Saturday , November 23 2024

कम्युनिटी में होने वाले निमोनिया में 40 फीसदी को जरूरत पड़ती है अस्पताल में भर्ती होने की : डॉ गुलेरिया

-निमोनिया होने के जोखिम वाले लोगों को लगवानी चाहिये वैक्सीन

सेहत टाइम्स

लखनऊ। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक व वर्तमान में मेदांता गुरुग्राम में कार्यरत डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि कम्युनिटी में होने वाले निमोनिया के मामलों में 40 प्रतिशत को ऐसा सीवियर निमोनिया होता है जिसमें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है तथा इनमें 5 से 10 प्रतिशत को आईसीयू की जरूरत भी पड़ जाती है।

डॉ गुलेरिया ने यह जानकारी आज 17 दिसम्बर को यहां होटल ताज में मिडलैंड हॉस्पिटल और सूर्या फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 15वीं रेस्पाइरेटरी एंड क्रिटिकल केयर अपडेट 2023 के मौके पर अपने प्रेजेन्टेशन में कही। उन्होंने बताया कि कम्युनिटी में होने वाले इन केसेज को किस प्रकार हम मैनेज कर सकते हैं। डॉ गुलेरिया ने यह भी बताया कि किस प्रकार निमोनिया को रैपिडली डायग्नोज किया जा सकता है जिससे शीघ्र उपचार शुरू हो सके। डॉ गुलेरिया ने बताया कि निमोनिया से ग्रस्त लोगों में जिनकी डायबिटीज अनियंत्रित हो, जिनकी उम्र ज्यादा हो जैसे लोगों का पूर्व में ही विशेष ध्यान रखना चाहिये जिससे सीवियर निमोनिया होने की स्थिति न आये।

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार हमें यह भी देखना होगा कि यह कहीं वायरस के चलते तो नहीं है, जैसे कोविड भी एक वायरस ही था, ऐसे में बैक्टीरिया का इलाज काम नहीं करेगा। उन्होंने उपचार के दौरान मरीज को ऑक्सीजन कैसे दें जैसी नयी-नयी जानकारियों के बारे में भी जानकारी दी।

एक सवाल के जवाब में डॉ गुलेरिया ने कहा कि निमोनिया के केसेज हम बुजुर्गों में ज्यादा देखते हैं ऐेसे में हमें ध्यान यह रखना है कि निमोनिया जल्दी पकड़ में आ जाये, उसका इलाज जल्दी शुरू हो जाये और जिनको निमोनिया का जोखिम है उन्हें वैक्सीनेट भी करें। ऐसे बुजुर्गों के साथ ही अन्य जोखिम वाले लोगों को वैक्सीनेशन करवायें, ऐसे लोग जाड़े में सुबह-शाम अपने को ढंककर रखें, अगर घर में किसी को जुकाम, नजला, खांसी है तो उससे दूर रहें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.