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चरक संहिता में वर्णित शुभ-अशुभ लक्षणों के आधार पर चिकित्सा करें चिकित्सक

-गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जामनगर के पूर्व डीन डॉ राम बाबू द्विवेदी ने किया आह्वान

-विश्व आयुर्वेद परिषद, लखनऊ ने आयोजि​त किया चरक जयंती समारोह

सेहत टाइम्स

लखनऊ। विश्व आयुर्वेद परिषद-लखनऊ द्वारा “चरक जयंती समारोह” आज 3 अगस्त को चरक सम्मान समारोह एवं हवन पूजन का कार्यक्रम का आयोजन “विश्व संवाद केन्द्र” जियामऊ, लखनऊ में सम्पन्न किया। कार्यक्रम में आये हुये सभी चिकित्सको का स्वागत तिलक लगाकर एवं एकल पुष्प देकर किया। इसके बाद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ० राम बाबू द्विवेदी (पूर्व डीन, गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जामनगर), मुख्य वक्ता प्रो० कमल सचदेवा (पूर्व विभागाध्यक्ष, राजकीय आयुर्वेद कालेज, लखनऊ) प्रो० हेमन्त राय, डा सुनीत मिश्रा, डा नीना गुप्ता, कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ बी० एल० सिंह एवं डा० बी. पी. सिंह (सचिव, विश्व आयुर्वेद परिषद- उ०प्रव) ने दीप प्रज्ज्वलित व महर्षि चरक के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

प्रो० कमल सचदेवा ने थायरायड समस्या विषय पर अपने विचार वयक्त किये जिसमें उन्होनें बताया कि नियमित संतुलित आहार विहार के सेवन द्वारा भी थायरायड की समस्या से बचा जा सकता है। साथ ही यह भी बताया कि जलकुम्भी भस्म, पिप्पली, आदि औषधि का प्रयोग चिकित्सक की देखरेख में लेने पर भी समस्या से छुटकारा मिलता है।

मुख्य अतिथि डॉ० राम बाबू द्विवेदी ने अपने उदबोधन में चरक संहिता में वर्णित शुभ-अशुभ लक्षणों के बारे में विस्तृत वर्णन किया, उन्होंने बताया कि हम सभी चिकित्सक शुभ-अशुभ लक्षणों के आधार पर रोग को पहचान कर रोगी की चिकित्सा कर उसे ठीक कर सकतें है और यश की प्राप्ति व सफल चिकित्सक बन सकते हैं। ज्ञात हो चरक संहिता में शुभ और अशुभ लक्षणों का वर्णन इंद्रिय स्थान में किया गया है, जो रोग के निदान और रोगी के भविष्य के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। ये लक्षण न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और भावनात्मक पहलुओं को भी शामिल करते हैं।

इसके बाद अवध प्रान्त में स्थापित सरकारी एवं निजी आयुर्वेद कालेज के बैच 2022 के छात्र/छात्राओं को चरक संहिता में अधिकतम अंक प्राप्त करने वाले सभी तीन छात्र/छात्राओं को “बाल चरक सम्मान-2025” से सम्मानित किया गया। राजकीय आयुर्वेद कॉलेज से ब्यूटी वर्मा, दिव्यांशी, श्वेता यादव, नैना त्रिवेदी, आई.ए.एम.एस. कालेज से ज्ञान भारद्वाज, सपना, शहनवाज, प्रबुद्ध आयुर्वेद कालेज से पुष्पा, आकांक्षा, सुहजात, श्रीरामचन्द्र वैद्य आयुर्वेद कालेज से आचंल, विस्मा, वर्तिका पटेल, एस.सी.पी.एम. आयुर्वेद कालेज, गोण्डा से प्रीति, आकाश, आम्रपाली आयुर्वेद कालेज उन्नाव से आख्या, रितेश, खुशबू, प्रेरणा, बाबू युगराज सिंह आयुर्वेद कालेज से कीर्ति, नेहा, सना, पूजा आदि को “बाल चरक सम्मान-2025” से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में डा० बी. पी. सिंह ने प्राचीन चिकित्सा पद्धति को बढ़ाने पर जोर दिया। कार्यक्रम का संचालन डा प्रभुनाथ दास एवं डा श्वेता सिह ने किया। कार्यक्रम में लगभग 70 विद्यार्थी एवं 45 आयुर्वेद चिकित्सकों ने प्रतिभाग किया। डॉ बी० एल० सिंह ने कार्यकम में आये हुये सभी चिकित्सकों व अन्य व्यक्तियों को धन्यवाद ज्ञापित दिया। कार्यक्रम में डा० आर. सी. वर्मा, डॉ० जे पी पाण्डे, डा यूए खान, डा अमित शुक्ला, डा मनोज, डा शहनशा आलम, डा शैलेन्द्र सेंगर, डा वेद, डा अर्चा आदि चिकित्सक उपस्थित रहे।

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