-अयोध्या के रहने वाले कारीगर के काम करते समय टूटकर घुस गया था ब्लेड
सेहत टाइम्स
लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रॉमा सेंटर स्थित ट्रॉमा सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने एक बार फिर अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की है, चिकित्सकों ने एक बहुत ही जटिल सर्जरी में 47 वर्षीय मरीज के चेहरे पर घुसा आइरन कटर का ब्लेड निकाल कर उसे नयी जिंदगी दी है। हालांकि ऐसी आशंका है कि आंख से छूते हुए हिस्से में ब्लेड धंसने से एक आंख की रोशनी जा सकती है, फिलहाल डॉक्टर वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं। सफल सर्जरी करने वाली डॉ यादवेन्द्र धीर के नेतृत्व वाली टीम की विभागाध्यक्ष प्रो संदीप तिवारी और प्रो समीर मिश्रा ने सराहना करते हुए टीम को शुभकामनाएं दी हैं।
घटना के बारे में ट्रॉमा सर्जरी विभाग के प्रोफेसर समीर मिश्रा ने बताया कि रौनाही, अयोध्या का रहने वाला 47 वर्षीय शिव मूरत बीती 16 नवम्बर को मध्यान्ह 12 बजे लोहा काटने वाले कटर से कार्य करते समय उसका ब्लेड टूटकर चेहरे पर धंस गया। उन्होंने बताया कि मरीज को लेकर उसके परिजन तुरंत ही ट्रॉमा सेंटर लाने के लिए रवाना हो गया। लगभग अपरान्ह सवा तीन बजे यहां ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। यहां इमरजेंसी ट्रॉमा में तैनात डॉ यादवेन्द्र धीर और उनकी टीम ने केस को अटैंड किया और तुरंत ही प्रारम्भिक उपचार करते हुए आगे के उपचार के लिए विचार विमर्श किया।
डॉ समीर बताते हैं कि अच्छी बात यह हुई कि सर्जरी से पूर्व प्रारम्भिक उपचार के समय ही टीम में शामिल रेजीडेंट डॉक्टर अंजना ने मरीज को सांस लेने में दिक्कत न हो, इसके लिए ट्रैकियोस्टोमी कर दी थी। इसका नतीजा यह हुआ कि सर्जरी के बाद भी मरीज को वेंटीलेटर पर रखने की आवश्यकता नहीं पड़ी। लगभग चार घंटे चली सर्जरी के बाद मरीज के चेहरे में घुसा ब्लेड निकाल लिया गया। उन्होंने बताया कि आंख पर चोट लगने के कारण सर्जरी के दौरान नेत्र रोग विभाग से भी चिकित्सक को भी बुला लिया गया था। उन्होंने बताया कि सर्जरी के बाद पोस्ट ऑप में मरीज पर लगातार गहन निगाह रखी गयी, अब मरीज खतरे से बाहर है।
सर्जरी करने वाली टीम
डॉ यादवेन्द्र धीर
डॉ रंबित चन्द्र द्विवेदी
डॉ लोकेश कुमार
डॉ आकांक्षा कुमारी,
डॉ अंजना मनहस
डॉ प्रज्ज्वल गुप्ता
डॉ महक वर्मा
डॉ अंतरा (नॉन पीजी)
डॉ गायत्री व डॉ अंकिता (नेत्र रोग विभाग)
ऐनेस्थीसिया
डॉ अभिजीत पात्रा
डॉ दिनेश