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विरोध की मोमबत्‍ती के बाद अब 19 मई को बंधेगा काला फीता

-इप्‍सेफ के आह्वान पर देशव्‍यापी आंदोलन की रणनीति तय करने के लिए वीडियों कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिये की गयी मीटिंग में लिया गया फैसला

-महंगाई भत्ते को फ्रीज़ करने,  एनपीएस  में सरकारी अंशदान 4% कम करने,  राज्य सरकारों के अन्य भत्तों की कटौती करने का कर रहे विरोध

वी पी मिश्र (फाइल फोटो)

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ 19 मई को देश भर के कर्मचारी काला फीता बांधकर महंगाई भत्ते को फ्रीज़ करने,  एनपीएस  में सरकारी अंशदान 4% कम करने,  राज्य सरकारों द्वारा अन्य भत्तों की कटौती का विरोध करेंगे। साथ ही प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों को ज्ञापन प्रेषित किया जाएगा।  इसके साथ ही सभी कर्मचारी प्रधानमंत्री कार्यालय को ईमेल भेजेंगे और ट्वीट करेंगे,  इसके लिए हैशटैग निर्धारित किया जाएगा।

इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (इप्‍सेफ) के अध्यक्ष वी पी मिश्र ने यह जानकारी देते हुए बताया कि बीती पहली मई को मोमबत्‍ती जलाकर विरोध जताने के बाद की रणनीति वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग से बैठक में तय की गयी। देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों तथा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्रा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।

बैठक में इप्सेफ के सभी पदाधिकारियों ने अपने राज्यों की रिपोर्ट प्रेषित करते हुए 1 मई को मोमबत्ती जलाने के ऐतिहासिक अनुशासित सफल आंदोलन के लिए सभी कर्मचारियों को बहुत-बहुत बधाई दी ।

इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन के अध्यक्ष वी पी मिश्र, महामंत्री प्रेमचंद्र ने मई दिवस पर देश भर में मोमबत्ती जलाकर प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजकर ध्यानाकर्षण करके भत्तों में कटौती को वापस लेने पर पुनर्विचार करने की मांग को पूरी तरह सफल बनाने के लिए देशभर के कर्मचारियों ने घर पर तथा ड्यूटी वाले कर्मचारियो ने अपने कार्यालयों में संपन्न किया।

कर्मचारियों ने 1 मीटर दूरी बनाए रखने का भी पालन किया। अवगत कराया गया कि देश के 24 प्रदेशों व केंद्र शासित प्रदेशों में यह कार्यक्रम किया गया। उत्तर प्रदेश के 75 जनपदों में कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा एवं राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद से जुड़े संगठनों ने बढ़-चढ़कर भागीदारी की।

वी पी मिश्र ने कहा है कि भारत सरकार एवं राज्य सरकारें कोरोना-19 से संघर्ष करने वाले डॉक्टर,  नर्सेस,  पैरामेडिकल स्टाफ, वार्ड बॉय, सफाई कर्मचारी, पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी एवं तकनीकी कर्मचारियों के भत्तों में कटौती कर रही है। एक तरफ फूल बरसाया जा रहा है, उसी तरह जनता भी सम्मान कर रही है, परंतु सरकार उनकी जेब काट रही है । जिससे उनका परिवार आर्थिक संकट में पड़ गया है। प्रेम चंद्र महासचिव ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है की इस संकट का हल आपसी बातचीत से हो सकता है।  सचिव इप्सेफ अतुल मिश्रा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 7 भत्ते काट दिए गए हैं, एनपीएस में सरकार में अंशदान में 4 प्रतिशत की कमी की गई है, जब तक केंद्र सरकार ने आम डी0ए0 के किस्तों को जुलाई तक रोका है कुछ राज्य 30 प्रतिशत वेतन की कटौती भी कर रहे हैं, इसी वजह से कर्मचारी आक्रोशित होकर आंदोलन करके नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं।

वी पी मिश्र ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि इप्सेफ से बातचीत करके इसका हल निकालने में पहल करें जिससे कि भविष्य में टकराव की स्थिति उत्पन्न ना हो। उन्‍होंने प्रधानमंत्री से यह भी कहा है कि आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के शोषण को बंद करने तथा उनके वेजेज के अनुरूप न्यूनतम वेतन का प्रतिमाह भुगतान कराने एवं उनके भविष्य के लिए एक नीति बनाने की भी मांग की है।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उत्तर प्रदेश,  दिल्ली,  हरियाणा,  गुजरात, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, राजस्थान, झारखंड, महाराष्ट्र के क्रमबद्ध शशि कुमार मिश्रा महासचिव कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा,  अमरनाथ सिंह अध्यक्ष माध्यमिक शिक्षक संघ, घनष्याम यादव महामंत्री राजकीय निगम महासंघ, अतुल मिश्रा राष्ट्रीय सचिव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ के के सचान, अशोक कुमार,सुरेश रावत, सुनील यादव अध्यक्ष राजकीय फार्मासिस्ट महासंघ उ प्र,  जी के खुराना, प्रेमचंद राष्‍ट्रीय महामंत्री, दीपक ढोलकिया मुख्य सलाहकार, राकेश भदौरिया उपाध्यक्ष (दिल्ली), शिवकुमार पराशर, पंकज मित्तल (हरियाणा), हरविंदर कौर (पंजाब), एचके सांडिल (हिमांचल), एसबी सिंह (मध्यप्रदेश), ओपी शर्मा (छत्तीसगढ), अमरेन्द्र सिंह, राजेश मणि (बिहार), विष्णु भाई पटेल (गुजरात), सुभाष गांगुड़े (महाराष्ट्र), राजेंद्र सिंह राणा (राजस्थान) आदि ने भाग लिया।