केजीएमयू के प्रो विनोद जैन ने ब्रह्मकुमारीज के सम्मेलन में कहा
माउंट आबू/लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्व विद्यालय के डीन पैरामेडिकल व सर्जन प्रो विनोद जैन ने कहा है कि मनुष्य के विचार ही उसके भाग्य के निर्माता हैं। भाग्य को अच्छा बनाने के लिए आवश्यक है कि हम अपने विचार भी अच्छे रखें।
प्रो जैन ने ये विचार माउंट आबू के ज्ञान सरोवर में आयोजित चार दिवसीय 38वीं कॉन्फ्रेंस में व्यक्त किये। हीलिंग ऑफ हीलर्स के उद्देश्य को लेकर चिकित्सकों के लिए संस्थान द्वारा प्रति वर्ष इस सम्मेलन का आयोजन किया जाता है। सम्मेलन में अपने विचार को विस्तार पूर्वक बताते हुए प्रो जैन ने कहा कि जैसा हम सोचते हैं वैसा ही हम बोलने लगते हैं, और जैसा हम बोलने लगते हैं, वैसा ही हम करते हैं, और जैसा हम करते हैं, वह हमारी आदत बन जाती है, जो हमारी आदत बन जाती है, वह हमारा चरित्र बन जाता है, और जैसा हमारा चरित्र होता है वही हमारे भाग्य का निर्माण करता है।


प्रो जैन ने कहा कि व्यक्ति के मन, कर्म और वचन में कोई अंतर नहीं होना चाहिये जिससे वह ग्लानि न महसूस कर सके। उन्होंने सम्मेलन में आये लोगों से अपील की कि यहां जो आप लोगों ने ज्ञान प्राप्त किया है उसे अपने तक ही न सीमित रखें, सब लोगों में इसका प्रसार करें। डॉ विनोद जैन ने बताया कि ब्रह्मकुमारीज संस्थान का कहना है कि शरीर और आत्मा को उपचार के उद्देश्य के लिए अलग नहीं किया जा सकता है क्योंकि वे एक और अविभाज्य हैं।
यह भी पढ़़े़ेंं-आध्यात्म और ध्यान की गंगा में डुबकी लगाकर नयी ऊर्जा के साथ लौटे चिकित्सक
