-भैंगापन या आंख की पुतली में सफेद चमक हो सकते हैं रेटिनोब्लास्टोमा के लक्षण
सेहत टाइम्स
लखनऊ। 5 साल से छोटे बच्चों में यदि आंख में भैंगापन हो या आंख की पुतली में सफेद चमक दिखाई दे तो यह रेटिनोब्लस्टोमा (आंख का कैंसर) के प्रारंभिक लक्षण हो सकता है। ऐसे में नेत्र विशेषज्ञ से राय लेना बेहद जरूरी है।
यह जानकारी किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग में रेटिनोब्लास्टोमा सप्ताह के मौके पर जनमानस में जागरूकता के लिए 12 मई को आयोजित कार्यक्रम में बाल रोग विभाग के डॉ निशांत वर्मा ने आंखों के कैंसर (रेटिनोब्लास्टोमा) के शुरुआती लक्षण के बारे में बोलते हुए दी । उन्होंने कहा कि कैंसर की बीमारी बढ़ जाने पर रोगी की जान जाने की अत्यधिक संभावना होती है। अतः इन लक्षणों से साधारण जनमानस को अवगत कराने के लिए साल में एक बार रेटिनोब्लास्टोमा सप्ताह मई के दूसरे सप्ताह में मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश कैंसर हेल्प लाइन नम्बर 09811284406 है।
प्रौस्थोडॉन्टिक्स विभाग के डॉ रघुवर दयाल सिंह ने जानकारी दी कि इलाज के उपरांत कैंसर खत्म होने के बाद आंख में विकृति होने पर कृत्रिम आंख से सुधारा जाता है। यह कृत्रिम आंख केजीएमयू में कैंसर पीड़ित रोगियों को उत्कृष्ट आंख की सुविधा निशुल्क प्रदान की जाती है! इसमें रोगियों को माप एवं कृत्रिम आंख की जांच के लिए मात्र तीन बार ही आना पड़ता है।
विभागाध्यक्ष डॉ अपजित कौर ने बताया कि कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (डॉ0) बिपिन पुरी के निर्देशानुसार कैंसर से संबंधित जानकारी कार्यक्रम के माध्यम से उपलब्ध कराई गई। इस कार्यक्रम में नेत्र विभाग के सभी संकाय सदस्य, रेजिडेंट्स व कर्मचारी भी सम्मिलित हुए। डॉ अपजित कौर ने उपस्थित सभी लोगों को बताया कि रेटिनोब्लस्टोमा (आंख का कैंसर) के मरीजों में इलाज के उपरांत पुनर्वास का क्या महत्व है।
डॉ संजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि नेत्र विभाग, कैंसर के क्षेत्र में पिछले दो दशकों से अग्रणी रहा है और लगभग 250 रेटिनोब्लस्टोमा से ज्यादा बच्चों को इस आंख कैंसर रोग से निजात दिला चुका है। उन्होंने बताया कि रेटिनोब्लास्टोमा 5 साल से कम उम्र के बच्चों के आंख के पर्दे में होने वाला कैंसर को कहते है जिसकी पहचान जल्दी होने से ही इसका इलाज की सफलता निश्चित होती है।
कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एसएन संखवार, नेत्र विभाग की विभागाध्यक्ष व प्रोफेसर डॉ अपजित कौर, डॉक्टर रघुवर दयाल सिंह, प्रौस्थोडॉन्टिक्स विभाग, बाल रोग विभाग के डॉ निशांत वर्मा , डॉक्टर संजीव कुमार गुप्ता, डॉ कीर्ती श्रीवास्तव, डॉ रजत मोहन श्रीवास्तव, नेत्र विभाग के कर्मचारी, कैंनकिड्स संस्था के कर्मचारी एवं वर्षा फाउंडेशन के कर्मचारी भी शामिल हुए।