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केजीएमयू लव जिहाद : केजीएमयू प्रशासन के बचाव में उतरी टीचर्स एसोसिएशन, कहा- ईमेल पर साक्ष्य क्यों नहीं भेज रहे लोग

-मांगे जाने के बाद भी ईमेल पर साक्ष्य क्यों नहीं भेज रहे, एनएमओ सहित अन्य संगठनों के आरोपों को किया खारिज

प्रो संतोष कुमार

सेहत टाइम्स

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के पैथोलॉजी विभाग की हिन्दू महिला रेजीडेंट द्वारा आत्महत्या के प्रयास से बाद सामने आये कथित लव जिहाद के मामले में नेशनल मेडिको ऑर्गेनाइजेशन सहित विभिन्न संगठनों द्वारा केजीएमयू प्रशासन को कठघरे में खड़ा करते हुए कुलपति प्रो सोनिया नित्यानंद का पुतला फूंके जाने के बाद केजीएमयू टीचर्स एसोसिएशन ने बिना किसी अनुमति पुतला फूंके जाने की भर्त्सना करते हुए इसे पूर्णतय: गैरकानूनी, अनुचित एवं अत्यंत निंदनीय करार दिया है। इसके साथ ही धर्मान्तरण के आरोपों के साक्ष्य या अन्य कोई भी जानकारी केजीएमयू प्रशासन जारी किये गये ईमेल पर न भेजे जाने पर आरोप लगाने वाले लोगों पर सवाल उठाये हैं।

यह जानकारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से देते हुए टीचर्स एसोसिएशन के महासचिव डॉ संतोष कुमार ने बताया है कि आज 31 दिसम्बर को केजीएमयू शिक्षक संघ के कार्य समिति की एक आपात बैठक आयोजित की गई, जिसमें हाल ही में पैथोलॉजी विभाग में घटित घटना तथा उससे जुड़ीं पश्चातवती परिस्थितियों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने कहा है कि चर्चा में यह भी सामने आया कि उत्तर प्रदेश सरकार, विशेष रूप से मुख्यमंत्री ‌द्वारा, उक्त घटना को अत्यत गंभीरता से संजान में लिया गया है। मुख्यमंत्री ने स्वयं पीड़िता से दूरभाष पर संवाद किया है तथा प्रकरण में गंभीर एवं सुसंगत धाराओं के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया है। पुलिस ‌द्वारा मामले की त्वरित एवं निष्पक्ष जांच की जा रही है। अतः यह कहना कि प्रशासन द‌यारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. पूर्णतः तथ्यहीन है एवं सरकार की छवि धूमिल करना का कुत्सित प्रयास है।

इसी प्रकार कुलपति के नेतृत्व में विश्वविद्‌यालय पशासन द‌द्वारा तत्काल यह सभी आवश्यक कदम उठाए गए, जी विश्वविद्यालय स्तर पर संभव थे। विशाखा समिति की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर 24 घंटे के भीतर आरोपी छात्र को न केवल निलंबित किया गया, बल्कि विश्वविद्‌यालय परिसर में उसके प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगाया गया। इसके अतिरिक्त, विशाखा समिति ‌द्वारा दिन-प्रतिदिन के आधार पर जांच की जा रही है।

एसोसिएशन ने कहा है कि एनएमओ आदि संगठनों ‌द्वारा तथा कुछ मीडिया माध्यमों में प्रकाशित धर्मांतरण से सम्बंधित समाचारों का स्वतः संज्ञान लेते हुए कुलपति ने सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक (DG Police) सहित एक उच्चस्तरीय सात सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया है, जिसके द्‌वारा वर्तमान में जांच की जा रही है, जिसने सम्बंधित प्रकरण पर factfindingcommittee@kgmcindia.edu पर भी साक्ष्य उपलब्ध कराए जा सकते हैं।

यह भी संजान में आया है कि एनएमओ आदि संगठनों ‌द्वारा आज तक कोई भी औपचारिक ससाक्ष्य प्रत्यावेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है। समिति के गठन के पश्चात फोन, व्हाट्सएप तथा लिखित पाचार के माध्यम से उनसे साक्ष्य, बयान अथवा प्रत्यावेदन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया, किंतु अब तक कोई भी सामग्री प्रस्तुत नहीं की गई है।

एनएमओ से अपेक्षित समर्थन न मिलने के कारण कुछ कुंठित व्यक्तियों द्वारा 30 दिसम्बर को “आम आदमी, आम डॉक्टर नामक एक तथाकथित संगठन के माध्यम से बिना किसी प्रशासनिक अनुमति के लुलु मॉल के समीप पद्मश्री प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद का पुतला दहन किया गया तथा अभद्र नारेबाजी की गई। यह कृत्य पूर्णतः गैरकानूनी, अनुचित एवं अत्यंत निंदनीय है, जिसकी केजीएमयू शिक्षक संघ घोर भर्त्सना करता है क्योंकि इससे विश्वविख्यात संस्थान की छवि धूमिल हो रही है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि केजीएमयू शिक्षक संघ इस प्रकार की किसी भी गतिविधि का कड़ा विरोध करता है तथा संबंधित व्यक्तियों से पुनः आग्रह करता है कि यदि उनके पास कोई भी ठोस साक्ष्य उपलब्ध हैं, तो उन्हें पुलिस अथवा गठित जांच समिति के समक्ष प्रस्तुत करें। निराधार, असत्य एवं अनर्गल आरोप लगाकर सरकार, मुख्यमंत्री, केजीएमयू प्रशासन तथा कुलपति की छवि धूमिल करने का प्रयास यह दर्शाता है कि ऐसे तत्व किसी राजनीतिक एजेंडे के अंतर्गत कार्य कर रहे हैं।

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