा बल्कि होने वाली सर्जरी के परिणाम भी बेहतर आयेंगे।

Sehat Times | सेहत टाइम्स Health news and updates | Sehat Times