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घुटना आधा बदलना हो या पूरा, रोबोटिक सर्जरी से Knee Replacement हुआ और आसान

-सटीक सर्जरी, तेज रिकवरी, कम दर्द, कम रक्तस्राव होने से होती है समय की बचत

-हेल्थसिटी विस्तार सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के चीफ कन्सल्टेंट डॉ संदीप गर्ग से विशेष वार्ता


सेहत टाइम्स

लखनऊ। टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हुए विकास का लाभ अन्य क्षेत्रों की तरह चिकित्सा क्षेत्र में भी काफी हुआ है, रोबोटिक सर्जरी भी इसी विकास का हिस्सा है। पूरा घुटना बदलना हो या आधा, पारम्परिक सर्जरी की तुलना में रोबोटिक सर्जरी बेहतर है, इसके लाभ ज्यादा हैं। सबसे बड़ी बात है कि रोबोटिक सर्जरी अधिक सटीक होती है क्योंकि इसमें थ्री डायमेंशन में घुटने के अंदर की तस्वीर देखते हुए रोबोटिक हैंड्स को आसानी से मूव किये जाने की सुविधा है, यही नहीं व्यक्ति विशेष की शारीरिक संरचना के अनुसार सेटिंग करके सर्जरी को परफेक्ट बनाया जा सकता है।

यह कहना है लखनऊ में गोमती नगर स्थित हेल्थसिटी विस्तार सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के ऑर्थोपैडिक विभाग के सीनियर कन्सल्टेंट डॉ संदीप गर्ग का। ‘सेहत टाइम्स’ के साथ मुलाकात में उन्होंने बताया ​कि रोबोटिक सर्जरी में छोटे कट लगाये जाते हैं तथा उनमें रोबोटिक आर्म्स, कैमरा डालकर रोबोट की मदद से सर्जरी की जाती है, डॉक्टर कंसोल पर बैठकर रोबोट को नियंत्रित करते हैं, जो उनके निर्देशों के आधार पर सटीक और सूक्ष्म सर्जरी करता है। उन्होंने बताया कि रोबोटिक सर्जरी के अन्य लाभों की बात करें तो छोटे कट होने के कारण सर्जरी के बाद घाव जल्दी भरते हैं, खून भी कम निकलता है, दर्द भी अपेक्षाकृत कम होता है, संक्रमण की संभावना कम होती है। इसके अतिरिक्त सर्जरी के बाद सर्जरी वाले स्थान के आसपास उतकों (टिश्यू) का कम नुकसान होता है, जिस कारण मरीज की रिकवरी तेज होती है।

उन्होंने बताया कि यद्यपि रोबोटिक सर्जरी में पारम्परिक सर्जरी की तुलना में खर्च ज्यादा होता है लेकिन सर्जरी में अस्पताल में रहने की अवधि भी कम हो जाती है, जिससे जहां अस्पताल में रहने आदि के खर्च की बचत भी हो जाती है, वहीं शीघ्र रिकवरी होने से मरीज अपने काम पर जल्द वापस लौट सकता है। ऐसा करना विशेषकर उनके लिए लाभप्रद ज्यादा होता है जिनकी आमदनी उनके अवकाश पर रहने से प्रभावित होती है।

डॉ संदीप गर्ग ने बताया कि हम लोग हेल्थ सिटी विस्तार में रोबोटिक सर्जरी कर रहे हैं, लेकिन रोबोटिक सर्जरी कराने या अन्य पारम्परिक विधि से सर्जरी कराने का फैसला रोगी और उनके परिजनों पर निर्भर करता है, यदि पारम्परिक की अपेक्षा रोबोटिक सर्जरी के लाभ मरीज को ज्यादा समझ में आते हैं, और अपनी परिस्थिति के अनुसार वह रोबोटिक प्रक्रिया का चुनाव करता है, तभी हम लोग रोबोटिक सर्जरी करते हैं।

इन परिस्थितियों में नहीं होती है रोबोटिक सर्जरी

डॉ गर्ग ने कहा कि यहां एक बात ध्यान देना आवश्यक है कि जिस प्रकार हर प्रक्रिया के लाभ के साथ ही कुछ जोखिम भी होते हैं, उसी प्रकार रोबोटिक सर्जरी में भी है। हम मरीज की शारीरिक स्थिति को देखकर ही रोबोटिक सर्जरी करने का अंतिम फैसला लेते हैं, क्योंकि सभी मरीजों के लिए रोबोटिक सर्जरी ठीक नहीं हैं। यदि ऑस्टियोपोरोसिस की वजह से रोगी की हड्डियां कमजोर है, तो उसे रोबोटिक सर्जरी की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि इस प्रक्रिया में हड्डी में पिन लगानी होती हैं, ऐसे में अगर हड्डी कमजोर होगी तो क्रैक आने की संभावना रहती है। इसी प्रकार ज्यादा आयु, अत्यधिक वजन जैसे कारण भी रोबोटिक सर्जरी के अनुकूल नहीं है, ऐसे लोगों को पारम्परिक सर्जरी कराने की सलाह दी जाती है। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर हमारा कहना यह है कि यदि आप घुटने की प्रतिस्थापन सर्जरी पर विचार कर रहे हैं, तो रोबोटिक सर्जरी एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

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