-34वीं यूपी कॉन्फ्रेंस ऑफ ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गाइनीकोलॉजी का आयोजन 17 से 19 मार्च तक, 16 को पैरामेडिकल्स को हैन्डसऑन ट्रेनिंग
सेहत टाइम्स
लखनऊ। वरिष्ठ गाइनाकोलॉजिस्ट एवं यूपी चैप्टर ऑफ ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गाइनीकोलॉजी की पैट्रन डॉ चंद्रावती ने कहा है कि चिकित्सकों का कार्य अकेले करने से नहीं होता है अगर पैरामेडिकल्स, हेल्थ केयर वर्कर अच्छे से प्रशिक्षित नहीं हैं, तो डॉक्टरों को वह सफलता नहीं मिल पाती है जो वे चाहते हैं, इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए इस बार 17 से 19 मार्च तक हो रही 34वीं यूपी कॉन्फ्रेंस ऑफ ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गाइनीकोलॉजी यूपीकॉन-2023 के आयोजन के एक दिन पूर्व 16 मार्च को पैरामेडिकल्स के लिए वर्कशॉप का आयोजन किया गया है, जहां उन्हें कौशल प्रशिक्षण दिया जायेगा।
इस कॉन्फ्रेंस की ऑर्गनाइजिंग चेयरपर्सन डॉ चंद्रावती ने कहा कि वर्ष 2020 में लखनऊ में आयोजित हुई नेशनल कॉन्फ्रेंस को जबरदस्त सफलता मिली थी, उन्होंने पत्रकारों से भी कॉन्फ्रेंस की सफलता में मदद करने की अपील की। केजीएमयू-क्वीनमैरी हॉस्पिटल की मुखिया व लखनऊ ऑब्स एंड गाइनी सोसाइटी की अध्यक्ष डॉ एसपी जैसवार ने कहा कि इस कॉन्फ्रेंस में हम महिलाओं की समस्याओं पर देश-विदेश से आने वाले विशेषज्ञों के साथ चर्चा करेंगे। इस चर्चा को जनता तक पहुंचाने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है, मुझे उम्मीद है कि हमेशा की तरह मीडिया अपनी इस भूमिका को निभायेगा।
कॉन्फ्रेंस की आयोजन सचिव डॉ प्रीती कुमार ने बताया कि साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित होने वाली इस कॉन्फ्रेंस की थीम रीडिफाइनिंग वीमेन्स हेल्थ है। उन्होंने बताया कि इसमें हम महिला के बचपन से लेकर उसके रजोनिवृत्ति तक होने वाले रोगों पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी ऑर्गनाइजिंग टीम में संरक्षक व आयोजन अध्यक्ष डॉ चंद्रावती, को चेयरपर्सन डॉ मंजू शुक्ला, ट्रेजरार डॉ निधि जौहरी, साइंटिफिक कमेटी की इंचार्ज डॉ एसपी जैसवार, संयुक्त सचिव डॉ सुजाता व डॉ पारुल गुप्ता हैं, इसके अतिरिक्त सम्मेलन में सभी हॉल्स के मैनेजमेंट की जिम्मेदारी डॉ अनीता सिंह को सौंपी गयी है।
डॉ प्रीती कुमार ने बताया कि आने वाले प्रतिभागियों को अयोध्या की पावन भूमि के बारे में भी जानकारी दी जायेगी। उन्होंने बताया कि 16 मार्च को होने वाली वर्कशॉप में हैन्डऑन ट्रेनिंग दी जायेगी, इन ट्रेनिंग में बेसिक लाइफ सपोर्ट, मातृ मृत्यु का बड़ा कारण पोस्ट पार्टम हेमरेज (पीपीएच) की ट्रेनिंग तथा न्यूबॉर्न रिससाइटेशन यानी नवजात को पुनर्जीवन की ट्रेनिंग देंगे। इसमें प्रशिक्षणार्थियों के रूप में केजीएमयू के नर्सिग स्टाफ व निजी क्षेत्र की नर्सिंग स्टाफ शामिल रहेंगी। इसके लिए अभी तक करीब 600 प्रतिभागियों का पंजीकरण हो चुका है। इस वर्कशॉप के मुख्य अतिथि के रूप में केजीएमयू के कुलपति ले.ज.डॉ बिपिन पुरी को आमंत्रित किया गया है।
उन्होंने बताया कि 17 मार्च को गर्भपात, इंडोस्कोपी, बांझपन, प्रसव आदि पर आठ कार्यशालाएं आयोजित होंगी। 18 मार्च को झंडा रोहण और यूथ फेस्ट का आयोजन किया गया है जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में विधायक डॉ नीरज बोरा शामिल होंगे। इसके बाद डॉ चंद्रावती पोस्ट ग्रेजुएट क्विज का आयोजन किया जायेगा, इसका विषय रीप्रोडक्टिव हेल्थ एंड कंट्रासेप्शन है। इसके बाद व्याख्यानों का आयोजन किया जायेगा। डॉ प्रीती कुमार ने बताया कि सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन 18 मार्च की शाम को होगा। 19 मार्च को आर्ट ऑफ लिविंग के तरुण नारायण का एक मेडीटेशन सत्र आयोजित किया जायेगा। इसके बाद व्याख्यानों का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पहली बार किसी कॉन्फ्रेंस में मिडवाइव्स का एक सत्र आयोजित किया जा रहा है, जिसमें वे नॉर्मल डिलीवरी को प्रमोट करने के लिए इसके बारे में जानकारी देंगी। इन मिलवाइव्स से नॉर्मल डिलीवरी के बारे में डॉक्टरों को भी सीखने का मौका मिलेगा। उन्होंने बताया कि हमारी कॉन्फ्रेंस को पहली बार आठ संस्थाओं विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, मान्यता, बिल एंड मिलिंडा गेट्स, लाएरडाल, व्हाइट रिबन एलायंस, यूपी-टीएसयू और जपाइगो का सक्रिय साथ मिला है। पत्रकार वार्ता को डॉ मंजू शुक्ला, डॉ निधि जौहरी ने भी सम्बोधित किया।