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चिकित्सा इकाइयों के एन.क्यू.ए.एस. सर्टिफिकेशन में यूपी अव्वल

-पिछले वर्ष हासिल सातवें स्थान से लम्बी छलांग मारकर पहुंचा प्रथम स्थान पर

सेहत टाइम्स

लखनऊ। चिकित्सा इकाइयों के एन.क्यू.ए.एस (National Quality Assurance Standards) सर्टिफिकेशन में उत्तर प्रदेश ने इस वर्ष लम्बी छलांग लगाते हुए देश भर में प्रथम स्थान हासिल कर लिया है। उत्तर प्रदेश की अब तक कुल 5445 चिकित्सा इकाइयां एन.क्यू.ए.एस. स्टेट सर्टिफिकेशन प्राप्त कर चुकी हैं। इनमें 1857 इकाइयों ने पिछले एक वर्ष में यह सर्टिफिकेट प्राप्त किया है।

आज 22 अगस्त को प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तर प्रदेश की अध्यक्षता में स्टेट क्वालिटी एश्योरेंश एवं कायाकल्प कमेटी की बैठक हुई। बैठक में मिशन निदेशक, एन०एच०एम०, अपर मिशन निदेशक, महानिदेशक, परिवार कल्याण, चिकित्सा महानिदेशालय से निदेशक चिकित्सा उपचार एवं अन्य उच्च अधिकारियों तथा विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। बैठक में नेशनल क्वालिटी सर्टिफिकेशन तथा कायाकल्प स्कीम की समीक्षा की गयी तथा चिकित्सा इकाइयों में गुणवत्ता बढ़ाने एवं दिसम्बर 2025 तक 50 प्रतिशत चिकित्सा इकाइयों के सर्टिफिकेशन की रणनीति तैयार करने के लिए विचार-विमर्श किया गया।

बैठक में बताया गया कि उत्तर प्रदेश में पिछले वर्ष अगस्त 2024 तक एक साल में मात्र 285 चिकित्सा इकाई एन.क्यू.ए.एस सर्टिफाइड हुई थीं और देश भर में इसका स्थान सातवां था, इसके बाद पिछले एक साल में अब माह जुलाई 2025 तक 1857 चिकित्सा इकाई सर्टिफाइड हुई हैं जो कि पिछले वर्ष से काफी ज्यादा हैं और यही वजह है कि शुरू से अब तक प्रदेश ने कुल 5445 चिकित्सा इकाइयों ने एन.क्यू.ए.एस. स्टेट सर्टिफिकेशन प्राप्त कर देश भर में प्रथम स्थान पाने की अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है।

दिसम्बर 2026 तक यूपी की सौ फीसदी इकाइयों को सर्टिफिकेशन दिलाने का लक्ष्य

पार्थ सारथी सेन शर्मा प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ने बताया कि बैठक में उन्होनें प्राथमिक / नगरीय स्वास्थ्य केन्द्रों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के सर्टिफिकेशन प्राथमिकता के आधार पर बढ़ाये जाने पर बल दिया तथा शेष लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए निर्देशित किया ताकि प्रदेश में मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर मे कमी लाई जा सके।

चिकित्सा इकाइयों को प्राप्त हो रहे गुणवत्ता प्रमाण पत्र पर डॉ० पिंकी जोवल, मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उ०प्र० ने कहा कि समेकित प्रयास से प्रदेश की स्वास्थ्य इकाइयां लगातार मानकों पर खरी उतर रही हैं और दिसंबर 2026 तक प्रदेश की समस्त स्वास्थ्य इकाइयों को गुणवत्ता प्रमाण पत्र प्राप्त करने के विशेष प्रयास किये जाने की आवश्यकता है।

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