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ब्रेस्ट कैंसर के लिए स्वत: जांच की आदत विकसित करनी होगी महिलाओं को

-कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में स्तन कैंसर जागरूकता माह में कार्यक्रम आयोजित

सेहत टाइम्स

लखनऊ। कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान, लखनऊ में आज “स्तन कैंसर जागरूकता माह के अंतर्गत एक सतत चिकित्सा शिक्षा (CME) का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक प्रो. एम.एल.बी.भट्ट ने की। कार्यक्रम का विषय था — “Every Story is Unique, Every Journey Matters” अर्थात “हर कहानी अनोखी है, हर यात्रा महत्वपूर्ण है।” यह विषय इस बात पर बल देता है कि प्रत्येक स्तन कैंसर रोगी की अपनी अलग जीवन यात्रा होती है, और हर कहानी चिकित्सा विज्ञान एवं समाज दोनों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनती है।

इस अवसर पर डीन डॉ. सुबुही कुरैशी ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्तन कैंसर महिलाओं में सबसे अधिक पाया जाने वाला कैंसर है, किंतु इसकी शीघ्र पहचान और समय पर उपचार से रोगी पूरी तरह स्वस्थ जीवन जी सकती हैं। उन्होंने महिलाओं को स्वयं जांच (Self Examination) की आदत विकसित करने पर विशेष जोर दिया।

एसजीपीजीआई, लखनऊ की रेडियोलॉजी विभाग की डॉ. अस्मिता ने अपने व्याख्यान में स्तन कैंसर की जांच में आधुनिक रेडियोलॉजिकल तकनीकों की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे मैमोग्राफी, अल्ट्रासाउंड और एमआरआई जैसी उन्नत तकनीकें प्रारंभिक अवस्था में कैंसर की पहचान में सहायक सिद्ध हो रही हैं।

संस्थान के निदेशक प्रो. एम.एल.बी.भट्ट ने अपने संबोधन में कहा कि “कैंसर से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय जागरूकता है।” उन्होंने कहा कि संस्थान का उद्देश्य केवल रोगों का उपचार नहीं, बल्कि समाज में कैंसर की रोकथाम और जागरूकता का संदेश व्यापक रूप से पहुँचाना भी है।

कार्यक्रम में एक विशेष क्षण तब आया जब लखनऊ निवासी 75 वर्षीय ब्रैस्ट कैंसर सर्वाइवर एवं मरीज निशा बहुगुणा ने अपनी प्रेरणादायक जीवन यात्रा साझा की। कार्यक्रम में स्तन कैंसर सर्वाइवर जहान्वी कल्याणी, सुनीता वैश्य, रजनी देवी, मीणा कुमारी नें बताया कि कैसे सकारात्मक सोच, परिवार का सहयोग और चिकित्सकों के मार्गदर्शन से उन्होंने कैंसर पर विजय पाई। इन सबकी कहानी ने उपस्थित सभी को भावुक और प्रेरित किया।

कार्यक्रम का सफल संयोजन डॉ. प्रमोद कुमार गुप्ता, डॉ. अंकुर वर्मा, डॉ. आयुष लोहिया, रोहित सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ. विजेंद्र, डा. वरुण विजय, डॉ. दुर्गेश, डॉ. अशोक, डा. रूचि, डा. इंदूबाला, डा. शिल्पी दुबे, डा. मधुलिका दुबे सहित संस्थान के विभिन्न विभागों के रेज़िडेंट डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, मरीज एवं उनके परिजनों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

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