-जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में हुआ डॉक्टरों के सम्मान समारोह का आयोजन
सेहत टाइम्स
लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. बिपिन पुरी ने कहा कि मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि हम अपना काम करते हैं। मरीजों की देखभाल करना हमारा कर्तव्य है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एक डॉक्टर के जीवन से जुड़ी चुनौतियों का चित्रण करने वाले छात्रों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक ऐक्ट से मैं अभिभूत हूँ।
ले.ज. डॉ पुरी ने यह उद्गार गुरुवार को यहां गोमती नगर स्थित जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेन्ट में जयपुरिया इंस्टीट्यूट और लखनऊ मैनेजमेन्ट एसोसिएशन (एल.एम.ए) द्वारा डाक्टरों, चिकित्सा पेशेवरों, और पैरामेडिक्स के सम्मान समारोह के मौके पर अपने उद्बोधन में व्यक्त किये। इस मौके पर संस्थान की सांस्कृतिक टीम के छात्रों ने सरस्वती वंदना की तथा कोविड काल में डॉक्टरों तथा पैरामेडिकल स्टाफ के संघर्ष और बलिदान को म्यूजिकल एक्ट द्वारा प्रस्तुत किया।
इस समारोह का मुख्य उद्देश्य उन सभी डॉक्टरों, चिकित्सा पेशेवरों और पैरामेडिक्स के प्रति आभार व्यक्त करना था जो पिछले दो वर्षों से कोविड-19 महामारी से जन जीवन की रक्षा में निरंतर युद्ध लड़ रहे हैं। कार्यक्रम में आये हुए मेहमानों का स्वागत करते हुए जयपुरिया इंस्टिट्यूट लखनऊ की निदेशक डॉ. कविता पाठक ने कहा कि कोविड एक झटके में आया और कई लोगों के जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया, परन्तु जन जीवन की रक्षा के लिए डॉक्टर फ्रंटलाइन पर आ गए। उनके प्रयासों से लाखो ज़िंदगियाँ बच पाई।
कार्यक्रम में केजीएमयू के रेस्पेरेटरी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त, माइक्रोबायोलॉजी विभाग की डॉ सुरुचि शुक्ला, एस.जी.पी.जी.आई. के निदेशक डॉ.आर.के.धीमन एवं इमरजेंसी और क्रिटिकल केयर विभाग के प्रोफेसर व कोविड नोडल अधिकारी डॉ.आर.के. सिंह, डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानन्द, प्रोफेसर, एनेस्थिसियोलॉजी विभाग डॉ.पी.के. दास तथा एसोसिएट प्रोफेसर- पीडियाट्रिक सर्जरी डॉ. श्रीकेश सिंह, मेदान्ता अस्पताल के निदेशक डॉ. राकेश कपूर एवं सह निदेशक डॉ. दिलीप दुबे, अपोलो अस्पताल के एम.डी और सी.ई.ओ डॉ. मयंक सोमानी, सहारा अस्पताल के हेड और वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अनिल विक्रम सिंह एवं चंदन अस्पताल की निदेशक अस्मिता सिंह शामिल हुए।
के.जी.एम.यू. में श्वसन चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. सूर्यकान्त ने कहा “किसी भी स्थिति में नेतृत्व बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब COVID अपने चरम पर था, तो इन महत्वपूर्ण कारकों, चिकित्सा आपूर्ति, स्वच्छता और प्रतिक्रिया पर गौर करना महत्वपूर्ण था। वक़्त गुज़र जायेगा पर इतिहास में उन डॉक्टरों और वीरों को याद किया जायेगा जिन्होंने दूसरों को बचाते हुए अपनी जान गंवाई”।
डॉ. सोनिया नित्यानन्द, निदेशक, डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल ने जयपुरिया इंस्टिट्यूट तथा लखनऊ मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने कहा “मैं एसजीपीजीआई और आरएमएल के सभी पैरामेडिकल स्टाफ़ को धन्यवाद देते हुए अपनी कृतज्ञता व्यक्त करती हूँ तथा रोगियों को ठीक करने के लिए उनके प्रयासों पर गर्व महसूस करती हूँ।”
मेदान्ता अस्पताल के निदेशक डॉ. राकेश कपूर ने कहा कि इन विकट परिस्थितियों में पैरामेडिकल स्टाफ़ ने ईश्वरीय शक्ति की भांति कार्य किया। डॉक्टरों ने अपने स्वास्थ्य और जीवन की चिंता किये बिना लोगों की जान बचाई।
अपोलो अस्पताल में क्रिटिकल केयर कंसलटेंट डॉ. सुशील कुमार सिंह ने कहा कि जब कोई मरीज़ अस्पताल में आता या लाया जाता है तो वो इस आशा के साथ आता है की हम उसे पूर्ण रूप से स्वस्थ कर देंगे। कोविड के दौरान यह चुनौतीपूर्ण था लेकिन कुशल टीम वर्क और नेतृत्व के साथ, हमने इसे पूरा किया।
महासमिति के अध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ.) बी.एन. सिंह तथा महासचिव डॉ. राघवेंद्र शुक्ला ने जयपुरिया इंस्टिट्यूट और लखनऊ मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की सराहना की।
डॉ. पी.के. द्विवेदी, उपाध्यक्ष, लखनऊ मैनेजमेन्ट एसोसिएसन ने कहा कि इस सम्मान समारोह का उद्देश्य मेडिकल फ्रंटलाइन के प्रति हमारी कृतज्ञता व्यक्त करना है। यह मेरे लिए खुशी का क्षण है। हम लाखों आशावान चेहरों पर मुस्कान लाने के लिए समाज की सेवा में लगे हैं।