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आईएमए ने आयोजित किया नि:शुल्‍क अस्‍थमा शिविर

-मरीजों का हुआ पीएफटी, इन्‍हेलर व अन्‍य दवाओं का भी वितरण

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। विश्व अस्थमा दिवस के उपलक्ष्य में इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन लखनऊ शाखा द्वारा आज नि:शुल्‍क अस्थमा शिविर का आयोजन आईएमए भवन में सम्पन्न हुआ। इस शिविर में लगभग 55 मरीजों की निःशुल्क जांच व दवाओं का वितरण किया गया।

एसोसिएशन के अध्‍यक्ष डॉ जेडी रावत, सेक्रेटरी डॉ संजय सक्‍सेना, केजीएमयू के रेस्‍परेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्‍यक्ष डॉ सूर्यकान्‍त के मार्गदर्शन में आयोजित शिविर में एसोसिएशन के उपाध्‍यक्ष डॉ अजय वर्मा के साथ रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के जूनियर डॉ अमन वर्मा, डॉ जगदीश पटेल, डॉ आकाश भारद्धाज  एवं डॉ रनजीत रमन ने अस्थमा रोगियों का परीक्षण किया।

इस शिविर में रोगियों की पीएफटी (पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट) जांच निःशुल्क की गई तथा इन्हेलर थेरेपी के बारे में मरीजों को जानकारी दी गयी तथा निःशुल्क इन्हेलर और दवाइयों का भी वितरण किया गया।

इस अवसर पर उपस्थित रोगियों को सम्बोधित करते हुए इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन लखनऊ के सचिव डॉ संजय सक्सेना ने बताया कि उप्र में लगभग 60  लाख अस्थमा के रोगी है तथा धूम्रपान, प्रदूषण व फास्ट फूड के बढ़ते प्रचलन के कारण प्रदेश व देश में अस्थमा की रोगियों की संख्या बढ़ रही है। अस्थमा के प्रमुख लक्षण है- सांस फूलना, पसली चलना, सीने में भारीपन तथा बार-बार सर्दी जुकाम व खाँसी होना। अस्थमा की डायग्‍नोसिस पीएफटी जांच की जाती है। अस्थमा का सही उपचार इन्हेलर चिकित्सा है जो कि चिकित्सक की सलाह से नियमित रूप से लेना चाहिए। आईएमए के उपाध्यक्ष डॉ अजय वर्मा  ने इस अवसर पर अस्थमा रोगियों एवं उनके परिजनों को सम्बोधित करते हुए बताया कि अस्थमा का उचित इलाज इनहेलर चिकित्सा है जो कि अपने अस्थमा विशेषज्ञ की सलाह पर नियमित होना चाहिए उन्होने यह भी बताया कि अस्थमा के रोगियों को धूम्रपान व प्रदूषण से बचना चाहिए तथा शुद्ध शाकाहारी भोजन, हरी सब्जियां व फल प्रचुर मात्रा में खाना चाहिए। बच्चों तथा अस्थमा के रोगियों को फास्ट फूड का सेवन नहीं करना चाहिए।

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