-एसजीपीजीआई के प्रो आदित्य कपूर समेत देश के पांच हृदय रोग विशेषज्ञों ने तैयार किया है यह ऐप

सेहत टाइम्स
लखनऊ। भारत के प्रमुख चिकित्सकों द्वारा दिल की बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाने और जीवन बचाने के उद्देश्य से एक मोबाइल ऐप शुरू किया है। यह पहल जन-जागरूकता अभियान का हिस्सा है। बीती 14 दिसंबर 2024 को “रिवाइव सीपीआर” मोबाइल ऐप का शुभारंभ: भारत में अचानक कार्डियक अरेस्ट के प्रति प्रतिक्रिया बदलने के लिए एक ऐतिहासिक पहल है। इसे जिन भारत के प्रमुख डॉक्टरों द्वारा बनाया गया है उनमें डॉ. आदित्य कपूर (लखनऊ), डॉ. यश लोखंडवाला (मुंबई), डॉ. किंजल गोयल (पुणे), डॉ. मंजू सिन्हा (मुंबई) और डॉ. ब्रायन पिंटो (मुंबई) शामिल हैं।
यह जानकारी संजय गांधी पीजीआई के हृदय रोग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर आदित्य कपूर ने दी। उन्होंने बताया कि “रिवाइव सीपीआर मूवमेंट 2024” की ब्रांड एंबेसडर प्रसिद्ध अभिनेत्री काजोल हैं। इस आंदोलन को विभिन्न क्षेत्रों के कई नामी हस्तियों का समर्थन प्राप्त है। काजोल ने “रिवाइव सीपीआर” मोबाइल ऐप को लॉन्च किया।
मोबाइल ऐप की जरूरत क्यों
डॉ आदित्य कपूर का कहना है कि भारत में हर साल 15 लाख से अधिक लोग अचानक कार्डियक अरेस्ट से अपनी जान गंवा देते हैं, और इनमें से केवल <1% लोगों को बचाया जा सकता है। हम डॉक्टरों ने महसूस किया कि भारत जैसे विशाल देश में केवल भौतिक या वर्चुअल सत्रों के माध्यम से हर क्षेत्र तक पहुंचना, खासकर ग्रामीण इलाकों में, लगभग असंभव है।
उन्होंने बताया कि भारत में 70 करोड़ से अधिक स्मार्टफोन उपयोगकर्ता हैं (जिनमें से 42.5 करोड़ ग्रामीण क्षेत्रों में हैं)। इसीलिए हमने “रिवाइव: सीपीआर” मोबाइल ऐप को डिज़ाइन किया, जो न केवल अचानक कार्डियक अरेस्ट को पहचानने और सीपीआर करने के सरल चरण-दर-चरण निर्देश देता है, बल्कि नजदीकी एईडी (ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर) के स्थान भी दिखाता है।
“रिवाइव सीपीआर ऐप” क्यों महत्वपूर्ण


उनका कहना है कि यह मोबाइल ऐप, जो एंड्रॉइड और एप्पल दोनों पर मुफ्त उपलब्ध है, एक गेम-चेंजर साबित होगा और हर किसी को किसी भी समय और कहीं भी सीपीआर तकनीक का तुरंत उपयोग करने का अधिकार देगा। यह ऐप न केवल अचानक कार्डियक अरेस्ट की जीवित रहने की दर में सुधार करेगा, बल्कि देश में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की एक सक्रिय संस्कृति को भी बढ़ावा देगा।
रिवाइव सीपीआर ऐप: मुख्य विशेषताएं
सीपीआर और एईडी के लिए ऑडियो-वीडियो मार्गदर्शन:
आपात स्थितियों में तेजी से प्रतिक्रिया के लिए व्यावहारिक निर्देश।
“हार्ट अटैक” और “कार्डियक अरेस्ट” के बीच अंतर को सरल और स्पष्ट तरीके से समझाने के लिए विशेषज्ञों की अंतर्दृष्टि।
एम्बुलेंस सेवा के लिए एक टच पर कॉलिंग: 108 एम्बुलेंस सेवा तक तत्काल पहुंच।
नजदीकी एईडी लोकेटर: भारत का पहला ऐप जो स्वचालित रूप से एईडी स्थानों का पता लगाता है और उपयोग का मार्गदर्शन देता है।
स्वयंसेवक नेटवर्क: सीपीआर में प्रशिक्षित स्वयंसेवकों के राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल हों और जीवन बचाने के लिए योगदान दें।
उत्तर प्रदेश में परिदृश्य: डॉ कपूर कहते हैं कि मैं पिछले 4-5 वर्षों से उत्तर प्रदेश में सीपीआर जागरूकता कार्यशालाएं कर रहा हूं। इस दौरान मुझे पुलिस बल, प्रशासनिक संगठन, रेलवे, स्कूलों आदि के प्रमुख नेतृत्वकर्ताओं से मिलने का अवसर मिला है, जिन्होंने इस मुद्दे को प्राथमिकता दी है और हमारी सहायता की है।
डॉ कपूर कहते हैं कि धीरे-धीरे सोच बदल रही है, और अब विभिन्न संगठन स्वयं सीपीआर जागरूकता कार्यक्रमों के लिए अनुरोध करते हैं। यह बदलाव बेहद स्वागत योग्य है। समय पर सीपीआर और एईडी हस्तक्षेप के जीवन-रक्षक प्रभाव को वास्तविक सफलता की कहानियों के माध्यम से प्रदर्शित करने से जागरूकता में वृद्धि हुई है।
डॉ कपूर का कहना है कि हम आप सभी से आग्रह करते हैं कि इस जीवन बदलने वाले इनोवेटिव मोबाइल ऐप का उपयोग करें और इस आंदोलन का हिस्सा बनें। एक सुपरहीरो बनें! बदलाव लाएं। जीवन बचाएं।
आज ही “रिवाइव सीपीआर ऐप” को प्ले स्टोर या ऐप स्टोर से डाउनलोड करें।
आइए मिलकर एक ऐसा भविष्य बनाएं जहां किसी भी व्यक्ति की जान बचाई जा सके।
पहला कदम उठाएं और भारत को एक सुरक्षित और दयालु देश बनाएं।
