-संस्कृत सप्ताह के अंतर्गत केजीएमयू में आयोजित की गयी श्लोक उच्चारण प्रतियोगिता
-जूली, श्रद्धा व दीपाली ने हासिल किया प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। संस्कृत भाषा सिर्फ एक भाषा ही नहीं है, हमें जो संस्कार मिले हैं और हमारे देश की जो संस्कृति है, इसके विकास के पीछे संस्कृत भाषा का अहम स्थान है, यह विकास का आधार है।
ये विचार डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ आरएन श्रीवास्तव ने आज 25 अगस्त को किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वद्यालय (केजीएमयू) में पैरा मेडिकल विज्ञान संकाय द्वारा कलाम सेंटर में संस्कृत सप्ताह (19 से 25 अगस्त ) के अवसर पर आयोजित श्लोक उच्चारण प्रतियोगिता में मुख्य अतिथि के रूप में अपने सम्बोधन में व्यक्त किये। उन्होंने इस मौके पर छात्र-छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। ज्ञात हो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर संस्कृत सप्ताह मनाया जा रहा है।
जाति और धर्म से परे हैं संस्कृत में लिखे गये गीता के श्लोक : डॉ विनोद जैन
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित प्रो0 विनोद जैन ने कहा हमारे वेद, पुराण, सब संस्कृत में लिखे गए हैं गीता में लिखे श्लोक कर्म योग्य है जो कि जाति और धर्म से परे हैं। गीता में लिखे श्लोकों को हमें जीवन शैली में अपनाना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हर व्यक्ति में अपनी-अपनी प्रतिभा होती है, जिसके अनुसार वह अपना सर्वश्रेष्ठ देता है।
इस संस्कृत श्लोक प्रतियोगिता में प्रथम स्थान जूली सिंह, द्वितीय स्थान श्रद्धा पाण्डेय एवं तृतीय स्थान दीपांशी राय को मिला जबकि दीपमाला तिवारी और प्रांजलि यादव ने संतोषजनक स्थान प्राप्त किया।
इस कार्यक्रम का संयोजन सोनिया शुक्ला एवं संचालन शिवानी वर्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में करमजीत गुप्ता, श्यामजी, वीनू दुबे एवं रमन मिश्र का विशेष योगदान रहा।