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सेहत के चार सफेद दुश्‍मन हैं, इनका कम से कम करेंगे सेवन तो रहेंगे स्‍वस्‍थ

लायंस क्लब लखनऊ सेंचुरी एवं किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेस के संयुक्त तत्वावधान में एक संगोष्‍ठी का आयोजन

 

लखनऊ। विश्‍व मधुमेह दिवस आज विभिन्‍न स्‍थानों पर मनाया गया। इसी क्रम में आज लायंस क्लब लखनऊ सेंचुरी एवं किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेस के संयुक्त तत्वावधान में एक संगोष्‍ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर मौजूद विशेषज्ञों ने डायबिटीज के बारे में महत्‍वपूर्ण जानकारियां दीं। कार्यक्रम में मुख्‍य वक्‍ता के रूप में उपस्थि‍त डॉ कौसर उस्‍मान ने बताया कि स्वस्थ व्यक्ति के चार सफेद शत्रु हैं, चीनी, नमक, मैदा और घी। डॉ उस्‍मान ने बताया कि इन चारों चीजों का प्रयोग कम से कम करने की सलाह दी।

 

उन्‍होंने कहा कि यदि कोई व्‍यक्ति डायबिटीज का शिकार हो जाये तो उसे डायबिटीज को नियंत्रित रखने के लिए किसी विशेषज्ञ को अवश्‍य दिखाना चाहिये जिससे कि डायबिटीज को नियंत्रित रखने के लिए दवा और खाने-पीने की सलाह के अनुसार ही मरीज को चलना चाहिये। उन्‍होंने कहा कि चूंकि डायबिटीज होने के कारण कई अन्‍य रोग होने की आशंका बनी रहती है इसलिए इसमें लापरवाही न दिखाते हुए किसी विशेषज्ञ की सलाह से नियमित औषधि तथा संयमित भोजन करना चाहिए।

 

इस वर्ष कार्यक्रम का विषय ‘परिवार एवं डायबिटीज’ में बतौर मुख्य अतिथि डिस्ट्रिक्ट गर्वनर 321-बी1 लायन एके सिंह थे तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता सर्जरी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक तथा लायंस क्लब सेंचुरी के प्रो रमाकांत ने की।

 

इस अवसर पर अपने स्वागत संबोधन एवं कार्यक्रम के विषय में बताते हुए संकाय अध्यक्ष पैरामेडिकल एवं प्रोफेसर ऑफ सर्जरी डॉ विनोद जैन ने बताया कि आज विश्व में लगभग साढ़े 42 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, जिसमें से 50 प्रतिशत लोगों का निदान नहीं हुआ है। विश्व मधुमेह दिवस की शुरुआत 1991 में हुई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य जनसामान्य को डायबिटीज से बचाव एवं हो जाने पर उसकी जटिलताओं से बचाव की जानकारी देना था।

 

डॉ जैन ने बताया कि डायबिटीज के द्वारा हृदय रोग, ब्रेन स्ट्रोक, अंधापन, किडनी का फेल हो जाना तथा यहां तक की पैरों की भी हानि हो सकती है। उन्होंने बताया कि टाइप-2 डायबिटीज से बचाव किया जा सकता है। आजकल कम उम्र में ही डायबिटीज के रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिसका मुख्य कारण उनकी जीवनशैली में परिवर्तन तथा मानसिक तनाव है।

 

डॉ जैन ने बताया कि डायबिटीज से ग्रसित होने से बचने के लिए जीवनशैली में कुछ सरल उपाय अपनाकर इससे बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि नियमित व्यायाम, जो लगभग 300 मिनट प्रति सप्ताह, नियमित नींद, संतुलित आहार एवं खेलकूद में भाग लेने से इस बीमारी से बचा जा सकता है। इसके साथ ही खाने में चोकर युक्त आटा, मौसमी फलों का छिलकों सहित प्रयोग तथा घी का कम से कम इस्तेमाल करना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि यह प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि इस बीमारी से संबंधित जो भी जानकारी हासिल हो उससे समाज के प्रत्येक वर्ग को जागरूक कर समाज की सेवा करनी चाहिए।

 

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रोफेसर रमाकांत ने बताया कि आजकल की व्यस्त जीवनशैली एवं तनाव भी डायबिटीज का मुख्य कारण है। इससे बचने के लिए अपने आसपास का माहौल शांतिपूर्ण एवं तनावमुक्त बनाना होगा। लोगों को अपने आसपास के वातावरण को तनावमुक्‍त करने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि तनावमुक्त व्यक्ति ही खुद सकारात्मक होकर समाज को सकारात्मकता की ओर ले जा सकता है।

 

कार्यक्रम के दौरान सामाजिक सेवा में उत्कृष्ट कार्य के लिए शालिनी गुप्ता, डॉ अंकिता जौहरी, शिवानी श्रीवास्तव, अभिषेक सिंह, श्यामजी मिश्रा, राघवेंद्र शर्मा, डॉ पूजा रमाकांत आदि को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर लायंस क्लब के कमल शेखर द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से लायंस क्लब के मनोज रोहेला, कर्नल सबलोक, सिस्टर स्टेला तथा लायंस क्लब के अन्य पदाधिकारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।