-संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश के आह्वान पर मुख्यमंत्री को भेजे 12000 पत्र
सेहत टाइम्स
लखनऊ। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत कार्मिकों की वेतन विसंगति दूर किए जाने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष दिए जा रहे 3% अतिरिक्त बजट का उपयोग करने की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कार्मिकों द्वारा निर्धारित लक्ष्य से अधिक पत्र मुख्यमंत्री को भेजे गए हैं।
यह जानकारी देते हुए संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश महामंत्री योगेश उपाध्याय ने बताया कि संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश संबद्ध भारतीय मजदूर संघ के आह्वान पर 2016 में दिए गए निर्देश को लागू किए जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहा है, इसी क्रम में उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कार्मिकों द्वारा 12 फरवरी 2024 से 22 फरवरी 2024 तक पत्राचार अभियान में प्रदेश भर के जनपदों को दिए लक्ष्य से अधिक 12000 पत्र मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार को प्रेषित किए गए। उन्होंने बताया कि 22 फरवरी 2024 को प्रेषित किए गए पत्र को ट्विटर (X) पर #NHM_KI_AWAJ ट्रेंड के साथ ट्वीट किया गया।
पत्र में यह भी कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में स्कीम वर्कर के लिए कोई नीति न होने के कारण अनेक प्रकार की अव्यवस्थाओं का दुष्परिणाम एन.एच.एम कार्मिकों को भुगतना पड़ रहा है। इस समस्या का समाधान आपके ही स्तर से संभव है। पत्र में कहा गया है कि वेतन निर्धारण नीति न होने के कारण एक पद पर अलग-अलग वेतन, वरिष्ठ कार्मिकों से ज्यादा अधीनस्थ कार्मिकों का वेतन जैसी विसंगतियां हैं।
प्रेषित पत्र में मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया है कि 1.5 लाख संविदा कार्मिकों के लगभग 7.5 लाख परिवारों को बेहतर जीवन यापन करने के विषय में ध्यानाकर्षित करते हुए NHM के विषय पर आवश्यक कार्यवाही करने का कष्ट करें।