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…इस तरह डॉ रमाशंकर द्विवेदी बन गये स्‍वामी रामानंद सरस्‍वती

-इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर स्प्रिचुअल एडवांस्‍मेंट व संकट मोचन फाउंडेशन के संयुक्‍त तत्‍वावधान में अलीगंज हनुमान मंदिर में आयोजित हुआ रामचरित मानस पाठ, ऑनलाइन भी जुड़े देश-विदेश में बैठे भक्‍त

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। इस्‍सा परिवार (International Society for Spiritual Advancement-ISSA, US based) और संकट मोचन फाउंडेशन के संयुक्‍त तत्‍वावधान में यहां अलीगंज स्थित हनुमान मंदिर पर अखंड रामचरितमानस पाठ का आयोजन किया गया। इस मानस पाठ में मुख्‍य यजमान केजीएमयू में सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ विनोद जैन रहे।

मानस पाठ कल गुरुवार 30 सितम्‍बर को शुरू हुआ और आज 1 अक्‍टूबर को पूर्णाहूति, हवन, प्रसाद के साथ सम्‍पन्‍न हुआ।

कार्यक्रम के मुख्‍य यजमान और इस्‍सा के उपाध्‍यक्ष डॉ विनोद जैन ने बताया कि भक्तिरस से सराबोर इस मानस पाठ की विशेषता यह थी कि इसमें मंदिर प्रांगण में जहां कोरोना प्रोटोकॉल के चलते सीमित संख्‍या में लोगों ने भाग लिया, वहीं अनेक भक्‍त ऐसे रहे जो देश-विदेश से जूम ऐप के माध्‍यम से ऑनलाइन इस मानस पाठ से जुड़े। देश के कई स्‍थानों के अलावा जो भक्‍त विदेश से जुड़े उनमें वाशिंग्‍टन डीसी से इस्‍सा के अध्‍यक्ष हनुमान भक्‍त स्‍वामी रामानंद सरस्‍वती, शिकागो से क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डॉ साकेत सिन्‍हा, डेनवर से वैज्ञानिक डॉ राकेश कुमार मुख्‍य रूप से शामिल रहे।

डॉ जैन ने बताया कि इस्‍सा के अध्‍यक्ष स्‍वामी रामानंद सरस्‍वती मूल रूप से भारत के ही रहने वाले हैं, इनका पूर्व का नाम डॉ रमाशंकर द्विवेदी है, ये आईटीआरसी में वैज्ञानिक थे। डॉ जैन ने बताया कि आईटीआरसी में नौकरी करते हुए ही हनुमान भक्‍त डॉ रमाशंकर के मन में भक्ति की भावना इतनी प्रबल हुई कि वह शिकागो चले गये। वहां जाकर हनुमान भक्ति में रम गये और हनुमत भक्ति का प्रचार-प्रसार करने लगे, वहीं उन्‍हें नया नाम मिला स्‍वामी रामानंद सरस्‍वती। उन्‍होंने बताया कि स्‍वामी रामानंद इस समय शिकागो में यूएस एफडीए में उच्‍च पद पर कार्यरत हैं, तथा दवाओं के अप्रूवल की जिम्‍मेदारी भी निभा रहे हैं।

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