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…ताकि बढ़ सके गंभीर बीमारी या चोटों के बाद जीवित रहने की संभावना

-साथ ही विकलांगता को कम करने के उद्देश्य से विश्व इमरजेन्सी मेडिसिन दिवस मनाया जाता है

सेहत टाइम्स

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ के इमरजेन्सी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो हैदर अब्बास ने कहा है कि गंभीर बीमारी या चोटों के बाद जीवित रहने की संभावना बढ़ाने और विकलांगता को कम करने के उद्देश्य से ही दुनिया की आबादी और निर्णय निर्माताओं को इमरजेन्सी मेडिसिन देखभाल के बारे में एकजुट होकर सोचने और बात करने के लिए 27 मई को विश्व इमरजेन्सी मेडिसिन दिवस मनाया जाता है। प्रोo हैदर अब्बास ने बताया कि यह दिवस किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ के इमरजेन्सी मेडिसिन विभाग एवं सोसाइटी फॉर इमरजेंसी मेडिसिन इंडिया (SEMI), यूoपीo चैप्टर के सहयोग से मनाया जा रहा है।

कुलपति प्रोo सोनिया नित्यानंद ने सराहना की कि इस वर्ष विश्व इमरजेन्सी मेडिसिन दिवस 2024 के लिए थीम “जलवायु परिवर्तन भी एक स्वास्थ्य इमरजेन्सी है” यह बहुत महत्वपूर्ण विषय चुना गया है। जलवायु परिवर्तन हम सभी को प्रभावित कर रहा है और स्वास्थ्य सेवा भी इससे बहुत प्रभावित हो रही है। उन्होंने इस वेबिनार के आयोजन के लिए इमरजेन्सी मेडिसिन विभाग को बधाई दी।

डाo हैदर अब्बास ने बताया कि इस वर्ष 2024 के लिए इमरजेन्सी मेडिसिन दिवस के अवसर पर “जलवायु परिवर्तन भी एक स्वास्थ्य इमरजेन्सी है” के विषय को चुना गया है। इमरजेन्सी मेडिसिन विभाग, केoजीoएमoयूo के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर हैदर अब्बास ने बताया कि जलवायु परिवर्तन सबसे बड़ा वैश्विक स्वास्थ्य खतरा है, इसका प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ रहा है। प्रोफेसर हैदर अब्बास ने बताया कि यह कई तरीकों से लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है, जिसमें शामिल हैं: अत्यधिक गर्मी, वायु प्रदूषण, तूफान और बाढ़, खाद्य प्रणालियों में व्यवधान, आग, भोजन, पानी और वेक्टर जनित बीमारियों में वृद्धि और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं। प्रोफेसर हैदर अब्बास ने मरीजों की देखभाल में टेली मेडिसिन के उपयोग के बारे में बात की।

डॉ प्रवीण कालरा, स्टैनफोर्ड, यूoएसoएo ने बताया कि स्वास्थ्य सेवा भी ग्रीन हाउस गैसों (जीoएचoजीo) में 5.8% का योगदान दे रहा है। ग्रीन हाउस गैसों में कटौती करने और इस प्रकार कार्बन फुटप्रिंट को कम करने की निरंतर आवश्यकता है।
डॉo आशिमा शर्मा, विभागाध्यक्ष, निजाम इंस्टीट्यूट, हैदराबाद ने ग्लोबल वार्मिंग और हीट स्ट्रोक से संबंधित बीमारियों के बारे में बात की।

सोसाइटी फॉर इमरजेंसी मेडिसिन इंडिया, यूपी चैप्टर (SEMI) के अध्यक्ष डॉo सुजीत सिंह ने बताया कि अस्पतालों को डिस्पोजेबल के स्थान पर रिसाइकिलिंग/पुनः उपयोग, अक्षय ऊर्जा का उपयोग, जीoएचoजीo लक्ष्य निर्धारित करने, बिजली/खाद्य/पानी की बर्बादी को कम करने पर काम करना चाहिए।

बैठक में डॉo अहसान सिद्दीकी, डॉo प्रेम राज सिंह, डॉo शेफाली शर्मा, डॉo मुकेश कुमार सहित अन्य प्रतिनिधि शामिल हुए। डॉo अब्बास ने बताया कि POCUS (पॉइंट ऑफ केयर अल्ट्रासाउंड) वर्कशॉप और पीoजीo क्विज भी आयोजित की गई और प्रतियोगिता में सफल विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। अन्त में डॉo मुकेश कुमार द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया।

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