Saturday , April 20 2024

आजकल इम्‍युनिटी की कमी से निकल रहे हैं बच्‍चों के हाथ-पैर में दाने

-लखनऊ में लग रहा देश भर से आने वाले त्‍वचा रोग विशेषज्ञों का जमावड़ा

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। आजकल बच्चों में हाथ-पैर में दानों के निकलने की समस्या बढ़ती दिख रही है, जिसका एकमात्र कारण शरीर में इम्युनिटी की कमी है, इसमें बच्चों में लाल धब्बे नज़र आने लगते हैं। उन्होंने बताया कि इससे बचने के लिए खिलाई-पिलाई पर विशेष ध्यान दें, और यदि इस तरह के दाने निकल आयें तो बच्चों को तरल पदार्थ ज़रूर दें और बुखार आने पर उसकी दवा दें।

ये बातें ‘इंडियन एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट्स, वेनेरोलॉजिस्ट्स और लेप्रोलॉजिस्ट्स’ द्वारा 23 सितम्‍बर से 25 सितम्‍बर तक आयोजित होने वाली कॉन्‍फ्रेंस ‘मिड डर्माकॉन’ के चीफ कोऑर्डिनेटर त्‍वचा रोग विशेषज्ञ डॉ सुरेश तलवार ने कॉन्‍फ्रेंस के बारे में जानकारी देने के लिए आज बुलायी गयी प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहीं। उन्‍होंने कहा कि इम्‍युनिटी की कमी कोरोना के बाद लगभग हर दूसरे व्यक्ति में देखी जा सकती है। उन्‍होंने कहा कि लेप्रोसी (कुष्ठ रोग) एक पेशेंट से दूसरे पेशेंट में नहीं जाती है। पहले इस बीमारी को लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां थीं, लेकिन अब इसके पेशेंट नाम मात्र मिलते हैं और इसकी दवा शुरू करते ही एक महीने में ठीक हो जाती है। 

ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. अमित मदान ने कहा कि आगामी तीन दिनों तक राजधानी में चर्म रोग विशेषज्ञों का जमावड़ा रहेगा, जिसमें स्किन से जुड़ी तमाम बीमारियों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस बार ‘मिड डर्माकॉन’ कॉन्फ्रेंस लखनऊ में हो रही है।

डिग्री देखकर ही जाएं इलाज कराने

डॉ. अमित मदान ने कहा कि आम जन को यह बात पता होनी चाहिए कि अगर उनको स्किन से सम्बंधित कोई भी बीमारी है, तो वो एमबीबीएस, एमडी (स्किन) या डीडीवीएल या डीवीडी या डीवीडी या डीएनबी (स्किन) या डीडी की डिग्री वाले डॉक्टरों के पास ही जाएं। क्योंकि, जो पढ़े-लिखे डॉक्टर होते हैं, उन्हीं को सही जानकारी होती है। वही पेशेंट का ठीक से इलाज कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस कॉन्फ्रेंस में नयी विधियों व तकनीकों के बारे में युवा डॉक्टरों को जानकारी दी जाएगी, उन्‍होंने बताया कि लेजर तकनीक इस समय प्रचलित है।

फंगल इंफेक्शन को दोगुनी तेज़ी से बढ़ाती है स्टेरॉयड क्रीम

ऑर्गनाइजिंग कमेटी के साइंटिफिक सेक्रेटरी डॉ. सुमित गुप्ता ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में हेयर, नेल, स्किन, लेप्रोसी, यौवन इन्फेक्शन व भ्रांतियों पर चर्चा होगी। उन्होंने बताया कि जो ऑनलाइन क्रीम्स बिकती हैं, उनसे दूरी बनाएं क्योंकि, इनमें स्टेरॉयड होता है। जो फंगल इंफेक्शन को दोगुनी तेज़ी से बढ़ाता है। डॉ. सुमित के मुताबिक, सोशल मीडिया पर बताए गए उत्पादों पर मत ध्यान दें, इससे चेहरे पर मूंछों व दाढ़ी के जगह बाल आने लगते हैं। 

नयी विधियों व तकनीकों की दी जाएगी जानकारी

कमेटी के चेयरपर्सन डॉ. नीरज पांडे ने कहा कि इस कॉन्फ्रेंस में बॉलीवुड व टॉलीवुड सेलिब्रिटी के भी डॉक्टर आएंगे जो बताएंगे कि कैसे बढ़ती उम्र में निखार को बनाए रखने के लिए क्या-क्या करना चाहिए। डॉ. नीरज के अनुसार, कॉन्फ्रेंस में मुंबई, हैदराबाद, बैंगलोर सहित देशों से डॉक्टर आएंगे। 

उन्‍होंने बताया कि ‘इंडियन एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट्स, वेनेरोलॉजिस्ट्स और लेप्रोलॉजिस्ट्स’ विश्व की दूसरी सबसे बड़ी स्किन की एसोसिएशन है, जिसके 50 साल पूरे हो गए हैं। एसोसिएशन में करीब 14 हजार डॉक्टर सदस्य हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य नयी-नयी बीमारियों पर रिसर्च करना और नये डॉक्टरों को उसकी जानकारी देना है।

इस मौके पर साइंटिफिक चेयरपर्सन डॉ. अबीर सारस्वत व ट्रेजरार डॉ. अंकुर तलवार ने भी जानकारी देते हुए बताया कि यह कॉन्फ्रेंस युवा डॉक्टरों के लिए बेहद अहम होने वाली है क्योंकि, इसके जरिये उन्हें नयी-नयी तकनीकियों व विधियों के बारे में न सिर्फ़ जानकारी मिलेगी, बल्कि डॉक्टरों के अनुभव से उन्हें कार्य करने में काफी मदद मिल सकेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.