-रेस्पाइरेटरी विभाग के कोरोना वारियर्स का प्रो सूर्यकांत ने किया स्वागत
-कोरोना वार्ड में ड्यूटी करके वापस लौटे योद्धाओं के हौसले बुलंद
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। वैश्विक महामारी कोविड-19 से डरने की नहीं, इससे निडर होकर लड़ने की जरूरत है। अपने अंदर डर के भाव हटाकर बचाव के तरीकों को अपनाकर इसे हराया जा सकता है, मुझे खुशी है कि कोरोना से ग्रस्त मरीजों की सेवा में लगे हमारे डॉक्टर व अन्य चिकित्सा कर्मी पूरी निडरता के साथ ड्यूटी कर रहे हैं और अपना फर्ज निभा रहे हैं। मैं इसके लिए इनका अभिनंदन करता हूं। इस वैश्विक महामारी के अदृश्य शत्रु के खिलाफ जंग लड़ रहे चिकित्सक व अन्य चिकित्साकर्मी वाकई सच्चे योद्धा हैं, इसीलिए इन्हें कोरोना योद्धा का दर्जा दिया गया है।
यह बात सोमवार को रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सूर्यकांत ने कोविड वार्ड में ड्यूटी कर के लौटे विभाग के चिकित्सकों व अन्य चिकित्सा कर्मियों का विभाग में अभिनंदन करते हुए कही। प्रो सूर्यकांत ने कहा कि किसी भी बीमारी से ग्रस्त मरीज को उपचार करके स्वस्थ करना चिकित्सक का मुख्य दायित्व होता है, साथ ही यदि मरीज किसी संक्रमित बीमारियों का शिकार है तो उस बीमारी के संक्रमण से खुद को भी बचाना चिकित्सा कर्मियों के लिए बड़ी चुनौती होती है, मुझे खुशी है कि आप लोगों ने इस दायित्व को बखूबी निभाया। आपको बता दें विभाग के अब तक 15 चिकित्सा कर्मी कोरोना की ड्यूटी कर चुके हैं एवं इनमें से कोई भी संक्रमित नहीं हुआ है।
इस मौके पर प्रो सूर्यकांत ने कोविड ड्यूटी करके लौटे विभाग के सभी कोरोना योद्धाओं का तिलक लगाकर, माला पहनाकर स्वागत व सम्मान करते हुए मुंह मीठा कराया। आज विभाग के जिन कोरोना योद्धाओं का सम्मान किया गया उनमें एसोसिएट प्रोफेसर डॉ आनंद श्रीवास्तव, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ दर्शन कुमार बजाज के साथ ही रेजिडेंट डॉ अविषेक कार, डॉ अंकित, डॉ यश, डॉ गौरव, डॉ अमित, डॉ नंदिनी, डॉ संदीप, डॉ एन मैरी, नर्स रितु, भूरी व अर्जुन आदि शामिल थे।
इस मौके पर विभाग के चिकित्सक डॉ एसके वर्मा, डॉ आर ए एस कुशवाहा, डॉ संतोष कुमार, डॉ राजीव गर्ग, डॉ अजय कुमार वर्मा, डॉ ज्योति बाजपेई तथा रेजिडेंट डॉक्टर्स भी उपस्थित रहे। सभी कोरोना योद्धाओं ने वहां उपस्थित अपने गुरुओं से आशीर्वाद लिया और आगे भी निरंतर निस्वार्थ भाव से अपनी सेवा प्रदान करने व कोरोना को हराने का संकल्प लिया। डॉ सूर्यकांत ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से नई ऊर्जा मिलती है तथा कोरोना से निडर होकर लड़ने का जज्बा भी बढ़ता है।