-अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार में ऐसे मास्क बनाने की सलाह दी स्टेट फार्मेसी काउंसिल उत्तर प्रदेश के पूर्व चेयरमैन ने
-प्रत्येक व्यक्ति की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए खाद्य पदार्थों के बारे में भी हुई महत्वपूर्ण चर्चा
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। सीधे संपर्क में आने वाले चिकित्सा कर्मियों के लिए नैनो टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर एंटीवायरल औषधियों के लेप वाले मास्क बनाये जाने चाहिए जिससे मास्क तक पहुंचते ही वायरस मर जाये, इसके साथ ही तथा अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके लिए प्राकृतिक औषधियों एवं मसालों का उपयोग भी इम्युनिटी को बढ़ा सकता है। तुलसी इसमें प्रमुख है, तुलसी को प्राकृतिक औषधियों की मां कहा जाता है। तुलसी रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाती है, एंटी ऑक्सीडेंट, एंटीसेप्टिक, एनाल्जेसिक के साथ ही अनेक गुणों से युक्त है। वहीं हल्दी भी एंटीवायरल और एंटीबायोटिक का विशेष गुण रखती है इसलिए इस काल में सभी को हल्दी युक्त दूध पीने की सलाह दी जा रही है।
यह विचार इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के महासचिव एवं स्टेट फार्मेसी काउंसिल उत्तर प्रदेश के पूर्व चेयरमैन सुनील यादव ने दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार में व्यक्त किये। कोविड के प्रसार, प्रकृति, बचाव और उपचार के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘साइंटिफिक कन्वर्सेशन और कोरोना वायरस आउटब्रेक’ शीर्षक से संपन्न हुए दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार में भागीदारी के बाद के वेबिनार के बारे में जानकारी देते हुए सुनील यादव ने बताया कि वैज्ञानिक चर्चा के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि कोविड-19 के बढ़ते हुए प्रसार को देखते हुए शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए नियमित व्यायाम, अनुशासित दिनचर्या और प्राकृतिक रूप से इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाना वर्तमान समय में अत्यंत आवश्यक है। यह भी निष्कर्ष निकाला गया कि ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, कनाडा, यूके, स्कॉटलैंड की भांति फार्मेसिस्टों का बेहतर प्रयोग कर इस बीमारी से निजात पाया जा सकता है।
सुनील यादव ने बताया कि आजकल प्रत्येक व्यक्ति को रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता है। विशेष रूप से चिकित्सालय में कार्य कर रहे प्रथम पंक्ति के चिकित्सा कर्मियों को अपनी इम्युनिटी बढ़ाना स्वयं की रक्षा के लिए सर्वाधिक आवश्यक है।
अम्बाला के वैज्ञानिक प्रोफेसर रणधीर सिंह दहिया ने अपने सम्बोधन में कहा कि लहसुन भी नेचुरल इम्यूनिटी बूस्टर है, मैक्रोफेज, लिम्फोसाइट्स, नेचुरल किलर सेल्स, डेंड्रिटिक सेल ,एसीनोफिल को उत्तेजित कर इम्युनिटी को बढ़ाता है। यह इम्यून सिस्टम के होमेओस्टेटिस को नियंत्रित करता है।, साथ ही अदरक में टेरपीन्स, जिन्ज्रॉल, ओलॉरेसिन होता है जो खांसी जुकाम को दूर करता है, इम्युनिटी बढ़ाता है साथ ही एंटीवायरल, एंटीफंगलl और एंटीबैक्टीरियल का भी कार्य करता है।
एम्स नई दिल्ली के प्रोफेसर डॉ हरलोकेश नारायण यादव ने बताया कि एसीई- 2 इन्हीबिटर के माध्यम से कोरोना को रोका जा सकता है, साथ ही डॉ यादव ने कहा कि विटामिन डी की कमी भी इस रोग कोरोना को बढ़ाती है। उन्होंने लोगों को धूप में रहने की सलाह दी।
टेक्सोस के वैज्ञानिक प्रोफेसर सम्बा रेड्डी ने कोरोना की मृत्यु दर, भर्ती होने वाले मरीजों, ठीक होने वाले मरीजों का पूरा डेटा देते हुए बताया कि अमेरिका में इस बीमारी से मृत्यु दर लगभग 6% जबकी भारत मे इसकी मृत्यु दर मात्र 3.2% ही है। उन्होंने कहा कि भारत मे ठीक होने वाले मरीजों का प्रतिशत 32 है तो अमेरिका में 17% है। डॉ रेड्डी ने कहा कि कोरोनावायरस कॉपर पर 4 से 8 घंटे, कार्ड बोर्ड पर और कपड़े पर 24 घंटे, स्टील और प्लास्टिक पर दो से तीन दिनों तक रह सकता है। इसलिए किसी भी सार्वजनिक वस्तु को बहुत ही सावधानी के साथ छूना चाहिए।
वेबिनार में कोविड उपचार में प्रयोग होने वाली औषधियों के कार्य करने के तरीके, उनका एब्जॉर्ब्सन, शरीर से निकलने एवं डोज़ पर विस्तृत चर्चा हुई। सेमिनार में अनेक देशों के लगभग 150 वैज्ञानिक, प्रोफेसर शामिल रहे, पीसीआई के अध्यक्ष डॉ बी सुरेश भोजराज, उपाध्यक्ष डॉ शैलेन्द्र श्रॉफ ने विशिष्ट अतिथि के रूप में भागीदारी की। संचालन पंजाब के प्रोफेसर डॉ गुरफतेह सिंह ने किया।