ICU जैसी महत्वपूर्ण जगह के AC की सर्विसिंग न होना जिम्मेदारों की लापरवाही की पोल खोल रहा
कानपुर के हैलट अस्पताल में आईसीयू में AC फेल होने के कारण हुई 5 मौतों को हलके में लेने की गलती नहीं करनी चाहिए. भले ही मौत के वजह वहां के डॉक्टर गंभीर बीमारी से होना बता कर पल्ला झाड़ रहे हैं लेकिन यह भी सच है कि आखिर आईसीयू जैसी महत्वपूर्ण जगह के AC आखिर फेल क्यों हुए ? क्यों नहीं उनकी मेंटेनेंस अवधि खत्म होने से पहले यह ध्यान रखा गया की एएमसी जारी रखते हुए उनकी सर्विसिंग करा ली जाती।
आपको बता दें भीषण गर्मी और उमस के बीच हैलट अस्पताल के आईसीयू में एसी सिस्टम फेल होने से पांच मरीजों की मौत हो गई। आईसीयू में चार बच्चों समेत 11 मरीज भर्ती हैं। एसी सिस्टम फेल होने से वेंटीलेटर और अन्य जीवन रक्षक उपकरणों ने भी काम करना बंद कर दिया है। घटना से अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया। हैलट आईसीयू का एसी प्लांट बुधवार रात 12 बजे ठप हो गया था। मेंटीनेंस का ठेका खत्म होने से मरम्मत भी नहीं हो पाई। ऐसे में चारो तरफ से बंद आईसीयू वार्ड में मरीज तड़प उठे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जूनियर डॉक्टरों की शिकायत के बाद मरम्मत करने के लिए इंजीनियर आए तब पता चला कि एसी प्लांट की मोटरें फुंकने से कूलिंग फेल हो गई। एेसे में अंदर हवा का कोई इंतजाम न होने से लगे कंप्यूटर अौर वेंटिलेटरों ने भी काम करना बंद कर दिया। इसके बाद बीते 24 घंटे में एक-एक करके पांच मरीजों की जान चली गई। मरने वालों में नरवल की इंन्द्रपाल, बुद्दीखेड़ा उन्नाव के गया प्रसाद यादव, हरदोई के रसूल बख्श, आजमगढ़ के मुरारी शामिल हैं। वहीं एक अन्य मरीज को हार्ट अटैक की शिकायत पर भर्ती किया गया था अौर दो घंटे बाद उसकी मौत हो गई।
अस्पताल प्रशासन ने नहीं मानी मौत की वजह AC प्लांट का फेल होना
आईसीयू प्रभारी डॉ. सौरभ अग्रवाल का कहना है कि बीते 24 घंटे में पांच मरीजों की मौत तो हुई है, मगर एसी प्लांट फेल होने से नहीं। तीन मरीजों की मौत हार्ट अटैक से जबकि दो मरीज काफी गंभीर थे। उन्हें देर रात न्यूरोसर्जरी आईसीयू में शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही थी।
एडीएम ने कहा, जांच कराएंगे
एडीएम सिटी सतीश पाल का कहना है कि जैसे ही ये मामला डीएम के संज्ञान में आया, उन्होंने तत्काल दो एसी की व्यवस्था कराई। इस संबंध में डाक्टरों से बात भी की गई। जहां तक मौतों की वजह का मामला है, चिकित्सकों ने यही बताया है कि एक मौत सुबह हुई थी और एक शाम को। दोनों ही मरीजों की उम्र 75 के ऊपर है। उनकी धड़कनें दो बार पहले भी रुक चुकी थीं। डाक्टरों ने ये बताया है कि मरीजों की मौत शॉक और सेप्टीसीमिया से हुई। प्रथम दृष्टया कोई और वजह सामने नहीं आई है लेकिन ऐसा कुछ नजर आता है तो पूरे प्रकरण की विधिवत जांच कराई जाएगी।