-प्रमुख सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को भेजा पत्र, 30 सितम्बर तक हर हाल में पूरी करनी है प्रक्रिया
सेहत टाइम्स
लखनऊ। कोविड-19 काल के दौरान उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में आउटसोर्स के माध्यम से रखे गये कार्मिकों की सेवाओं को जारी रखने के लिए वर्तमान में चल रही अन्य योजनाओं में रिक्त पदों पर आउटसोर्स एजेंसियों के माध्यम से होने वाली भर्ती में इन कोविड काल के कार्मिकों को प्राथमिकता देते हुए उनको कोविड काल में दिये गये मानदेय पर रखे जाने के विस्तृत निर्देश जारी किये गये हैं। इसके अतिरिक्त जिन पदों पर संविदा के माध्यम से भर्ती की जाती है, उन पर भी इन कोविड काल के कार्मिकों को प्राथमिकता देते हुए पुराने मानदेय पर भी भर्ती किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा द्वारा इस संबंध में 27 अगस्त 2024 को सभी जिलों के जिलाधिकारी/ अध्यक्ष जिला स्वास्थ्य समिति को पत्र भेजते हुए यह प्रक्रिया 30 सितम्बर तक समयबद्ध तरीके से पूरी किये जाने के निर्देश भी दिये गये हैं। प्रमुख सचिव ने यह भी साफ किया है कि किसी भी प्रकार का कानूनी अधिकार न होते हुए भी कोविड काल में नियुक्त इन कार्मिकों की उस दौरान की गयी सेवाओं को देखते हुए उन्हें यह प्राथमिकता दी जा रही है, लेकिन इसे दूसरे केसेज के लिए नजीर न बनाया जाये।
प्रमुख सचिव के इस पत्र में आउटसोर्सिंग एजेंसियों के माध्यम से जिन पदों के नाम देते हुए उन पर नियुक्ति में प्राथमिकता दिये जाने के स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं उनमें पीएम-अभीम/15वें वित्त आयोग के अंतर्गत स्थापित किये जा रहे बीपीएचयू में डाटा एनालिस्ट के पद पर कोविड काल के डीईओ को, लैब अटेंडेंट के रिक्त पदों पर कोविड काल के लैब अटेंडेंट को, लैब टेक्नीशियन के पद पर कोविड काल के लैब टेक्नीशियन को, ओटी टेक्नीशियन के पदों पर कोविड काल के ओटी टेक्नीशियन के पदों पर भर्ती के निर्देश दिये गये हैं। इसी प्रकार स्वीपर, वार्ड ब्वॉय, आया, नॉन मेडिकल साइंटिस्ट, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, स्टाफ नर्स की भर्तियों में कोविड काल के लिए नियुक्त की गयी स्टाफ नर्सेज को प्राथमिकता देने के निर्देश दिये गये हैं। इनके अतिरिक्त आयुष्मान एमओ और बीडीएस एमओ पदों पर भर्ती वाक इन के माध्यम से आयोजित करते हुए संविदा पर नियुक्ति की जाये और इन पदों पर कोविड काल में नियुक्त आयुष्मान एमओ और बीडीएस एमओ को प्राथमिकता देने के निर्देश दिये गये हैं।