-पुरानी आदतों को बदलना ही अब समय की मांग
लखनऊ। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लम्बे समय से बंद चल रहे बहुत से सरकारी व निजी कार्यालय खुल गए हैं। आखिरकार जब यह मान ही लिया गया है कि कोरोना के खिलाफ जंग अभी लम्बी चलनी है तो ऐसे में हमें खुद के साथ ही दूसरों की सुरक्षा का ख्याल रखते हुए एक अलग रंग-रूप में अपने काम पर जाने की जरूरत है। इसके लिए जरूरी है कि अपनी पुरानी आदतों में बदलाव लाना होगा, जैसे- साथियों से हाथ मिलाने या गले लगने की आदत को भूलना होगा और “नमस्ते” से काम चलाना पड़ेगा । काम के दौरान इसी तरह की कई अन्य छोट-छोटी सावधानियों को अपनाकर ही हम सब सुरक्षित बन सकेंगे। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इस बारे में जरूरी निर्देश जारी किये हैं।
कार्यालय अगर दूसरी-तीसरी मंजिल पर है तो युवा और सक्षम लोग सीढि़यों का ही इस्तेमाल करें, सीढ़ियों की रेलिंग को पकड़कर चलने से बचें। इससे लिफ्ट में जहाँ अनावश्यक लोड नहीं बढेगा वहीँ एक दूसरे से उचित दूरी का पालन भी हो सकेगा । इन बदली परिस्थितियों में भोजन-पानी घर से ही ले जाना फायदेमंद होगा । इसके अलावा घर से कुछ फल व बिस्कुट आदि भी ले जा सकते हैं ताकि बाहर से मंगाकर कुछ न खाना पड़े और आपकी प्रतिरोधक क्षमता भी बनी रहे। लंच सभी के साथ बैठकर करने से बचें।
कार्यालय के दरवाजे खोलने के लिए संभव हो तो कोहनी का ही प्रयोग करें क्योंकि लोगों द्वारा बार-बार दरवाजों को खोलने-बंद करने से उनमें वायरस का खतरा अधिक रहता है । वर्क स्टेशन, कारिडोर, लिफ्ट, सीढियों, पार्किंग स्थलों, मीटिंग रूम, कांफ्रेंस हाल आदि को सेनेटाइज करने की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए । कार्य अवधि में समय-समय पर साबुन-पानी से हाथ धुलें या सेनेटाइजर से साफ़ करें । कार्यालय में कर्मचारियों के बैठने की व्यवस्था भी कुछ इस तरह की जाए कि एक दूसरे से उचित दूरी यानि दो गज की दूरी बनी रहे । कार्यालय में मीटिंग के दौरान भी सोशल डिस्टेंशिंग का पूरी तरह पालन किया जाए, यदि जगह कम है तो एक साथ सभी की मीटिंग न करके टुकड़ों में की जाए । इसके लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग भी सही रहेगा ।
मास्क ऐसा पहनें जो तकलीफदेह न हो
मास्क से मुंह व नाक को ढककर ही अब बाहर निकलना है और दफ्तर में कार्य के दौरान भी इसका इस्तेमाल करना है तो कुछ इस तरह के मास्क, गमछा, रुमाल या स्कार्फ का चयन करें जो कि उलझन पैदा करने वाला न हो ताकि बार-बार छूने या उतारने से बचा जा सके । इसके लिए ऐसे साफ़ सूती (काटन) कपड़े से बने मास्क का उपयोग किया जा सकता है जो कि मुंह और नाक को अच्छे से कवर कर सके और उलझन भी न पैदा करे । इसे आसानी से घर पर भी बनाया जा सकता है । इसे अच्छी तरह से धुलकर दोबारा भी इस्तेमाल किया जा सकता है । यदि गमछा, रुमाल या स्कार्फ का इस्तेमाल कर रहे हैं तो वह भी कॉटन का हो, इसके साथ ही पूरी तरह से साफ़ होना चाहिए और उसे दो-तीन परतकर इस तरह बांधे कि कार्य के दौरान किसी तरह की तकलीफ न महसूस हो ।
मूल मन्त्र का करें पालन
– अभिवादन के लिए “नमस्ते” करें
– युवा व सक्षम सीढियों का प्रयोग करें
– लिफ्ट में एक दूसरे से उचित दूरी बनी रहे या एक समय में एक ही व्यक्ति इस्तेमाल करे
– प्रवेश द्वार पर हाथ साफ़ करने की व्यवस्था हो
– थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था हो
– दरवाजे संभव हो तो कोहनी से खोलें
– कार्य अवधि में साबुन-पानी या सेनेटाइजर से हाथ को साफ़ रखें
– कार्यालय के कारिडोर में खड़े होने से बचें
– तम्बाकू या मसाला का सेवन न करें न किसी से शेयर करें
– अपना फोन किसी अन्य साथी को बात करने के लिए न दें
– भोजन-पानी व फल घर से ले जाएँ, साथ बैठकर लंच करने से बचें
– कार्यालय में थूकना पूरी तरह से वर्जित रहेगा
– कर्मचारी आरोग्य सेतु एप डाऊनलोड करें
– खांसते-छींकते वक्त रुमाल/टिश्यू पेपर का प्रयोग करें, टिश्यू पेपर बंद डस्टबिन में डालें
– पार्किंग स्थल और बाहर भीड़ न जमा होने पाए