-प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा ने कर्मचारी नेताओं से वार्ता में जतायी सहमति
-इस कदम से वापस हुए कर्मचारियों की तैनाती व संख्या बल के आधार पर बनने वाले उच्च पदों का रास्ता भी होगा साफ
सेहत टाइम्स
लखनऊ। डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान एवं जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज बनाए जाने पर अस्पतालों के कर्मचारियों के साथ उनके पदों को भी स्वास्थ्य विभाग में वापस किया जायेगा, जिससे जहां इन कर्मचारियों की अन्यत्र तैनाती किया जाना आसान होगा, वहीं नर्स, फार्मासिस्ट जैसे पदों, जिसमें निश्चित संख्या के आधार पर मैट्रन, चीफ फार्मासिस्ट जैसे उच्च पदों (जो कि सभी संवर्गों में हैं) का भी रास्ता साफ हो जायेगा। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार के साथ इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (इप्सेफ) के अध्यक्ष वीपी मिश्र की आज 28 जून को हुई वार्ता में यह सहमति बनी।
ज्ञात हो वर्तमान में इन कर्मचारियों को चिकित्सा संस्थानों ने तो महानिदेशालय भेज दिया है लेकिन इन कर्मचारियों के पद स्वास्थ्य विभाग में वापस न किये जाने से इनकी तैनाती में दिक्कतें आ रही हैं। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को पद समेत स्वास्थ्य विभाग भेजे जाने के बाद पैदा हुई स्थिति पर प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा से हुई वार्ता में सहमति बनी। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने इसका स्वागत करते हुए प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
वी पी मिश्र ने राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत व महामंत्री अतुल मिश्रा के साथ आलोक कुमार प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा से भेंट कर आग्रह किया कि डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान एवं जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज बनाए जाने पर स्वास्थ विभाग के कर्मचारियों को स्वास्थ विभाग में वापस कर दिया गया है, परंतु स्वास्थ विभाग के पद वापस नहीं किए जा रहे हैं, जिससे उनकी तैनाती में कठिनाई हो रही है। श्री मिश्र ने सुझाव दिया कि स्वास्थ्य विभाग के पदों को भी वापस किया जाए जिससे तैनाती में सुविधा हो जाएगी। प्रमुख सचिव ने इस सुझाव को जायज बताया और आश्वासन दिया कि इस संबंध में शासन जल्द वांछित कार्यवाही करके स्वास्थ्य विभाग के सभी पद भी वापस कर दिए जाएंगे।
श्री मिश्र ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को भी बताया है। इस निर्णय से स्वास्थ्य विभाग को वापस किए गए कर्मचारियों की तैनाती की समस्या समाप्त हो जाएगी। श्री मिश्र ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को भी पत्र भेजकर आग्रह किया था।
श्री मिश्र ने बताया कि प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थसारथी सेन शर्मा से भेंट कर उनसे आग्रह किया कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद एवं कुछ संगठनों के पदाधिकारी व शेष बचे कर्मचारियों के स्थानांतरण को भी निरस्त कर दें, जिससे कि शासन एवं कर्मचारियों के बीच आपसी सद्भाव बना रहे। उन्होंने बताया कि इस पर कार्यवाही की जा रही है तथा कर्मचारियों के प्रति रुख हमेशा सकारात्मक है।