-वेतन उच्चीकृत करने की मांग को लेकर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने लिखा सरकार को पत्र

सेहत टाइम्स
लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश ने सेवा प्रदाता के माध्यम से नियुक्त कर्मियों के वेतन को उच्चीकृत किये जाने आदेश दिये जाने का स्वागत करते हुए अन्य संस्थानों में भी कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों के वेतन को उच्चीकृत करने की मांग की है। इस सम्बन्ध में परिषद की ओर से विभागीय मंत्री के साथ ही उपमुख्यमंत्री का कार्यभार सम्भाल रहे ब्रजेश पाठक तथा प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा पार्थसारथी सेन शर्मा को पत्र भेजकर वेतन उच्चीकृत किये जाने की मांग की है।
परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि 1 अगस्त को एसजीपीजीआई ने सेवा प्रदाता के माध्यम से कार्यरत कर्मियों का वेतन उच्चीकृत करने का आदेश जारी कर दिया है। संस्थान के इस निर्णय को सराहनीय कार्य बताते हुए उन्होंने बताया कि भेजे गये पत्र में कहा गया है कि सेवा प्रदाता के माध्यम से कार्यरत केजीएमयू सहित प्रदेश के समस्त विशिष्ट संस्थानों में कार्यरत अल्प वेतन भोगी संविदा कर्मचारियों की परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुये एसजीपीजीआई की भांति वेतन उच्चीकृत करवायें, जिससे इस भीषण महंगाई के दौर में वे अपने परिवार व बच्चों का भरण पोषण व शिक्षा की व्यवस्था कर पूर्ण मनोयोग से जनता की सेवा कर सकें।
उन्होंने कहा कि ये वही कर्मी हैं, जिन्होंने अपनी जान को जोखिम में डाल कर कोविड जैसी महामारी में प्रदेश की जनता की सेवा की और कई शहीद भी हो गये। ज्ञात हो कि केजीएमयू सहित सभी विशिष्ट संस्थानों में कार्यरत कर्मियों का वेतन एसजीपीजीआई के समान है। वर्तमान परिवेश में इन कर्मियों को सिर्फ सात हज़ार से पन्द्रह हज़ार तक वेतन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार भली भाँति परिचित है कि इतने कम वेतन में कोई भी कर्मी परिवार का भरण पोषण और बच्चों की शिक्षा-दीक्षा कैसे करेगा। इसलिए मानवीय दृष्टिकोण से भी इनका वेतन उच्चीकृत होना चाहिए।

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