-मेडिकल एजुकेशन एवं रिसर्च ओरेशन अवॉर्ड से किये गये सम्मानित
सेहत टाइम्स
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर सूर्यकान्त को आईएमए-एएमएस की नेशनल कॉन्फ्रेंस में आईएमए मेडिकल एजुकेशन एण्ड रिसर्च ओरेशन अवॉर्ड से कोलकाता में सम्मानित किया गया।
ज्ञात हो कि डा. सूर्यकान्त केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में 17 वर्ष से प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं एवं 11 वर्ष से विभागाध्यक्ष के पद सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा वह चिकित्सा विज्ञान सम्बंधित विषयों पर 19 किताबें भी लिख चुके हैं तथा एलर्जी, अस्थमा, टी.बी. एवं कैंसर के क्षेत्र में उनके अब तक लगभग 700 शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं । इसके साथ ही दो यूएस पेटेन्ट का भी उनके नाम श्रेय जाता है तथा लगभग 200 एमडी/पीएचडी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन, 50 से अधिक परियोजनाओं का निर्देशन, 20 फेलोशिप, 13 ओरेशन एवार्ड का भी श्रेय उनके नाम ही जाता है। 20 से अधिक जर्नल्स के सम्पादकीय सलाहकार बोर्ड के सदस्य होने के साथ-साथ लगभग 24 नेशनल एवं इंटरनेशन गाईडलाइन्स एवं एक्सपर्ट कमेटियों के सदस्य हैं। ज्ञात रहे कि उन्हें अब तक अन्तरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर की विभिन्न संस्थाओं द्वारा 165 से अधिक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। इसमें उप्र का मेडिकल साइंस के क्षेत्र का सर्वोच्च पुरस्कार विज्ञान गौरव सम्मान भी शामिल है। यह पुरस्कार उनके द्वारा मेडिकल एजुकेशन में किये गये उल्लेखनीय कार्यों के लिए प्रदान किया गया है। ज्ञात रहे कि डा. सूर्यकान्त को हाल ही में विश्व के टॉप दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की श्रेणी में भी स्थान प्राप्त हुआ है।
डॉ. सूर्यकान्त आईएमए, लखनऊ के अध्यक्ष एवं उप्र आईएमए एकेडमी ऑफ मेडिकल स्पेशलिटीज के चेयरमैन रह चुके हैं एवं वर्तमान में आईएमए-एएमएस के राष्ट्रीय वायस चेयरमैन हैं। डा. सूर्यकान्त कोविड टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के ब्रांड एंबेसडर भी हैं। इसके साथ ही चेस्ट रोगों के विशेषज्ञों की राष्ट्रीय संस्थाओं इण्डियन चेस्ट सोसाइटी, इण्डियन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा एण्ड एप्लाइड इम्यूनोलॉजी एवं नेशनल कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन (एनसीसीपी) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं तथा इण्डियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन के मेडिकल साइंस प्रभाग के भी राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। वह पिछले 25 वर्षों से अधिक समय से अपने लेखों व वार्ताओ एवं टीबी व रेडियो के माध्यम से लोगो में एलर्जी, अस्थमा, टीबी, कैंसर जैसी बीमारी से बचाव व उपचार के बारे में जागरूकता फैला रहे हैं।