मांगों पर सरकार के उदासीन रवैये से नाराज शिक्षकों ने लिया फैसला

लखनऊ। उ॰प्र॰ माध्यमिक शिक्षक संघ अपनी मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के उदासीन रवैये के विरोध में बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार करेगा।
यह जानकारी शिक्षक संघ के प्रदेशीय सचिव व प्रवक्ता डॉ महेन्द्र नाथ राय ने देते हुए बताया कि मूल्यांकन बहिष्कार का निर्णय आज उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की संघर्ष समिति की बैठक में लिया गया। यह बैठक चेतनारायण सिंह की अध्यक्षता में हुई। बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि माध्यमिक शिक्षक संघ अपनी 9 सूत्री मांगों को लेकर समय-समय पर धरना या ज्ञापन के माध्यम से प्रदेश सरकार व शासन का ध्यान आकर्षित कर चुका है परन्तु शासन का दृष्टिकोण शिक्षक हितों के प्रति सकारात्मक नहीं रहा। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में विवश होकर संगठन ने उ॰प्र॰ माध्यमिक शिक्षक परिषद की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य को बन्द करने का निर्णय किया है।
आपको बता दें कि जिन मांगों को लेकर शिक्षक संघ ने फैसला लिया है उनमें मान्यता की धारा 7क (क) का 7-4 में परिवर्तन, सेवा नियमावली निर्मित कर समान कार्य के लिए समान वेतनध्सम्मानजनक मानदेय दिलाना, 1 अप्रैल 2005 के पूर्व की सुनिश्चित पेंशन (पुरानी पेंशन) योजना लागू करना, कोषागार से वेतन आहरित कर रहे अद्यतन कार्यरत तदर्थ शिक्षकों का विनियमितीकरण करना, माध्यमिक शिक्षकों एवं कर्मचारियों को चिकित्सकीय सुविधा प्रदान करना, एलटी ग्रेड में संविलयित शिक्षकों को राजकीय शिक्षकों की भाँति सी.टी. गे्रड की सेवा का लाभ दिलाना, माध्यमिक व्यावसायिक व कम्प्यूटर अनुदेशकों को शिक्षक पद पर समायोजित कराना, आमेलित विषय विशेषज्ञों को उनके पूर्व की सेवा का लाभ दिलाना, माध्यमिक शिक्षा परिषद के मूल्यांकन, निरिक्षण एवम् अन्य परिश्रमिक दरों को सीबीएसई के समतुल्य करना तथा एलटी ग्रेड शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान के लिए स्नात्कोत्तर उपाधि की बाध्यता समाप्त करना शामिल है।
बैठक में लवकुश मिश्र, रामबाबू शास्त्री, रमेश सिंह, अनिरूद्ध त्रिपाठी, गुमान सिंह यादव, गिरेन्द्र सिंह कुशवाहा, मेजर देवेन्द्र सिंह उपस्थित रहे।

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