-फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल करने के मामले की विस्तृत जांच की मांग उठायी
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सेहत टाइम्स
लखनऊ। फर्जी कागजात के आधार पर बलिया में नर्सिंग ऑफीसर के पद पर नौकरी के प्रकरण में राजकीय नर्सेज संघ उत्तर प्रदेश के महामंत्री अशोक कुमार ने मांग की है कि 2022-2023 वर्ष के सभी जिलों में नियुक्त हुईं नर्सिंग ऑफिसर की जांच की जानी चाहिये, तथा जो भी दोषी हों उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिये। उन्होंने कहा है कि इस फर्जीवाड़े में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय से लेकर महानिदेशालय के कार्यालय तक के लोग शामिल हो सकते हैं।
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ज्ञात हो बलिया में मुख्य चिकित्सा अधिकारी की सतर्कता के बाद मामला उजागर होने के बाद बलिया के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने के आरोप में दो महिलाओं समेत 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। CMO डॉ. विजय पति द्विवेदी के मुताबिक सभी आरोपित बलिया के रहने वाले हैं और स्वास्थ्य केंद्रों पर स्टाफ नर्स के पद पर तैनात थे। सात सदस्यीय टीम की जांच में फर्जीवाड़ा सामने आया था। स्वास्थ्य निदेशालय भी स्पष्ट कर चका है कि ये नियुक्तियां अवैध हैं।
पुलिस के अनुसार जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ विजय पति द्विवेदी की शिकायत पर सभी 15 लोगों के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 409 , 419 , 420 (धोखाधड़ी) , 468 , 471 (दस्तावेज़ों में हेरफेर) और 120 बी (साज़िश) के तहत मामला दर्ज किया गया है। बताया जाता है कि मामला सामने आने के बाद जब कर्मचारियों को नियुक्ति संबंधी दस्तावेजों का भी सत्यापन कराने का निर्देश दिया गया। इस निर्देश के बाद सभी कर्मी फरार हैं।
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