-केजीएमयू के पूर्व प्रोफेसर डॉ संदीप कुमार की किताबों की ‘पुस्तक मेला’ के मंच पर गूंज
सेहत टाइम्स
लखनऊ। कब हमें डॉक्टर से जाकर सलाह लेनी है, कब घर पर ही दवा ले सकते हैं और कब घरेलू नुस्खे से अपनी परेशानी को दूर कर सकते हैं, विशेषकर बुजुर्गों, जिन्हें अक्सर कुछ न कुछ समस्या हो जाती है, लेकिन हर बार अस्पताल ले जाना सम्भव नहीं होता है, साथ ही वह समस्या घर पर ही ठीक भी हो सकती है, जैसे मामलों के लिए उचित और अनुभवी सलाह से युक्त किताब ‘हाफ डॉक्टर’ सभी के लिए अत्यन्त उपयोगी है।
यह बात आस्था हॉस्पाइस एंड जीरियाट्रिक केयर सेंटर के संस्थापक डॉ अभिषेक शुक्ला ने गुरुवार को यहां बलरामपुर गार्डन में चल रहे 22वें पुस्तक मेले में मीट द ऑथर कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अपने सम्बोधन में कही। ‘अच्छे इलाज के 51 नुस्खे’ और हाफ डॉक्टर पुस्तक के लेखकों डॉ संदीप कुमार व अजय कुमार अग्रवाल से मुलाकात कार्यक्रम का आयोजन शाम लगभग पांच बजे किया गया। डॉ अभिषेक ने पुस्तक के बारे में बताया कि हम लोग कहते हैं अगर लक्षण से अवगत होते तो समय डॉक्टर के पास पहुंच जाते, हम यही सोचते रहे कि गैस का दर्द होगा, लेकिन हार्ट अटैक था… देर हो गई… जान चली गई… समझ नहीं पाए… इस तरह की दिक्कतें हमारे जीवन में आती रहती हैं, इन दिक्कतों को इस किताब को पढ़ने वाला व्यक्ति आसानी से सुलझा सकता है। 30-40 वर्षों के अनुभव वाले डॉक्टर के सुझाव एक प्रकार का खजाना है, इसका उपयोग सभी को करना चाहिये।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए डॉ मृदुल मेहरोत्रा ने कॉमेडियन अंदाज में व्यंग्यात्मक तरीके से आजकल की व्यवस्था पर प्रहार किया। उन्होंने डॉ संदीप कुमार की पुस्तक के माध्यम से सही फैसला लेने का आह्वान करते हुए कहा कि आजकल मार्केटिंग का जमाना है, जो बीमारी 10 पैसे में ठीक हो सकती है, उसके लिए आप 10 लाख देकर आते हैं। अब तो प्रत्येक स्पेशियलिटी के अलग-अलग चिकित्सक हो गये हैं, पहले के जमाने में एक फैमिली डॉक्टर हुआ करता था जो सभी इलाज कर देता था। उन्होंने कहा कि जिन सेंटर्स पर डॉक्टर न हो वहां जांच नहीं करानी चाहिये, उनका कहना था कि बिना डॉक्टर वाली लैब पर जांच के नाम पर धोखाधड़ी होती है। सही जांच वहीं होगी जहां डॉक्टर मौजूद होगा।
डॉ एपी माहेश्वरी ने भी दोनों पुस्तकों की सराहना करते हुए इसे समाज के प्रत्येक व्यक्ति के लिए उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि हमारे पास बुजुर्गों का ज्ञान है, जिस पर लोग विश्वास नहीं करते हैं और एक मेडिकल साइंस है, दोनों में सामंजस्य बिठाकर डॉ संदीप कुमार और अजय कुमार ने पुस्तक लिखी है, वह प्रशंसनीय है। कार्यक्रम में लेखिका विनीता मिश्रा ने कहा कि जब एक डॉक्टर हमें मार्गदर्शन देगा कि हम किस चिकित्सक के पास जायें तो इससे अच्छी सलाह और कहां मिल सकती है। इसे गाइड बुक मानिये। विशेषकर इसकी विषय सूची को जरूर पढ़ते रहिये क्योंकि जब आपको जरूरत होगी तो आपको पता रहेगा कि इस पुस्तक में आपकी जरूरत वाली सलाह कहां लिखी है।
लेखकों डॉ संदीप कुमार और अजय कुमार अग्रवाल ने पुस्तक के बारे में जानकारी देते हुए कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों का आभार जताया। डॉ संदीप कुमार ने कहा कि जिस प्रकार महाभारत में अर्जुन प्रश्न पूछते गये और कृष्ण जवाब देते गये, और गीता लिख गयी, कुछ ऐसा ही इस किताब के साथ है, किताब पढ़कर आपके अंदर अर्जुनता आ जायेगी कार्यक्रम में पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एके शुक्ला ने भी संबोधित किया।


