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पीएम ने कहा, ‘दो गज की दूरी, मास्‍क है जरूरी’ की मर्यादा का करें पालन

-अपने कृत्‍यों से संदेश देने वाले मोदी का मास्‍क, कार्यक्रम के दौरान न सिर्फ लगा रहा, बल्कि ठीक से लगा रहा

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। अपने हावभाव, शैली से देश की जनता को संदेश देने वाले प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज अयोध्‍या में श्रीराम जन्‍मभूमि पर बनने वाले मंदिर की आधारशिला रखने के बाद अपने सम्‍बोधन में देशवासियों से इस कोरोना महामारी काल में दो गज की दूरी, मास्‍क है जरूरी का फि‍र से संदेश दिया, इस संदेश को उन्‍होंने श्रीराम के आदर्श से जोड़ दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान राम की मर्यादा को मौजूदा परिस्थितियों के सर्वाधिक आवश्यक बताते हुए कहा कि श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्‍तम कहे जाते हैं, आज के कोरोना महामारी के समय हमें भी अपनी मर्यादा का ध्‍यान रखना है, और यह मर्यादा है को दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री पूरे समय मास्‍क को न सिर्फ लगाये रहे बल्कि ठीक से लगाये रहे, जिससे उनकी नाक व मुंह पूरी तरह से ढंका हुआ था। यही सही तरीका है मास्‍क लगाने का।

अब प्रधानमंत्री की इस अपील का लोगों पर कितना असर पड़ता है, यह तो वक्‍त बतायेगा लेकिन मौजूदा समय बड़ी संख्‍या में ऐसे लोग हैं जो मास्‍क का प्रयोग नहीं कर रहे हैं, या ठीक से नहीं कर रहे हैं।, ऐसे लोग सुरक्षा कम बल्कि दिखावा ज्‍यादा करते हैं, लापरवाही भी इसमें बहुत बड़ा कारण है, जैसे कि मास्‍क लगा हुआ है लेकिन नाक खुली है, मास्‍क लगा हुआ है, लेकिन धीरे-धीरे यह मास्‍क गले की सुरक्षा करने लगता है, उस गले की जो मुंह में मास्‍क लगे होने के समय खुला हुआ था, यानी अगर गले पर संक्रमण आ चुका है, और बाद में मास्‍क गले पर लगाया और फि‍र वापस मुंह पर लगा लिया तो संक्रमण सांस के रास्‍ते अंदर जाने की संभावना कितनी है, यह बताने की जरूरत नहीं है। इसी तरह सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन भी नहीं हो रहा है, कुछ लोग जो जागरूक हैं, उन्‍हें छोड़ दें तो अधिकांश लोगों को सोशल डिस्‍टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए देखा जा सकता है।

अफसोस इस बात का होता है कि शुरुआत से यह बात समझायी जा रही है कि हाथों की सफाई, शारीरिक दूरी तथा मुंह पर मास्‍क जरूरी है लेकिन लापरवाह लोग समझने को तैयार ही नहीं हैं। उनको यह नहीं समझ आता है कि वे अपने को जोखिम में रखते हैं, समाज को जोखिम में रखते हैं और अपने परिवार के सदस्‍यों, जिनमें बुजुर्ग, बीमार, बच्‍चे शामिल हैं, उनकी जान भी जोखिम में रखते हैं। कोरोना केसों का लगातार बढ़ने का यह एक मुख्‍य कारण है।