Friday , May 3 2024

जब डेड ब्रेन के रिवर्स होने की संभावना जीरो तो क्‍यों न अंगदान कर जरूरतमंदों को दें जिन्‍दगी

-एसजीपीजीआई में अब ब्रेन डेड मरीजों के अंगदान करने पर वापस मिलेगा इलाज का खर्च

-स्‍वतंत्रता दिवस समारोह में निदेशक ने दी जानकारी, अंगदान को बढ़ावा देने के लिए कदम

-परम्‍परागत तरीके से धूमधाम के साथ संस्‍थान में मनाया गया स्‍वतंत्रता दिवस

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो आरके धीमन ने अंगदान कार्यक्रम को गति देने पर बल देते हुए कहा है कि अब पी जी आई, चण्डीगढ़ की ही तरह संजय गांधी पी जी आई मे भी अंगदान को बढ़ाने के लिए रोगी के परिवार को आर्थिक सहायता दी जाएगी। भर्ती मरीज के ब्रेन डेड होने की स्थिति में उनके परिजन यदि मरीज के अंगदान करते हैं तो उस मरीज के इलाज में भर्ती के दौरान हुए व्‍यय को संस्‍थान द्वारा वापस कर दिया जायेगा।

निदेशक ने यह बात स्‍वतंत्रता दिवस के अवसर पर संस्‍थान में आयोजित समारोह में कही। संस्‍थान में देश का 77वां स्वतंत्रता दिवस पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। संस्थान परिवार के मुखिया प्रो धीमन ने परंपरागत तरीके से ध्वजारोहण किया। राष्ट्रगान के पश्चात उपस्थित संकाय सदस्यों और कर्मचारियों को स्वाधीनता दिवस की बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि‍ यह दिन हमें सदैव याद दिलाता है कि “Nation is the first.”राष्ट्र सर्वोपरि व सर्वप्रथम है। हमारा हर कार्य राष्ट्रहित और राष्ट्र की उन्नति के तरफ होना चाहिए।

अंगदान को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक सहायता के निर्णय पर बात करते हुए प्रो धीमन ने ‘सेहत टाइम्‍स’ को बताया कि पीजीआई चंडीगढ़ और एम्‍स में यह व्‍यवस्‍था लागू है। खर्च वापस करने की दशा में उस व्‍यय की प्रतिपूर्ति सरकार द्वारा इमरजेंसी में आने वाले मरीजों के शुरुआती 24 घंटों के इलाज के लिए दी जाने वाली धनराशि से की जायेगी। उन्‍होंने बताया कि हमारी कोशिश रहेगी कि अंगदान के प्रति लोगों में जागरूकता फैलायी जाये, उन्‍हें यह समझाया जाये कि दुर्घटना अथवा दूसरे कारणों से ब्रेन डेड होने की स्थिति में मरीज का जो भी इलाज चलता है उससे ब्रेन के फि‍र से फंक्‍शन करने की संभावना बिल्‍कुल नहीं होती है, चूंकि ब्रेन से ही पूरे शरीर की क्रिया होती है और ब्रेन डेड हो चुका होता है तो ऐसे में कुछ समय पश्‍चात उस मरीज की मृत्‍यु होना तय है।

उन्‍होंने कहा कि यही वह समय होता है जब मरीज के परिजनों को अंगदान के बारे में मोटीवेट करना होता है, उन्‍हें बताना होता है कि कुछ समय पश्‍चात यह पूरा शरीर या तो जल कर राख हो जायेगा या फि‍र जमीन में दफन हो जायेगा, तो ऐसे में क्‍यों न जिस मरीज को इन अंगों की आवश्‍यकता है, उनके लिए अंगदान कर उन्‍हें एक नया जीवन दिया जाये। उन्‍होंने कहा कि जैसा कि आंकड़े कहते हैं कि यूपी में इस तरह के एक प्रतिशत मरीज भी अंगदान नहीं करते हैं।

स्‍वतंत्रता दिवस समारोह में निदेशक ने पिछले एक वर्ष की उपलब्धियों का लेखा जोखा प्रस्तुत किया, जिसमें रोगी सेवा, शोध और शिक्षण तीनों स्तंभों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी उपलब्धि मेडिकल, पैरामेडिकल, ट्यूटर इत्यादि कैडर में नई भर्तियों के लिए नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू करने का कार्य था, जो सफलता पूर्ण किया जा रहा है। संवर्ग पुनर्गठन में भी कई प्रयासों के बाद सफलता मिली।

इमरजेंसी मेडिसिन और गुर्दा प्रत्यारोपण केंद्र के विषय में उन्होंने कहा कि इमरजेंसी बेड्स में 7 गुनी बढ़ोतरी से आकस्मिक सेवाओं में निसंदेह सुधार होगा। अभी इमेरजेन्सी 60 बेड्स के साथ कार्य कर रहा है। नयी भर्तियों के होते ही यह पूर्णतया कार्य करने लगेगा।

उन्होंने एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर का भी उल्लेख किया। इस एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर में 23 विभाग होंगे, जिसमें 125 संकाय सदस्य और 185 सीनियर रेजिडेंट की भी नियुक्ति की जाएगी। इस प्रकार बच्चों के लिए एक समानांतर अस्पताल होगा, जिसमें उनसे संबंधित सभी बीमारियों के लिए एक ही केंद्र होगा। इस दिशा में अथक प्रयासों के लिए निदेशक ने प्रोफेसर विजयलक्ष्मी भाटिया को हार्दिक धन्यवाद दिया।

हब और स्पोक मॉडल पर आधारित टेली आई सी यू के विषय में भी उन्होंने कहा कि पीजीआई और उत्तर प्रदेश के 6 मेडिकल कॉलेजों के बीच में 200 बेड्स का टेली ICU भी एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने सूचित किया कि advance diabetic centre, head and neck surgery व infectious diseases विभाग के सृजन की प्रक्रिया भी चल रही है।

उन्होंने सलोनी हार्ट फाउंडेशन के विषय मे भी जानकारी दी, जिसके आने से पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी में उत्कृष्ट चिकित्सा सेवा प्रदान की जा सकेगी। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। स्टाफ द्वारा देशभक्ति के गीत प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर संस्थान के कर्मठ सदस्यों को उनके उत्कृष्ट व उत्तम कार्य निष्पादन के लिए निदेशक द्वारा सम्मानित किया गया।

 

तत्पश्चात संस्थान परिसर में कम्युनिटी सेंटर और पी जी आई क्रिकेट स्टेडियम में वृक्षारोपण भी किया गया, जिसमें आम, जामुन और नीम के लगभग 40 पौधे लगाए गए।
इस अवसर पर संस्थान के डीन प्रो एस पी अंबेष, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो संजय धिराज, चिकित्सा अधीक्षक प्रो वी के पालीवाल, संस्थान के संयुक्त निदेशक (प्रशासन ) प्रोफेसर रजनीश कुमार सिंह व अन्य संकाय सदस्य व वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.