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कम्‍युनिटी रेडियो के संचालन में आरजे के साथ ही समुदाय की भी भूमिका महत्‍वपूर्ण

-विश्‍व रेडियो दिवस पर केजीएमयू गूंज 89.6 FM ने आयोजित किया वेबिनार


सेहत टाइम्‍स
लखनऊ।
रेडियो पर प्रसारित कार्यक्रमों की जितनी जिम्मेदारी रेडियो जॉकी की होती है उसकी उतनी ही जिम्मेदारी वहां के समुदाय की भी होती है। इसलिए रेडियो पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों में समुदाय का शामिल होना बहुत जरूरी है ।
यह बात ‘स्‍मार्ट’ की जनरल सेक्रेटरी व रेडियो फेस्टिवल की संस्थापक अर्चना कपूर ने विश्व रेडियो दिवस के मौके पर किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेडियो स्टेशन केजीएमयू गूंज 89.6 FM पर एक ऑनलाइन वेबिनार में कही। कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ बिपिन पुरी के निर्देशन में आयोजित इस वेबिनार में अर्चना कपूर के साथ ही सीनियर पत्रकार राजीव टिक्‍कू और मशहूर रेडियो जॉकी खुराफाती नितिन ने भी हिस्सा लिया।


अर्चना कपूर ने कहा कि रेडियो और विश्वास दोनों एक दूसरे के पूरक हैं और इस विश्वास को कायम करने में बहुत समय लग सकता है। दो समुदाय एक जैसे नहीं हो सकते इसलिए हर समुदाय के सामुदायिक रेडियो स्टेशन की अलग अलग जिम्मेदारियां होती हैं और हर कम्यूनिटी रेडियो को अलग अलग तरीके से उनके लिए काम भी करना होता है। उन्‍होंने कहा कि देश भर में 350 से भी ज्यादा सामुदायिक रेडियो स्टेशन काम कर रहे हैं जिनका मुख्य उद्देश्य लोगों को जागरूक करना और विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से उनका विकास करना है।

वेविनार में राजीव टिक्‍कू ने कहा कि लर्निंग कभी खत्म नहीं होती जिंदगी भर हमें सीखते रहना चाहिए और रेडियो इसका एक सजीव उदाहरण है। हमें केवल चिकित्सा के क्षेत्र में ही नहीं अपितु विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को जागरूक कर उनके विकास के लिए काम करने चाहिए । रेडियो स्टेशन में काम करना कोई एक नौकरी करना नहीं बल्कि एक passion (जोश) है और लोगों के बीच जाकर उनकी बातों को सुनना और उनके विकास के लिए कार्य करना ही सामुदायिक रेडियो स्टेशन का मुख्य काम है ।
खुराफाती नितिन ने कहा कि हमें लोकल समस्याएं यानी कि सामुदायिक समस्याओं पर बात करनी चाहिए। जो हमारे श्रोता हैं उनको उस तरह के कार्यक्रम सुनाने चाहिए जो उन को अच्छी तरह से समझ में आए। सरल और साधारण अंदाज में लोगों से बात करना और उनके प्रति अच्छे कार्यक्रमों को पेश करना ही सामुदायिक रेडियो स्टेशन की जिम्मेदारी होती है ।अलग-अलग तरह के कार्यक्रमों के जरिए हम समुदाय के लिए काम कर सकते हैं फिर चाहे वह पर्यावरण को लेकर हो, खान पान को लेकर हो, सांस्कृतिक हो, ज्ञानपरक हो या फिर उनके स्वास्थ्य को लेकर हो। सरल और लोगों के साथ बने कार्यक्रम ही एक रेडियो को सफ़ल बनाते हैं।

इस मौके पर रेडियो केजीएमयू गूंज के अधिशासी अधिकारी डॉ विनोद जैन ने सभी वक्ताओं का स्वागत किया और कहा कि रेडियो सबसे प्राचीन और बातचीत का सबसे पुराना माध्यम है और सामुदायिक रेडियो के जरिए हम प्रभावी ढंग से लोगों के बीच अपनी बात रख सकते हैं। रेडियो केजीएमयू गूंज अपने विश्वसनीय कार्यक्रमों जिनमे स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, नारी सशक्तिकरण, कृषि जैसे अनेकों विषय शामिल हैं, के माध्यम से विशेषज्ञों के सहयोग से आपके साथ रहेंगे। वेबिनार में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के तमाम डॉक्टर्स भी सम्मिलित हुए।


कार्यक्रम का संचालन रेडियो केजीएमयू गूंज के प्रोग्रामिंग हेड विनय सक्सेना ने किया। स्टेशन मैनेजर शालिनी गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन दिया वेबिनार में आरजे प्रतिमा, शिवाय, दीपक, राघवेंद्र और केजीएमयू के डॉक्‍टर्स और विद्यार्थियों ने भी हिस्‍सा लिया।

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