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पित्त की थैली की सर्जरी से शुरू हुआ लैप्रोस्कोपी का सफर विभिन्न जटिल सर्जरी तक पहुंच चुका

-लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में लैप्रोस्कोपिक डे पर आयोजित की गयी वर्कशॉप

सेहत टाइम्स

लखनऊ। भारतीय चिकित्सा जगत में हुई विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति के बीच लैप्रोस्कोपिक दूरबीन विधि ने विशेष योगदान कर विशिष्ट स्थान को प्राप्त किया है । पिछले 33 वर्षों में स्थापित हुई यह विधि सर्जरी के क्षेत्र में एक अभूतपूर्व बदलाव लेकर आयी। अपने शुरुआती दौर में केवल पित्त की थैली के ऑपरेशन से शुरू हुई यह तकनीक आज किसी भी प्रकार के जटिल ऑपरेशन करने में सक्षम है। इस तकनीक के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाने वाला लैप्रोस्कोपिक डे न केवल एक स्थापना उत्सव है बल्कि वैश्विक स्तर पर सर्जरी की उन्नत तकनीक का द्योतक भी है।

डॉक्टर राम मनोहर लोहिया संस्थान के सर्जरी विभाग में 27 मई को इस उत्सव का तृतीय संस्करण आयोजित किया गया ।इस अवसर पर युवा चिकित्सकों और रेजीडेंट के लिए UP चैप्टर ऑफ़ एसोसिएशन ऑफ़ सर्जन्स ऑफ़ इंडिया एवं मिनिमल एक्सेस सर्जरी प्रोग्राम के संयुक्त तत्वावधान में प्रोफ़ेसर विकास सिंह के द्वारा लैप्रोस्कोपिक सूचरिंग स्किल एवम ट्रेनिंग की कार्यशाला भी आयोजित की गई। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि एसोसिएशन ऑफ़ सर्जन्स ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफ़ेसर प्रोबाल नियोगी , विशेष अतिथि UP चैप्टर असोसिएशन ऑफ़ सर्जन्स ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर अमित अग्रवाल, मुख्य अतिथि डॉक्टर राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रोफ़ेसर सी M सिंह तथा UP चैप्टर असोसिएशन ऑफ़ सर्जन्स ऑफ़ इंडिया के उपाध्यक्ष डॉक्टर निखिल सिंह उपस्थित रहे।

इस कार्यशाला में ड्राइ और वैट लैब में मैं प्रशिक्षण आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रोफसर नियोगी ने सर्जरी विभाग में स्थापित मिनिमल एक्सेस सर्जरी सिमुलेशन एंड स्किल सेंटर का अवलोकन किया तथा युवा सर्जन्स के लिए बेहतर प्रशिक्षण और कौशल के लिए विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने इस अवसर पर संस्थान के सर्जरी विभाग को असोसिएशन ऑफ़ सर्जन्स ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय स्तर के स्किल सेंटर में सम्मिलित करने की भी घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि इस संस्थान में देश के विभिन्न सुदूर भागों से आने वाले सर्जन, असोसिएशन ऑफ़ सर्जन्स ऑफ़ इंडिया के द्वारा चलाए जा रहे स्किल एनहैंसमेंट प्रोग्राम के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे तथा लैप्रोस्कोपिक फैलोशिप भी प्राप्त कर सकेंगे।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि निदेशक डॉ सीएम सिंह ने हर्ष जताते हुए डॉक्टर विकास सिंह एवं उनकी टीम को युवा सर्जन्स की ट्रेनिंग के लिए किये जाने वाले प्रयासों एवं संस्थान को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान देने के लिए हार्दिक बधाइयाँ प्रेषित की। संस्थान के डीन प्रोफसर प्रद्युम्न सिंह ने भी सर्जरी विभाग को मिनिमल एक्सेस सर्जरी स्किल सेंटर की स्थापना एवं ट्रेनिंग और शोध के लिए बधाइयाँ प्रेषित की हैं। कार्यक्रम का समापन प्रमाण पत्रों के वितरण एवं डॉक्टर रुद्र मणि द्वारा प्रेषित धन्यवाद ज्ञापन से किया गया।

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