नेत्रदान का पर्चा भरा, नेत्रदान पखवाड़ा के तहत ओपीडी में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। नेत्रदान एक महान कार्य है, महान दान है, इसके लिए मृतक के नेत्रदान को परिजनों द्वारा अधिकृत किया जा सकता है, इसके लिए यह आवश्यक नहीं है कि मृत्यु से पूर्व व्यक्ति ने नेत्रदान की इच्छा जतायी है अथवा नहीं। यह शुद्ध रूप से मृत्यु के बाद किया जाने वाला दान है, और यह पूरी तरह से समाज के हित में है।
यह बात नेत्रदान पखवाड़ा के मौके पर केजीएमयू में कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट ने नेत्र विभाग द्वारा आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में ओपीडी में आये मरीजों और उनके परिजनों को संबोधित करते हुए कही। यही नहीं कुलपति ने आमजन को नेत्रदान के लिए प्रेरित एवं जागरूक करने के उद्देश्य एवं किसी एक व्यक्ति के जीवन में रोशनी लाने के लिए स्वयं भी नेत्रदान करने की घोषणा की तथा नेत्रदान का पर्चा भरा।

इस मौके पर नेत्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो अपजीत कौर ने भी उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए नेत्रदान के प्रति जागरूक किया। उन्होंने कहा कि कार्निया निकालने को लेकर शरीर के अंग भंग की बात करना ठीक नहीं है। इस मौके पर विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अरुण शर्मा ने कहा कि आयु व मधुमेह जैसी बीमारी नेत्रदान में बाधक नहीं है। समारोह में विभाग के डॉ संदीप सक्सेना एवं अन्य फैकल्टी भी उपस्थित रहे।
आपको बता दें कि राष्ट्रीय नेत्र दान पखवाडा हर साल 25 अगस्त से 8 सितंबर तक मनाया जाता है। नेत्रदान प्रक्रिया को बढावा देने के साथ-साथ नेत्रदान या कॉर्नियल ब्लाइंड लोगों को सामान्य जीवन देने के लिए एवं लोगों को नेत्रदान के लिए जागरुक करने के लिए यह नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जा रहा है।

Sehat Times | सेहत टाइम्स Health news and updates | Sehat Times