राज्यपाल ने अध्यादेश पर किये हस्ताक्षर, प्रतिबन्ध तत्काल प्रभाव से लागू, पकड़े गए तो 25,000 तक जुर्माना
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में आज यानी 15 जुलाई से 50 माइक्रोन से कम वाले प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसे प्रभावी जामा पहनाने के लिए राज्यपाल राम नाईक ने अध्यादेश पर भी हस्ताक्षर कर दिए हैं. इससे प्रदेश में प्लास्टिक बैन को लेकर अध्यादेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है. अब प्रदेश में तय मानकों से इतर वाले प्लास्टिक उत्पाद या पॉलीथीन बैग की बिक्री और भंडारण करने पर एक हजार रुपये से 25 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा. पर्यावरण और उसके चलते स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से लिया गया फैसला अगर प्रभावी ढंग से लागू हुआ तो मानव ही नहीं बल्कि गाय जैसे पशुओं के जीवन के लिए बड़ा वरदान साबित होगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राज्यपाल रामनाईक ने अध्यादेश की कॉपी पर हस्ताक्षर करके उसे नगर विकास विभाग को लौटा दिया है. अब विभाग 16 जुलाई को इसकी नई गाइडलाइन जारी कर सकता है. अध्यादेश के मुताबिक कई विभागों के अधिकारियों को कार्रवाई करने के लिए अधिकार दिए गए हैं. इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि जब्त की जाने वाली प्लास्टिक की संख्या और मात्रा के अनुसार सजा और जुर्माना लगाया जा सके.
आपको बता दें कि प्रदेश सरकार ने 6 जुलाई को राज्य में पॉलीथीन और तय मानकों से इतर प्लास्टिक उत्पादों पर बैन लगाने का एलान किया था. 15 जुलाई से यूपी में प्लास्टिक बेचने या इस्तेमाल करने वालों पर जुर्माना लगेगा और फिर सजा का प्रावधान किया गया है. प्रदेश की योगी सरकार ने यह फैसला पर्यावरण को बचाने और प्रदेश में अंधाधुंध हो रहे प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोकने के लिए लिया है. गरम चाय से लेकर ठन्डे जूस तक प्लास्टिक की पन्नी में बेचे जा रहे थे. जिसका स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ रहा था.
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से उनके कार्यालय के ट्विटर अकाउंट के जरिये घोषणा की गई थी ‘हमने 15 जुलाई से पूरे प्रदेश में प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने का फैसला लिया है मैं आह्वान करता हूं कि 15 जुलाई के बाद प्लास्टिक के कप, गिलास, और पॉलीथीन का इस्तेमाल किसी भी स्तर पर न हो. इसमें आप सभी की सहभागिता जरूरी होगी’. योगी आदित्यनाथ का कहना है कि पॉलीथीन प्रदूषण का कारक है. इसलिए इस पर रोक लगाना जरूरी है.
तीन चरणों में लागू होगा प्रतिबन्ध
दरअसल यह प्रतिबन्ध तीन चरणों में लागू किया जाना है. पहला चरण में 15 जुलाई से 50 माइक्रोन तक की पॉलीथिन बैग प्रतिबंधित किया जाएगा. इसके बाद 15 अगस्त से प्लास्टिक व थर्मोकोल आदि से बने कप, प्लेट व ग्लास प्रतिबंधित किए जाएंगे. तीसरा और आखरी चरण दो अक्टूबर से सभी प्रकार के पॉलीबैग व प्लास्टिक जो कंपोस्ट नहीं हो सकते हैं उन पर प्रतिबंध किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश में इससे पहले भी प्लास्टिक को बैन करने की कोशिश अखिलेश सरकार में की जा चुकी है. सरकार की ओर से प्लास्टिक को बैन तो किया गया था लेकिन प्लास्टिक बैन के क्रियान्वयन के लिए किसी भी एक एजेंसी को पूरी जिम्मेदारी न मिलने के कारण यह बैन लागू नहीं हो सका और उसके बाद से प्लास्टिक बैन को लेकर बेहद संजीदा प्रयास नहीं किए गए.