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कैंसर के सटीक निदान में आणविक पैथोलॉजी की भूमिका महत्वपूर्ण : प्रो सोनिया नित्यानंद

-दो दिवसीय ऑन्कोपैथोलॉजी स्लाइड सेमिनार और ऑन्कोपैथोलॉजी अपडेट सीएमई सम्पन्न

सेहत टाइम्स

लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू), लखनऊ की कुलपति पद्मश्री डॉ. सोनिया नित्यानंद ने कैंसर के सटीक निदान में आणविक पैथोलॉजी (Molecular Pathology) के बढ़ते महत्व पर जोर देते हुए कहा है कि इस क्षेत्र में नई तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता है। प्रो सोनिया नित्यानंद ने यह यह बात कैंसर के सटीक निदान और शोध को नई दिशा देने के उद्देश्य से आर एम एल पैथोलॉजी, निरालानगर, लखनऊ में आयोजित ऑन्कोपैथोलॉजी स्लाइड सेमिनार और ऑन्कोपैथोलॉजी अपडेट सीएमई में मुख्य अतिथि के रूप में अपने सम्बोधन में कही।

यह दो दिवसीय कार्यक्रम 28 फरवरी और 1 मार्च को आयोजित किया गय, जिसमें देशभर से आए प्रमुख पैथोलॉजिस्टों, शोधकर्ताओं और स्नातकोत्तर छात्रों ने भाग लिया। कार्यक्रम में हिस्टोपैथोलॉजिस्ट डॉ. अनीता बोर्गेस विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहीं।

कार्यक्रम की शुरुआत में आयोजक डॉ. बंदना मेहरोत्रा, डॉ. संजय मेहरोत्रा और डॉ. सुप्रिया मेहरोत्रा ने अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। डॉ. अनीता बोर्गेस ने कैंसर के उपचार को प्रभावी बनाने के लिए ऑन्कोपैथोलॉजिस्टों, चिकित्सकों और शोधकर्ताओं के बीच सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।

“विशेषज्ञों के साथ स्लाइड सफ़ारी” थीम पर आयोजित स्लाइड सेमिनार में प्रतिभागियों ने जटिल मामलों पर गहन चर्चा की। हेमेटोपैथोलॉजी (रक्त कैंसर), हेड एंड नेक पैथोलॉजी (गले और सिर से जुड़े कैंसर) और ब्रेस्ट पैथोलॉजी (स्तन कैंसर) जैसे विषयों पर विशेषज्ञों ने केस स्टडीज़ के माध्यम से अपने अनुभव साझा किए।

डॉ बंदना ने कहा कि यह कार्यक्रम न केवल ऑन्कोपैथोलॉजी के क्षेत्र में नवीनतम शोध और तकनीकी विकास पर केंद्रित रहा, बल्कि कार्यक्रम ने प्रतिभागियों को केस-आधारित शिक्षण (Case-Based Learning) का व्यावहारिक अनुभव भी प्रदान किया। विशेषज्ञों और छात्रों के बीच संवादात्मक चर्चाओं ने कैंसर निदान और उपचार की नई संभावनाओं के द्वार खोले। इस दौरान तकनीकी नवाचार, सटीक डायग्नोस्टिक्स और कैंसर से जुड़ी नई चिकित्सा पद्धतियों पर भी प्रकाश डाला गया।

डॉ. संजय मेहरोत्रा ने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी कि हर 6 महीने से 1 साल के भीतर इसी तरह के राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार और सीएमई आयोजित किए जाएं। इससे एडवांस विषयों पर देश के विशेषज्ञों के साथ चर्चा होगी और रोगों के सटीक निदान तथा अत्याधुनिक तकनीकों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस सफल आयोजन ने चिकित्सा शिक्षा में एक नई दिशा स्थापित की है, जो भविष्य में ऑन्कोपैथोलॉजी के क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को और अधिक गति प्रदान करेगा। कार्यक्रम में देश के प्रतिष्ठित कैंसर विशेषज्ञों और पैथोलॉजिस्टों ने हिस्सा लिया, जिनमें टीएमएच मुंबई से डॉ. सुमीत गुजराल, डॉ. मुनिता बाल, डॉ. असावरी पाटिल, एसजीपीजीआई लखनऊ से डॉ. खलीकुर रहमान और डॉ. नुज़हत हुसैन शामिल रहीं।

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