Friday , November 15 2024

ठहरिये, ड्रेस ट्रायल करके देख रही हैं तो इस तरह पता लगा लें कि वहां कोई जासूसी कैमरा तो नहीं…

आईएमए की वीमेन विंग ने किया साइबर क्राइम अवेयरनेस कार्यक्रम का आयो‍जन

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। ऑनलाइन भुगतान करने जा रहे हों, या फि‍र मॉल-शोरूम के ट्रायल रूम में ड्रेस पहनकर चेक कर रहे हों, साइबर क्राइम की चपेट में आने से कैसे बचें, अपने मोबाइल को हैकर्स से कैसे सुरक्षित रखें, इन सभी महत्‍वपूर्ण जानकारियों को चिकित्‍सकों को देने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की वीमेन विंग ने साइबर क्राइम अवेयरनेस कार्यक्रम का आयो‍जन किया। इस कार्यक्रम में नेशनल साइबर क्राइम विशेषज्ञ इशान सिन्‍हा ने अनेक महत्‍वपूर्ण टिप्‍स की जानकारी दी।

साइबर क्राइम जैसे गंभीर विषय की महत्‍वपूर्ण जानकारियों को रोचक अंदाज में देकर इशान सिन्‍हा ने देकर यहां रिवर बैंक स्थित आईएमए भवन के हॉल में उपस्थि‍त चिकित्‍सकों व अन्‍य लोगों का दिल जीत लिया, स्थिति यह बन गयी कि कार्यक्रम समाप्‍त होने के बाद इशान के साथ फोटो खिंचाने और सेल्‍फी लेने की होड़ सी मच गयी।

इससे पूर्व अपनी जानकारी में इशान ने बताया कि हमेशा मॉल, शो रूम, होटल, बाथरूम जैसी जगहों पर जहां महिलायें ड्रेस चेंज करती हैं वहां पर स्‍पाई कैमरे का पता लगाने के लिए ‘स्‍पाई कैम बग डिटेक्‍टर’ से दीवारों पर स्‍कैन कर लें, यह डिवाइस 800 रुपये से लेकर 3000 रुपये तक की कीमत की होती है। उन्‍होंने बताया कि अगर वहां पर छिपा हुआ कैमरा लगा है तो इस डिवाइस से स्‍कैनिंग में आ जायेगा।

उन्‍होंने बताया कि इसी प्रकार जब आप ऑनलाइन भुगतान करते हैं तो यह देख लें कि जिस साइट पर आप भुगतान कर रहे हैं वह असली है या नहीं। इसकी जांच के लिए उन्‍होंने बताया कि जिस साइट को चेक करना हो उसका सार्टीफि‍केट साइट के लिंक पर ही क्लिक करके चेक कर लें अगर सही साइट होगी तो इश्‍यू सार्टीफि‍केट पर उसी साइट का नाम होगा, अगर साइट का नाम अलग है और सार्टीफि‍केट किसी दूसरे नाम पर इश्‍यू हुआ है तो इसका मतलब वह साइट फर्जी है, और इसके द्वारा पेमेंट करना ठीक नहीं है।

इशान ने बताया कि अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड की डिटेल कभी भी किसी से साझा न करें। यही नहीं इसका इस्‍तेमाल आप स्‍वयं भी जब करें तो अपने पर्सनल फोन, लैपटॉप, डेस्‍कटॉप से करें, ध्‍यान रखें उसका उपयोग कोई दूसरा व्‍यक्ति न करता हो। उन्‍होंने कहा‍ कि कभी-कभी ऐसा भी होता है कि अगर आप ऐसी डिवाइस से पेमेंट कर रहे हैं जिसका उपयोग दूसरे लोग भी करते हैं और अगर उनमें से किसी ने भी उसमें कीबोर्ड कॉपी करने का ऑप्‍शन डाल रखा है तो आप द्वारा उस की बोर्ड से जो भी टाइप किया गया होगा वह दूसरा व्‍यक्ति जान जायेगा।

इशान सिन्‍हा ने सलाह दी कि बेहतर होगा कि आप अपने स्‍मार्ट फोन में स्‍पाई एप्‍लीकेशन न इंस्‍टॉल करें, इससे आपके फोन में मौजूद कई ऐप के हैक होने का खतरा रहता है। उन्‍होंने कहा कि व्‍हाट्स अप या अन्‍य ऐप को बचाने के लिए NoRoute firewall एप डाउनलोग करके महत्‍वपूर्ण जानकारी वाले ऐप को XDeny मोड पर कर लें।

उन्‍होंने एक अत्‍यन्‍त महत्‍वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि अक्‍सर लोग फोन बदलते समय अपना पुराना रिकॉर्ड फोन में ही छोड़ देते है, लेकिन ऐसा न करके जब फोन बदलें तो Factory reset करते हुए पुराने फोन का डेटा हटा दें।

इस मौके पर आईएमए यूपी वीमेन विंग की अध्‍यक्ष डॉ रुखसाना खान, आईएमए लखनऊ के अध्‍यक्ष डॉ जीपी सिंह, आईएमए लखनऊ की प्रेसीडेंट इलेक्‍ट डॉ रमा श्रीवास्‍तव, डॉ एस निरंजन, डॉ राकेश सिंह, डॉ उर्मिला सिंह, डॉ वारिजा सेठ सहित अनेक महिला एवं पुरुष चिकित्‍सकों के साथ छात्रायें भी उपस्थित रहीं। डा जीपी सिंह ने इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन के लिए डॉ रुखसाना खान का आभार जताया।